पुलिस मुठभेड़ (Police Encounter) में मारे गए आरोपी के अपराध करने का तरीका अलग तरह का था. वह पहले संबंधित परिवार की पूरी रेकी कर लेता था, उससे नजदीकियां बनाता था और फिर वारदात को अंजाम देता था.
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रतलाम: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रतलाम जिले में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया शातिर बदमाश और लुटेरा दिलीप देवल ऐसा अपराधी था जो लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद कोई निशान नहीं छोड़ता था. इतना ही नहीं कोई गवाह ही न रहे इसके लिए वह सामने आए व्यक्ति को गोली मारकर मौत के घाट उतार देता था.
गौरतलब है कि रतलाम में उसे इसी तरह की वारदात करना महंगा पड़ गया और वह पुलिस की गोली का निशाना बन गया. रतलाम में छोटी दिवाली के दिन एक परिवार को दिलीप ने अपना निशाना बनाया और लूट के बाद उस परिवार के तीनों सदस्यों के सिर पर गोली मार दी. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पुलिस (Police) के लिए इस हत्याकांड को सुलझाना काफी मुश्किल हो गया था. लगातार जगह-जगह दबिश दी जा रही थी, सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे थे.
बता दें कि रतलाम पुलिस ने तिहरे हत्याकांड के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो गुजरात (Gujarat) के दाहोद से और एक रतलाम से हैं. इसके बाद पुलिस ने आरोपी दिलीप की तलाश शुरू की और गुरुवार रात को उसके खाचरोद मार्ग क्षेत्र में होने की सूचना मिली. पुलिस ने घेराबंदी की और आरोपी दिलीप गोलीबारी में मारा गया.
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रतलाम के पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने बताया कि दिलीप पिछले कुछ समय से रतलाम में रह रहा था और वह यहां चार हत्याएं कर चुका था, इससे पहले उसने गुजरात के दाहोद में दो हत्या की थी. वह एक साइको किलर बदमाश था. वह लूट आदि की वारदात को अंजाम देने के बाद व्यक्ति के सिर में गोली मारकर हत्या कर देता था. वह दाहोद से जमानत पर रिहा होने के बाद से बीते दो साल से फरार चल रहा था.
पुलिस के मुताबिक, दिलीप ने रतलाम में आकर किराए का मकान लिया था और वह यहां नाम बदलकर रह रहा था. वह अपने को हिमांशु सोलंकी बताता था. इतना ही नहीं पूर्व परिचित एक महिला के सहारे वह लोगों से दोस्ती बनाता और संबंधित के बारे में सारी जानकारी जुटाता था. इसके बाद अपनी योजना को अंजाम देता था.
रतलाम में एक परिवार के तीन लोगों की हत्या करने के बाद पुलिस ने इस हत्याकांड से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया मगर दिलीप उनकी पकड़ से बाहर था. बताया गया है कि वह जिस मकान में रहता था, उसके सामने के दरवाजे का इस्तेमाल नहीं करता था क्योंकि उसे इस बात की आशंका रहती थी कि कहीं उसका चेहरा किसी सीसीटीवी कैमरे में कैद न हो जाए. वह पीछे के रास्ते से आता-जाता था.
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गौरतलब है कि दिलीप के अपराध करने का तरीका अलग तरह का था. वह पहले संबंधित परिवार की पूरी रेकी कर लेता था, उससे नजदीकियां बनाता था और फिर वारदात को अंजाम देता था. इतना ही नहीं वह जिस घर में वारदात को अंजाम देता था वहां जिस भी व्यक्ति से सामना होता था उसके सिर में गोली मार देता था.
गुजरात के दाहोद में भी उसने एक व्यापारी को इसी तरह मारा था. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पुलिस टीम को बधाई दी है. साथ ही इस मुठभेड़ में घायल हुए पुलिस जवानों के स्वस्थ होने की कामना की है.
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