Largest Hindu Temple: भारत में नहीं इस देश में है दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर, खासियतें जान रह जाएंगे हैरान
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Largest Hindu Temple: भारत में नहीं इस देश में है दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर, खासियतें जान रह जाएंगे हैरान

Angkor Wat Temple: दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर भारत में नहीं है. इस मंदिर को अंकोरवाट मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह अद्भुत मंदिर यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थलों में से एक है. आइए जानते हैं इसकी खासियत और इतिहास...

Largest Hindu Temple: भारत में नहीं इस देश में है दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर, खासियतें जान रह जाएंगे हैरान

Angkor Wat Temple: भारत की समृद्ध परंपराओं का अपना इतिहास रहा है. एक समय ऐसा था जब दुनियाभर में भारतीय संस्कृति और विरासत ने अपनी जड़ें जमाई. आज भी हमारी सभ्यता कई देशों तक फैली है. भारत एक हिंदू राष्ट्र है, लाजिमी है कि यहां के सबसे पुराने सनातन धर्म के इतिहास से जुड़े कई किस्से, धरोहरें यहां अब भी मौजूद हैं.

प्राचीन समय से लेकर आज तक यहां एक से बढ़कर एक मंदिरों का निर्माण हुआ है, लेकिन सबसे हैरानी वाली बात यह है कि दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर इस हिंदू राष्ट्र में स्थित नहीं हैं.  आज हम आपको बताने जा रहे हैं दुनिया के सबसे बड़े मंदिर के बारे में....

विश्व प्रसिद्ध हिंदू मंदिर
सनातन धर्म सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है.  इसकी पुरातन संस्कृति की झलक पूरी दुनिया में नजर आती है, तभी तो इस धर्म के प्रतीक, अवशेष, चिन्ह यहां तक प्राचीन मंदिर विदेशों में भी मिलते हैं. इन्हीं में से एक है अंकोरवाट मंदिर, जो दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है. कंबोडिया के अंकोर में स्थित यह मंदिर  402 एकड़ में फैला है. आइए जानते हैं विश्व प्रसिद्ध अंकोरवाट मंदिर की खासियतें और इतिहास...

पहले इस नाम से जाता जाता था मंदिर
प्राचीन समय में इस मंदिर का नाम 'यशोधरपुर' था. कहा जाता है कि इसका निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय (1112-53 ई) के शासनकाल में हुआ था. हालांकि, वह इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं करवा सके.  सूर्यवर्मन द्वितीय के भांजे और उत्तराधिकारी धरणीन्द्रवर्मन के शासनकाल में यह मंदिर बनकर तैयार हुआ. 

मंदिर की खास बातें 
खमेर शास्त्रीय शैली से प्रभावित स्थापत्य वाले इस विष्णु मंदिर की बनावट अद्भुत है. मिश्र और मैक्सिको के स्टेप पिरामिडों की तरह यह सीढ़ी पर उठता गया है. इसका मूल शिखर लगभग 64 मीटर ऊंचा है. बाकी के अन्य आठ शिखर 54 मीटर ऊंचे हैं. यह मंदिर 3.5 किलोमीटर लंबी पत्थर की दीवार से घिरा हुआ था, जिसके बाद 30 मीटर खुली भूमि और फिर बाहर 190 मीटर चौड़ी खाई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह चोल वंश के मंदिरों से मिलता-जुलता है. विश्व के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया है.

भगवान विष्णु का सबसे बड़ा मंदिर 
इस मंदिर की रक्षा के लिए चारों तरफ खाई बनवाई गई, जो करीब 700 फुट चौड़ा है.  दूर से यह खाई किसी झील की तरह नजर आती है, जिसे पार करके मंदिर में जाने के लिए पुल बनाया गया है. मंदिर में प्रवेश के लिए एक विशाल द्वार है. अंकोरवाट मंदिर में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों की मूर्तियां हैं. इस मंदिर की खासियत है कि विष्णु भगवान का यह दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है. 

मीकांग नदी के किनारे बना है मंदिर
यह अद्भुत मंदिर मीकांग नदी के किनारे सिमरिप शहर में स्थित है. इस मंदिर को कंबोडिया के लिए सम्मान का प्रतीक माना जाता है, जिसे यहां के राष्ट्रध्वज में भी स्थान दिया गया है. यह मंदिर मेरु पर्वत का प्रतीक भी है. 

सनातन संस्कृति का साक्ष्य
अंकोरवाट मंदिर की दीवारों पर हिंदू धर्मग्रंथों के प्रसंगों का अद्भुत चित्रण देखा जा सकता है. यहां समुद्र मंथन का दृश्य बड़ी सुंदरता से उकेरा गया है. दीवारों पर रामायण की कथाएं मूर्तियों के रूप में उकेरी गई हैं. आगे चलकर अंगकोरवात के हिंदू मंदिरों पर बौद्ध धर्म का गहरा प्रभाव पड़ा. बताया जाता है कि इनमें बौद्ध भिक्षुक रहा करते थे.

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