सलमान के मृत अंगरक्षक के साक्ष्य का किया जा सकता है उपयोग : कोर्ट
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सलमान के मृत अंगरक्षक के साक्ष्य का किया जा सकता है उपयोग : कोर्ट

सत्र अदालत ने सिने अभिनेता सलमान खान के 2002 के ‘हिट एंड रन’ मामले में उनके दिवंगत अंगरक्षक रवीन्द्र पाटिल के बयान पर भरोसा करने की अनुमति आज अभियोजन पक्ष को दे दी। पाटिल इस मामले के प्रत्यक्षदर्शी और अभिनेता सलमान खान के अंगरक्षक थे लेकिन मुकदमे के दौरान ही उनका निधन हो गया। पाटिल एक पुलिस सिपाही था और मजिस्ट्रेट के समक्ष चल रहे पूर्व मुकदमे के बीच में ही तीन अक्तूबर 2007 को उसका निधन हो गया था।

सलमान के मृत अंगरक्षक के साक्ष्य का किया जा सकता है उपयोग : कोर्ट

मुंबई : सत्र अदालत ने सिने अभिनेता सलमान खान के 2002 के ‘हिट एंड रन’ मामले में उनके दिवंगत अंगरक्षक रवीन्द्र पाटिल के बयान पर भरोसा करने की अनुमति आज अभियोजन पक्ष को दे दी। पाटिल इस मामले के प्रत्यक्षदर्शी और अभिनेता सलमान खान के अंगरक्षक थे लेकिन मुकदमे के दौरान ही उनका निधन हो गया। पाटिल एक पुलिस सिपाही था और मजिस्ट्रेट के समक्ष चल रहे पूर्व मुकदमे के बीच में ही तीन अक्तूबर 2007 को उसका निधन हो गया था।

अभियोजन ने कहा था कि पाटिल का बयान मजिस्ट्रेट ने दर्ज किया था। उसने कहा कि उस बयान को इस मुकदमे में रिकार्ड में लिया जाना चाहिए। यह मुकदमा अभिनेता के विरूद्ध गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाये जाने के बाद फिर से चलाया जा रहा है।

पाटिल ने अपने बयान में कहा था कि वह घटना के समय सलमान के पीछे बैठा था और उसने उन्हें लापरवाही से वाहन नहीं चलाने के लिए आगाह किया था लेकिन खान ने उसकी सलाह पर ध्यान नहीं दिया।

घटना के बाद पाटिल ने ही हादसे की शिकायत लिखवायी थी और यह भी कहा था कि उस समय अभिनेता शराब के प्रभाव में था।

सलमान की कार 28 दिसंबर 2002 को एक उपनगरीय क्षेत्र बांद्रा में एक बेकरी में घुस गयी थी जिसमें एक व्यक्ति मारा गया था जबकि फुटपाथ पर सोने वाले चार अन्य घायल हो गये थे।

न्यायाधीश डी डब्ल्यू देशपांडे ने पाटिल के बयान पर अभियोजन एवं बचाव पक्ष को जवाब देने के लिए अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि सलमान को इस बात का अवसर दिया जाये जिसमें वह यह बता सकें कि पाटिल ने किस परिस्थिति में यह बयान दिया।

अदालत ने कहा कि आरोपी को पाटिल के बयान के परिप्रेक्ष्य में जांच अधिकारी से जिरह करने की अनुमति दी जायेगी। साथ ही उन्हें बचाव पक्ष द्वारा अंत में दी जाने वाली दलील के समय अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिये कहा जायेगा।

उन्होंने कहा कि पाटिल के साक्ष्य का आकलन अभी नहीं बल्कि बाद में ही किया जायेगा।

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