Delhi to Kashmir Train Service: कश्मीर को जम्मू से जोड़ने वाली 272 किलोमीटर रेल मार्ग पर पहली ट्रेन का उद्घाटन आने वाले हफ्तों में होने की उम्मीद है.
कश्मीर घाटी को नई दिल्ली से जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का इंतजार पूरे देश को है. सरकार भी इस ड्रीम प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द शुरू करने की कोशिश में है. लेकिन इस सब के बीच जम्मू के लोग क्यों परेशान और डरे हुए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, 7 और 8 जनवरी को रेलवे अधिकारी जम्मू में रेलवे लाइन के 17 किलोमीटर लंबे कटरा-रियासी ट्रैक का फाइनल इंस्पेक्शन करेंगे. कश्मीर को जम्मू से जोड़ने वाली 272 किलोमीटर रेल मार्ग पर पहली ट्रेन का उद्घाटन आने वाले हफ्तों में होने की उम्मीद है.
जम्मू के लोगों का मानना है कि इस रेल लाइन के चालू होने से उनकी अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हो सकता है. जम्मू हमेशा से कश्मीर घाटी और दिल्ली के बीच का मुख्य प्रवेश द्वार रहा है. लेकिन नई रेल लाइन से घाटी के लोग सीधे दिल्ली और अन्य शहरों से जुड़ जाएंगे. इससे जम्मू के होटल और परिवहन व्यवसाय को बड़ा झटका लगने की आशंका है.
वर्तमान में कश्मीर घाटी का एकमात्र सड़क मार्ग जम्मू से होकर गुजरता है. पैसेंजर और प्रोडक्ट दोनों के लिए जम्मू एक मुख्य केंद्र है. कश्मीर के लोग यहां खरीदारी करते हैं और ठहरते भी हैं. लेकिन नई ट्रेन से लोगों की जम्मू पर निर्भरत खत्म हो सकती है.
अंग्रेजी वेबसाइट scroll ने जम्मू में प्राइवेट बस कंपनियों के मालिक रवि बारू के हवाले से लिखा है कि लोग नई ट्रेन चलने से पहले ही चिंतित हैं. उनका कहना है, "अगर कश्मीरी जम्मू नहीं आएंगे, तो हमारा कारोबार खत्म हो जाएगा." हर दिन यहां से 80-100 बसें देश के अलग-अलग हिस्सों के लिए रवाना होती हैं.
8-10 बसों के मालिक 66 साल के बारू कहते हैं कि फिलहाल जम्मू, कश्मीर और दिल्ली के बीच एकमात्र कनेक्टिंग रूट है. लेकिन इस रेलवे लाइन के चालू होने के बाद कोई भी जम्मू में समय बर्बाद करना क्यों चाहेगा? वे श्रीनगर में ट्रेन पर चढ़ेंगे और सीधे नई दिल्ली में उतरेंगे.
बारू आगे कहते हैं कि अगर कश्मीरी और कश्मीर जाने वाले जम्मू नहीं आते हैं, तो हम खत्म हो जाएंगे. जम्मू के होटल बिजनेसमैन भी परेशान नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि सर्दियों में घाटी के लोग जम्मू में रुकते थे, जिससे होटल इंडस्ट्री को बूम मिलता था. लेकिन सीधी ट्रेन सर्विस से घाटी के लोग अब सीधे दिल्ली तक जा सकेंगे.
जम्मू के बिजनेस लीडर्स और रिप्रेज़ेंटेटिव का कहना है कि नई रेलवे लाइन से जम्मू के होटल और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. सरकार द्वारा साल 2021 में Darbar Move सिस्टम को खत्म करने के बाद पहले ही जम्मू के लोगों को झटका लग चुका है.
जुलाई 2021 में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वार्षिक 'दरबार मूव' सिस्टम को समाप्त कर दिया था. इसके तहत हर सर्दी में 6 महीने के लिए सरकारी कार्यालय जम्मू ट्रांसफर हो जाते थे. इससे स्थानीय व्यवसायों को आर्थिक फायदा होता था.
जम्मू के रघुनाथ बाजार जैसे इलाकों के व्यापारियों का कहना है कि दरबार मूव खत्म होने से होटल और परिवहन उद्योग पहले से ही प्रभावित थे. अब नई रेल सेवा इस असर को और बढ़ा सकती है. वहां के ट्रांसपोर्टर का कहना है कि सर्दियों में 80-90% यात्री कश्मीर से आते हैं. अगर ये लोग सीधा दिल्ली या अन्य शहरों में जाएंगे, तो हमारी इनकम घट जाएगी.
इस मसले को लेकर व्यापारी संगठन ने सरकार के सामने आवाज उठाई है. जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने इस मुद्दे पर केंद्रीय रेल मंत्री और स्थानीय सांसदों से मुलाकात की है. उनका कहना है कि इस रेल लाइन के शुरू होने से जम्मू की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा.
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