Cyclone In India: चक्रवाती तूफान 'मिचौंग' का असर तमिलनाडु में दिख रहा है, वहां के कई इलाके भारी बारिश की चपेट में हैं. वहां पानी भरने के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. देश में कई खतरनाक तूफान आ चुके हैं...
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Cyclonic storm In India: देश में साइक्लोन 'मिचौंग' दस्तक दे चुका है. बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान 'मिचौंग' ने खतरनाक रूप ले लिया है. भारत के तीन राज्य तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा हाई अलर्ट पर है. यहां इसका असर तूफान और बारिश के रूप में देखने को मिल रहा है.
आपको बता दें कि तूफान 'मिचौंग' साल 2023 में बंगाल की खाड़ी का चौथा तूफान है. देश में इससे पहले भी भयंकर खतरनाक तूफान आ चुके हैं, जिनकी चपेट में आकर हजारों लोगों को जाने गईं और भारी तबाही में करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ. यहां हम आपको ऐसे ही 5 खतरनाक तूफानों के बारे में बता रहे हैं..
चक्रवात ताउते
चक्रवात ताउते ने 17 मई 2021 को गुजरात के दक्षिणी तट पर दस्तक दी थी. यह बहुत ही गंभीर चक्रवात था. जब इस तूफान ने देश में दस्तक दी थी तब देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा था. इस चक्रवात में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। इस तूफान ने गुजरात, केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र राज्यों को प्रभावित किया था.
साइक्लोन अम्फान
चक्रवाल अम्फान ने 20 मई 2020 को पश्चिम बंगाल में दस्तक दी थी. साल 1999 में ओडिशा के सुपर साइक्लोन के बाद बंगाल की खाड़ी पर पहला सुपर साइक्लोन था. विश्व मौसम विज्ञान संगठन के मुताबिक यह उत्तर हिंद महासागर में रिकॉर्ड पर सबसे महंगा उष्णकटिबंधीय चक्रवात था, जिसके कारण देश में लगभग 14 अरब अमरीकी डालर का आर्थिक नुकसान हुआ था. इस चक्रवात ने भारत और बांग्लादेश में 129 लोगों की जान ली थी.
चक्रवात फेनी
चक्रवात फेनी ने 3 मई, 2019 को ओडिशा में पुरी के पास भारत के पूर्वी तट पर दस्तक दी थी. इस गंभीर चक्रवाती तूफान ने 64 लोगों की जान ली थी. 175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आए इस चक्रवात ने काफी नुकसान पहुंचाया था.
चक्रवात वरदा
वरदा बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान था, जो 12 दिसंबर 2016 को आया था. इसके कारण चेन्नई और आसपास के इलाकों में अवसंचरना को नुकसान हुआ था. इस तूफान की वजह से बड़ी संख्या में पेड़ गिर पड़े थे.
चक्रवात हुदहुद
चक्रवात हुदहुद 12 अक्टूबर 2014 को आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों से टकराया था. इसके कारण करीब 124 लोगों की मौत हुई थीं. इस तूफान के कारण हुई भारी बारिश, तेज हवाओं, तूफानी लहरों और बाढ़ के कारण विशाखापत्तनम और आस-पास के इलाको को गंभीर नुकसान पहुंचाया था.