दिल्ली में एक मां ने अपनी 3 दिन की बच्ची को नाले (Child in Drain) में फेंक दिया, जिसके बाद बच्ची 12 घंटे तक ठंड में तड़पती रही और लगभग पूरी तरह से जम गई थी.
23 साल की इंश्योरेंस एजेंट अनु ने बताया कि कि वह स्कूटर से ऑफिस जा रही थीं, तब बच्ची का पता चला. बच्ची करीब 12 घंटे से ठंड में तड़प रही थी और लगभग पूरी तरह से जम चुकी थी. इसके बाद उन्होंने बच्ची को अस्पताल पहुंचाया.
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए अनु ने बताया कि सुबह करीब 9.50 बजे ऑफिस जा रही थी और जब नाले के पास से गुजर रही थी, तब वहां सफाई करने वालों ने बच्ची के बारे में बताया. जब मैं वहां पहुंची तो देखा कि बच्ची जिंदा है. इसके बाद उसे वहां से निकाला.
अनु ने बताया कि बच्ची जिंदा थी, लेकिन उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाने की जरूरत थी. जल्द अस्पताल पहुंचने के लिए मैंने रॉन्ग साइड में गाड़ी चलाई, ताकि यात्रा की दूरी कम कर पाऊं. उन्होंने बताया कि अस्पताल करीब 15 मिनट की दूरी पर था, लेकिन उल्टे साइड में गाड़ी चलाकर मैं सिर्फ 7 मिनट में अस्पताल पहुंच गई.
अनु ने बताया कि अस्पताल पहुंचने के बाद मैंने डॉक्टर को बताया कि यह बच्ची नाले में मिली है, इसके बाद डॉक्टरों ने तुरंत उसका इलाज शुरू कर दिया.
अनु ने बताया कि बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद वह एक सप्ताह तक ऑफिस नहीं जा पाईं, क्योंकि उसे 24 घंटे देखभाल की जरूरत थी. इसमें अनु के परिवार ने भी उनका साथ दिया.
इलाज के दौरान अनु का परिवार बच्ची के काफी करीब आ गया और अब उनकी बहन बच्ची को गोद लेना चाहती हैं. अनु ने कहा कि हम पूरी कानूनी प्रक्रिया से बच्ची को गोद लेने के लिए तैयार हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, जल्दी ही चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) बच्ची को अपनी कस्टडी में लेगी. अनु ने कहा कि हमने बच्ची की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की थी और एक सप्ताह तक बच्ची के खतरे से बाहर होने का इंतजार किया.
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