Deoria Murder Case: उत्तर प्रदेश के देवरिया में जमीनी विवाद में दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष के बाद पूर्व जिला पंचायत सदस्य समेत 6 लोगों की हत्या कर दी गई. पढ़ें देवरिया नरसंहार की इनसाइड स्टोरी...
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Deoria Murder Case Inside Story: उत्तर प्रदेश के देवारिया में सोमवार को जमीन विवाद में 6 लोगों की हत्या कर दी गई. इस नरसंहार ने देवरिया (Deoria) समेत पूरे उत्तर प्रदेश को दहला दिया. जमीनी विवाद को लेकर एक ही परिवार के पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया, जबकि एक मासूम अभी घायल है. यह घटना देवरिया जनपद के रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव के लेड़हा टोला की है, जहां के रहने वाले प्रेम यादव और सत्य प्रकाश दुबे में जमीन का विवाद चल रहा था. सोमवार को दोनों के बीच विवाद बढ़ गया और देखते ही देखते सत्यप्रकाश के परिवार वाले प्रेम यादव पर टूट पड़े. उन्होंने पत्थर, रॉड और ईट से मारकर उनकी हत्या कर दी. इसके बाद जैसे ही इसकी खबर प्रेम यादव के परिवार को लगी, सत्य प्रकाश के घर के बाहर भीड़ जमा हो गई और घर में मौजूद पांच लोग की हत्या कर दी, जिसमें सत्य प्रकाश दुबे (54 वर्ष), किरण दुबे (52 वर्ष), सलोनी (18 वर्ष), नंदिनी (10 वर्ष) और गांधी (15 वर्ष) शामिल हैं.
कैसे शुरू हुआ था विवाद, पढ़ें घटना की इनसाइड स्टोरी
फतेहपुर गांव के लेड़हा टोला के रहने वाले जर्नादन दुबे की मौत के बाद उनकी 18 बीघा जमीन उनके तीनों बेटों ओमप्रकाश दुबे, सत्यप्रकाश दुबे और ज्ञान प्रकाश दुबे उर्फ साधु के बीच बंट गई. लेकिन, कुछ साल बाद सबसे बड़े भाई ओम प्रकाश दुबे की भी मौत हो गई, जिसके बाद जमीन 2 भाइयों के बीच बंट गई. सबसे छोटा भाई ज्ञान प्रकाश नौकरी के सिलसिले में गुजरात में रहता था और भाई से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. इस वजह से उसने अपनी जमीन साल 2014 में पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव को बेच दी.
जमीन खरीदने के बाद प्रेम यादव ही उस जमीन पर खेती कर रहे थे, लेकिन यह बात सत्यप्रकाश दुबे को पसंद नहीं आ रही थी. साल 2016 में जमीन को लेकर सत्यप्रकाश दुबे और प्रेम यादव के बीच विवाद हुआ और सत्यप्रकाश ने कोर्ट केस भी कर दिया. इसके बाद से ही मामला कोर्ट में चल रहा था. गांव के कुछ लोग दबी जुबान में कहते हैं कि सत्यप्रकाश दुबे का परिवार पूरी जमीन हड़पना चाहता था और इसी वजह से विवाद बढ़ता गया.
सोमवार को घटना से ठीक पहले क्या हुआ?
इसी बीच सोमवार को विवादित जमीन पर दुबे परिवार मेड़ ठीक करने का प्रयास किया, जिसके बाद प्रेम यादव सत्य प्रकाश यादव के घर शिकायत लेकर पहुंचे, जहां बात बिगड़ गई और देखते ही देखते सत्य प्रकाश के परिवार ने पत्थर, रॉड और ईट से मारकर उनकी हत्या कर दी. प्रेम यादव की पत्नी ने बताया कि सुबह मेरे पति को एक फोन आया. इसके बाद उन्होंने मोटरसाइकिल स्टार्ट की और चले गए. थोड़ी ही देर बाद फोन पर सूचना मिली की आपके पति की हत्या हो गई.
प्रेम यादव की हत्या की खबर जैसे ही उनके परिवार वालों को लगी. सत्यप्रकाश दुबे के घर के बाहर भीड़ जमा हो गई और घर में मौजूद पांच लोग की हत्या कर दी, जिसमें सत्य प्रकाश दुबे (54 वर्ष), किरण दुबे (52 वर्ष), सलोनी (18 वर्ष), नंदिनी (10 वर्ष) और गांधी (15 वर्ष) शामिल हैं. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक पहुंचे. इतना ही नहीं, गोरखपुर से डीआईजी और आईजी भी घटना स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे. जिले के तमाम अधिकारी पहुंचे और मामले की जांच में जुट गए.
बच गई सत्य प्रकाश के बड़े बेटे और बड़ी बेटी की जान
घटना के वक्त सत्य प्रकाश दुबे का बड़ा बेटा और बड़ी बेटी घर पर नहीं थे, इसलिए उनकी जान बच गई. सत्यप्रकाश का बड़ा बेटा देवेश पूजा-पाठ कराता है और पूजा कराने के लिए बलिया गया हुआ था, जबकि, सत्यप्रकाश की बड़ी बेटी की दो साल पहले शादी हो चुकी है और वह अपने ससुराल में थी. देवेश ने बताया कि कल मेरे भाई गांधी का जन्मदिन था. उसने मुझे फोन भी किया था कि भैया मुझे क्या गिफ्ट दिलाओगे. मैं भागवत कथा में बलिया गया था. मैंने कहा मैं लौट कर आऊंगा तो तुम्हारे लिए गिफ्ट लाऊंगा. मैं लौट कर आया तो घर पर उसका शव मिला. देवेश ने बताया कि उसके छोटे भाई गांधी ने फोन किया था कि बदमाशों ने घर को घेर लिया है और मारने की धमकी दे रहे हैं. मैं सरकार से गुजारिश करता हूं इसमें सभी आरोहियों को फांसी की सजा दी जाए.