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नई दिल्ली: लाल क़िला (Red Fort) पर झंडा फहराने के मामले में आतंकियों के मोबाइल से बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि लाल क़िला पर झंडा फहराने (Flag Hoisting On Red Fort) की साजिश पहले से ही रची जा चुकी थी.
बता दें कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) स्पेशल सेल ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (Babbar Khalsa International) के दो आतंकियों को सितंबर, 2020 में गिरफ्तार किया था. जिसके बाद अब स्पेशल सेल ने UAPA के तहत पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट फाइल की है. इन आतंकियों का नाम भूपेंद्र सिंह और कुलवंत सिंह है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ये दोनों आतंकी कनाडा (Canada), बेल्जियम और पाकिस्तान (Pakistan) में बैठे अपने आकाओं के संपर्क में थे. दोनों आतंकी हमेशा जब फोन पर या आपस में बात करते थे तो कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे. जिसमें हथियारों को मेडिसिन बोलते थे.
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दिल्ली पुलिस ने जब इनके मोबाइल की जांच की तो उसमें 1 लाख से भी ज्यादा ऐसे पेज और फोटो मिले, जो आपत्तिजनक हैं. इनमें देश विरोधी बातें लिखी हैं. इसमें भिंडरावाले के पैम्फलेट भी शामिल हैं.
आतंकियों के पास से दिल्ली पुलिस को एक ऐसा पेज मिला, जिसमें लिखा है कि 3 सितंबर 2020 में इन लोगों ने पंजाब के रायकोट में तहसील की सरकारी बिल्डिंग में खालिस्तान का झंडा फहराया था. उसका वीडियो बनाकर कनाडा, बेल्जियम और पाकिस्तान भी भेजा था.
बरामद डॉक्यूमेंट में ये भी लिखा मिला कि आने वाले दिनों में हमें मौका मिला तो लाल क़िला पर भी झंडा फहरा देंगे, जैसे हमने रायकोट में फहराया था. ये लोग सिख फॉर जस्टिस और PJF के संपर्क में भी थे.
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बता दें कि ये दोनों आतंकी जब दिल्ली में सितंबर, 2020 में हथियार लेने आए थे तब इनको पुलिस ने गिरफ्तार किया था. दिल्ली में गिरफ्तारी से पहले इन दोनों पर पंजाब में मुकदमा चल रहा है, जिसमें UAPA एक्ट लगा हुआ है.
जान लें कि अभी इस चार्जशीट को दिल्ली सरकार की तरफ से सेंक्शन नहीं मिला है. जिसकी वजह से अभी तक कोर्ट ने इसका संज्ञान नहीं लिया है.
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