फरहान अपने ट्वीट के माध्यम से इस हिंसा का विरोध करने के बजाय कहीं- कहीं मूक समर्थन में दिखाई दिए तो ट्रोल हो गए. एक यूजर ने लिखा- इस लॉजिक के हिसाब से तो तुम्हें ही डेविड धवन से रोल मांगना चाहिए.
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नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में कई जगह हिंसक घटनाएं हो रही हैं. इसी बीच एक यूजर ने फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) को टैग करते हुए ट्वीट किया किया कि अपनी कौम तक ये बात पहुंचाएं कि मेरे देश की संपत्ति को बर्बाद न करें. फिर जब इन्हें गिरफ्तार करके पीटा जाएगा, तो रोना मत. यूजर ने इस ट्वीट में जावेद अख्तर और शबाना आजमी को भी टैग किया था. इसके जवाब में फरहान अख्तर ने ट्वीट किया- 'बीगॉट नंबर 1' (कट्टर नंबर वन). मैं डेविड धवन को रिक्वेस्ट करने जा रहा हूं कि तुम्हें 'कट्टर नंबर वन' में कास्ट करें. तुम इस रोल के लिए परफेक्ट हो. फरहान ने हिंसा त्यागने की अपील करने के बजाय ऐसा ट्वीट किया.
Going to request David Dhawan to cast you in ‘Bigot no 1.’ .. you are perfect for the part. https://t.co/mJY06imbA4
— Farhan Akhtar (@FarOutAkhtar) December 15, 2019
फरहान अपने ट्वीट के माध्यम से इस हिंसा का विरोध करने के बजाय कहीं- कहीं मूक समर्थन में दिखाई दिए तो ट्रोल हो गए. एक यूजर ने लिखा- इस लॉजिक के हिसाब से तो तुम्हें ही डेविड धवन से रोल मांगना चाहिए. एक ने लिखा- अपने 'भाइयों' के खिलाफ कभी नहीं बोलोगे. ट्विटर पर फरहान को ट्रोल करने वालों की कमी नहीं है.
एक यूजर अनंत कदम ने फरहान अख्तर को लिखा कि पर्दे पर मिल्खा सिंह बनने से कोई असल मे मिल्खा नहीं बनता, जिस देश ने इन जैसे दोगले को स्टार किया उसी देश की राष्ट्रीय सम्पति नष्ट करने पर हर्षित हो रहे हैं.
पर्दे पर मिल्खा सिंह बनने से कोई असल मे मिल्खा नही बनता, जिस देश ने इन जैसे दोगले को स्टार किया उसी देश की राष्ट्रीय सम्पति नष्ट करने पर हर्षित हो रहे है
— Anant Kadam (@AnantKadam_IN) December 15, 2019
एक यूजर ने लिखा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना इस देश की परंपरा है, आप लोग नहीं समझेंगे. यूं दंगा करने को आप सपोर्ट कर रहे हैं. एक ने लिखा कि शांति पूर्वक विरोध कर अपनी बात रखने वाला आपको धब्बा नजर आता है और देश जलाने वाले राष्ट्रभक्त.
बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर रविवार को प्रदर्शन के हिंसक हो जाने पर राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों व राहगीरों को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा. करीब 1,000 लोगों की भीड़ ने सीएए को लेकर प्रदर्शन किया. जामिया यूनिवर्सिटी से जमकर पत्थरबाजी हुई. बसें और वाहन फूंके गए, जिसमें कई लोग घायल हो गए.