भारत का वो रेलवे स्टेशन जहां 42 साल तक नहीं रुकी कोई ट्रेन, शाम 5 बजे के बाद खाली हो जाता था पूरा स्टेशन
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भारत का वो रेलवे स्टेशन जहां 42 साल तक नहीं रुकी कोई ट्रेन, शाम 5 बजे के बाद खाली हो जाता था पूरा स्टेशन

जब भी कोई ट्रेन बेगुनकोडोर स्टेशन से होकर गुजरती थी, तो उसका ड्राइवर ट्रेन की स्पीड बढ़ा लेता था, ताकि जल्द से जल्द वो स्टेशन क्रॉस हो जाए.

भारत का वो रेलवे स्टेशन जहां 42 साल तक नहीं रुकी कोई ट्रेन, शाम 5 बजे के बाद खाली हो जाता था पूरा स्टेशन

नई दिल्ली: आपने ट्रेन से यात्रा तो जरूर की होगी. यात्रा के दौरान आप भारत के ना जाने कितने ही राज्यों से होकर गुजरे होंगे. उसी समय आप कई ऐसे स्टेशनों पर भी रुके होंगे, जो किसी ना किसी वजह से पूरे देश में काफी फेमस है. लेकिन क्या आप कभी भारत के उस स्टेशन से होकर गुजरे हैं, जहां करीब 42 सालों तक कोई ट्रेन नहीं रुकी. अगर नहीं, तो बता दें कि भारत में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है, जहां करीब 42 सालों तक रेलवे ने स्टेशन होने के बावजूद कभी कोई ट्रेन नहीं रोकी. यहां तक कि जब भी कोई ट्रेन उस स्टेशन से होकर गुजरती थी, तो उसका ड्राइवर ट्रेन की स्पीड बढ़ा लेता था, ताकि जल्द से जल्द वो स्टेशन क्रॉस हो जाए. लेकिन आप इन भारत के इस स्टेशन के बारे में जानते हैं? अगर नहीं, तो बता दें कि हम बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन की बात कर रहे हैं. 

42 साल तक नहीं रुकी कोई ट्रेन
दरअसल, बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में स्थित है. साल 1967 में हुई एक घटना के बाद इस स्टेशन पर करीब 42 साल तक कोई ट्रेन नहीं रुकी थी. दरअसल, कहा जाता है कि यहां के स्टेशन मास्टर ने किसी भूत को देख लिया था, जिसे देखने के तुरंत बाद ही उसकी मृत्यु हो गई थी. इसी घटना के बाद से रेलवे ने इस स्टेशन पर ट्रेनों के रुकने पर पाबंदी लगा दी. लेकिन साल 2009 में जब ममता बनर्जी रेल मंत्री बनीं तब उन्होंने इस स्टेशन को फिर से शुरू करने का निर्देश दिया. हालांकि शाम 5 बजे के बाद इस स्टेशन पर ना ही कोई यात्री और ना ही कोई रेल कर्मी रुकता था. लोग इतना डरते थे कि शाम होते ही यहां से निकल जाते थे.

जुर्म की घटनाएं भी बढ़ी
इसी चक्कर में कई बार लोग यहां आकर एडवेंचर करने की भी कोशिश करते थे, जिस कारण यहां जुर्म की घटनाएं बढ़ने लगीं. लेकिन कुछ लोगों ने इस स्टेशन का सच सामने लाने की कोशिस की और जानना चाहा कि यहां सच में ऐसा कुछ है या नहीं. न्यू इंडियन एक्सप्रेस वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017 की पश्चिम बंग बिज्ञान मंच (Paschim Banga Bigyan Mancha) के 9 लोगों की एक टीम पुलिसकर्मियों के साथ यहां आई और यहां पूरी रात रुकने का फैसला किया. वे अपने साथ टॉर्च, कैमरे, कंपस आदि उपकरण भी लेकर आए थे.

इस तरह सामने आया इस स्टेशन का सच
उन्होंने वहां पूरी रात बिताई और अगले दिन मीडिया को बताया कि उनके उपकरणों में किसी भी तरह की कोई पैरानॉर्मल हलचल दर्ज नहीं हुई. लेकिन रात के करीब 2 बजे उन्हें स्टेशन के पास वाली झाड़ियों के पीछे से कुछ अजीबोगरीब आवाजें सुनाई दीं. जब उन्होंने वहां छानबीन की तो देखा कि कुछ लोग झाड़ी के पीछे खड़े होकर उन्हें डराने के लिए ऐसी आवाजें निकाल रहे हैं, तो उन्होंने उन लोगों को पकड़ने की कोशिश की मगर वे नाकाम रहे. इसके बाद उन लोगों ने यही अंदाजा लगाया कि लंबे वक्त से इस जगह पर लोग दूसरों को डराकर जुर्म को अनजाम दे रहे थे. बता दें कि अब इस स्टेशन में पुलिस हमेशा तैनात रहती है और ट्रेन भी इस स्टेशन पर रुकती है.

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