Experiential Learning Schools: यह स्कूल उन युवाओं के लिए वरदान है जो पढ़ाई में शायद अच्छे नहीं लेकिन प्रैक्टिकल में वो बहुत अच्छे हैं.
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Most Unique Schools In India: अपने बच्चों की पढ़ाई की जब बात आती है तो हम बेस्ट स्कूल कॉलेज की बात करते हैं, अलग अलग स्कूलों की जानकारियां निकालते हैं. उनकी पूरी हिस्ट्री निकाल लेते हैं कि स्कूल पहले कैसा था और अब कैसा है इसमें सुधार हुआ या फिर कुछ समस्याएं आई हैं. स्कूल भी एडमिशन देने के लिए अपने पैरामीटर सेट करके रखते हैं. जैसे पिछले स्कूल में कितने मार्क्स आए हैं, पढ़ाई में स्टूडेंट कैसा है. एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट होता है जिसे क्वालिफाई करने वाले ही एडमिशन पाते हैं. अगर कोई संबंधित स्कूल का क्राइटेरिया पूरा नहीं कर पाता है तो एडमिशन नहीं मिलता.
आज हम एक यूनिक स्कूल के बारे में बात कर रहे हैं. इस स्कूल का बेसिक क्राइटेरिया ही फेल होना है. मतलब इस स्कूल में उन स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलता है जो फेल हो जाते हैं. इस स्कूल का नाम SECMOL है. यह स्कूल लद्दाख में स्थित है. एसईसीएओएल स्कूल की कीमत 1988 में हुई थी. इस स्कूल की सबसे खास बात ये है कि इस स्कूल में कोई करिकुलम फॉलो नहीं किया जाता है.
क्या सिखाते हैं स्कूल में
इस स्कूल में स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल साइंस नॉलेज और लाइफ से जुड़ी चीजें सिखाई जाती हैं. स्कूल का पूरा का पूरा कैंपस स्टूडेंट्स खुद मैनेज करते हैं. यहां बिजली के लिए सोलर एनर्जी का इस्तेमाल किया जाता है. अगर इस स्कूल में एडमिशन लेना है तो 10वीं क्लास में फेल या ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स एडमिशन ले सकते हैं.
कितनी है फीस
स की बात करें तो इस स्कूल में कोई ट्यूशन फीस नहीं ली जाती है. यहां हर स्टूडेंट को खाने के लिए 2000 रुपये देने होते हैं. यहां हर स्टूडेंट को काम करना होता है, सबकी जिम्मेदारियां तय होती हैं.
क्या कहता है स्कूल
SECMOL के लॉन्ग कोर्स केवल लद्दाख के युवाओं के लिए हैं. स्कूल का कहना है कि, हम बहुत छोटे हैं, लेकिन हाल ही में हमें पूरे भारत से बच्चों के एडमिशन के लिए अनुरोध मिल रहे हैं, जो हमारे लिए संभव नहीं है. शायद भविष्य में संभव हो, लेकिन इस समय नहीं. हमारा स्थापना वर्ष लद्दाख के उन युवाओं के लिए है जो हाल ही में अपनी कक्षा 10 की परीक्षा में असफल हो गए हैं, और क्योंकि यह उन युवाओं के लिए है जो पहले शिक्षा में सफल नहीं हुए हैं, निश्चित रूप से यह ज्यादातर उनकी मातृभाषा, लद्दाखी में चलाया जाता है.
सबके लिए हैं ये कोर्स
सौलर डिजाइन, नेचुरल बिल्डिंग या अन्य टॉपिक पर हमारे शॉर्ट टर्म कोर्स (1 या 2 सप्ताह) अंग्रेजी में हैं और हर जगह के लोगों के लिए खुले हैं. ध्यान दें, ये कोर्स 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नहीं हैं.