Success Story: 22 साल की अनन्या पहले ही प्रयास में बनीं IAS, जानें सक्सेस मंत्र
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Success Story: 22 साल की अनन्या पहले ही प्रयास में बनीं IAS, जानें सक्सेस मंत्र

अनन्या बताती है कि उन्होंने प्लानिंग के साथ सिविल सर्विसेज की तैयारी की. इसी का नतीजा था कि उनका चयन पहले ही प्रयास में हो गया और उन्हें ऑल इंडिया 51वीं रैंक मिली. इस बारे में अनन्या सिंह का कहना है कि मेहनत और प्लानिंग के साथ तैयारी करने पर सिविल सर्विसेज जैसी परीक्षा को आसानी से पास किया जा सकता है.

Success Story: 22 साल की अनन्या पहले ही प्रयास में बनीं IAS, जानें सक्सेस मंत्र

नई दिल्ली. Success Story IAS Ananya Singh: संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में एक माना जाता है. हर वर्ष इस परीक्षा में लाखों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल होते हैं, जिसकी वजह से चयन सिर्फ कुछ ही अभ्यर्थियों का होता है. वहीं, कुछ अभ्यर्थी ऐसे भी होते हैं, जिनका पहली ही बार में चयन हो जाता है और ऐसे अभ्यर्थी अन्य के लिए प्रेरणास्त्रोत बन जाते हैं. ऐसी ही कहानी कुछ प्रयागराज की रहने वाली अनन्या सिंह का है.

अनन्या बताती है कि उन्होंने प्लानिंग के साथ सिविल सर्विसेज की तैयारी की. इसी का नतीजा था कि उनका चयन पहले ही प्रयास में हो गया और उन्हें ऑल इंडिया 51वीं रैंक मिली. इस बारे में अनन्या सिंह का कहना है कि मेहनत और प्लानिंग के साथ तैयारी करने पर सिविल सर्विसेज जैसी परीक्षा को आसानी से पास किया जा सकता है. अनन्या का सपना बचपन से आईएएस ऑफिसर बनने का था. यही कारण था कि वह ग्रेजुएशन के अंतिम साल से ही तैयारियों में जुट गईं थीं.

अनन्या के लिए शॉकिंग था रिजल्ट
अनन्या द्वारा दिए गए एक इंटरव्यू की मानें तो जब 2019 सिविल सर्विसेज एग्जाम का रिजल्ट आया और उनका चयन हो गया तो वे पूरी तरह शॉक हो गईं. क्योंकि उन्हें नहीं उम्मीद थी कि उनका चयन पहली बार में हो जाएगा. उनकी इस सफलता पर पूरा परिवार गौरवांवित हो उठा.

अनन्या का सक्सेस मंत्र
अनन्या का मानना है कि यूपीएससी की सिविल सर्विसेज की तैयारी अभ्यर्थियों को टाइम-टेबल बनाकर करनी चाहिए. इससे हर विषय को एक सामान समय मिलता है. जिससे तैयारी बेहतर होती है. साथ ही हमें यह भी पता चल जाता है कि हमारी मजबूती और कमजोरी क्या है? जिस पर फोकस करके हम उसे भी दूर कर सकते हैं.

अनन्या का मानना है कि अभ्यर्थियों को पिछले वर्ष का अधिक से अधिक पेपर भी देखना चाहिए. क्योंकि कई बार कुछ विषयों में प्रश्न रिपीट भी हो जाते हैं. इसके अलावा अभ्यर्थियों को उत्तरों में इंट्रो, बॉडी, कॉन्क्लूजन फॉर्मूला लागू करते समय कॉन्क्लूजन हमेशा सॉल्यूशन के साथ देना चाहिए.

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