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मुंबई: मनसुख हिरेन हत्याकांड (Mansukh Hiren Murder Case) के मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा एनआईए (NIA) के सामने पेश होने के लिए बुधवार को पंहुचे. NIA मनसुख हिरेन हत्याकांड और स्कोर्पियो कार कांड में जांच के लिए प्रदीप शर्मा से पूछताछ कर रही है.
इस बीच बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा कि शरद पवार और उद्धव ठाकरे डेस्पेरेट हैं. वे सीबीआई जांच किसी कीमत पर नहीं होने देना चाहते हैं. प्रदीप, सरनाईक सीएम उद्धव ठाकरे के राइट हैंड डाकू हैं. आने वाले दिनों में प्रताप भी अरेस्ट होंगे.
सचिन वझे (Sachin Vaze) को लेकर की गई इन्क्वायरी की रिपोर्ट मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने महाराष्ट्र के गृह विभाग को बुधवार को सौंप दी है. 5 पन्नों की इस रिपोर्ट में सचिन वझे के 9 महीने के कार्यकाल का लेखा-जोखा दिया गया है. सचिन वझे को 8 जून 2020 को लोकल आर्म्स यूनिट में लिया गया था लेकिन अगले ही दिन 9 जून 2020 को सचिन वझे को तत्कालीन ज्वॉइंट सीपी क्राइम ने सीआईयू (CIU) यूनिट में ले लिया था.
मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्वॉइंट सीपी क्राइम ने इस पोस्टिंग को तत्कालीन सीपी परमबीर सिंह (Param Bir Singh) के सिर्फ मौखिक तौर पर कहने पर ही करवा दिया था. इंस्पेक्टर विनय घोरपड़े और सुधाकर देशमुख को भी सीआईयू (CIU) यूनिट में ट्रांसफर किया गया था.
रिपोर्ट के अनुसार, सचिन वझे क्राइम ब्रांच के किसी भी बड़े अधिकारी के बजाय सीधे तत्कालीन सीपी परमबीर सिंह को रिपोर्ट किया करते थे. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि तत्कालीन ज्वॉइंट सीपी क्राइम ने सचिन वझे की नियुक्ति का विरोध किया था लेकिन परमबीर सिंह के दबाव में उन्हें साइन करना पड़ा.
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गौरतलब है कि 25 मई 2020 का आदेश कहता है कि क्राइम ब्रांच की किसी भी यूनिट में पुलिस इंस्पेक्टर या इंचार्ज की नियुक्ति सिर्फ मुंबई कमिश्नर के आदेश से ही हो सकती है.
गृह विभाग को दी गई इस रिपोर्ट के मुताबिक, सीआईयू (CIU) यूनिट का इंचार्ज इंस्पेक्टर लेवल का अधिकारी ही बन सकता है लेकिन सचिन वझे महज एपीआई लेवल का अधिकारी था. फिर भी उसे तत्कालीन मुंबई सीपी के आदेश से CIU का इंचार्ज बनाया गया.
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मुंबई पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, नियम के अनुसार किसी भी यूनिट का इंचार्ज हायरार्की का पालन करेगा. जैसे इन्वेस्टिगेटिव अफसर यूनिट इंचार्ज को रिपोर्ट करेगा, इसके बाद ACP, DCP, एडिशनल CP और फिर ज्वॉइंट CP क्राइम को रिपोर्ट करेंगे. लेकिन इस मामले में सचिन वझे डायरेक्ट और सिर्फ मुंबई के तत्कालीन CP परमबीर सिंह को रिपोर्ट किया करते थे.
कहां, किस इलाके में रेड करनी है, कौन से मामले में क्या कार्रवाई करनी है, किसको अरेस्ट करना है, किसको विटनेस बनाना है, ऐसे मामलों में सचिन वझे को सीधे तत्कालीन मुंबई CP परामबीर सिंह आदेश देते थे. यही नहीं बल्कि सचिन वझे अपने जूनियर रैंक के अधिकारियों को भी किसी और अधिकारी को रिपोर्ट नहीं करने देते थे. पिछले 9 महीने में परमबीर सिंह के कहने पर सचिन वझे को 19 बड़े मामलों की इन्वेस्टीगेशन दी गई थी.
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