Hera Pheri Movie: साल 1976 में रिलीज हुई कॉमेडी-ड्रामा फिल्म 'हेरा फेरी' के लिए फिरोज खान ने संडे की वजह से मना कर दिया था. फिरोज खान के ऑफर ठुकराने के बाद फिल्म विनोद खन्ना के हिस्से में आई, लेकिन एक्टर ने ऑफर लेने से पहले दो शर्तें मेकर्स के सामने रख दी थीं.
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Vinod Khanna-Amitabh Bachchan Movie: ऐसे तो हर एक्टर अपने कंफर्ट और किरदार को ध्यान में रखकर किसी भी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनता है. लेकिन आज हम एक ऐसी फिल्म का किस्सा बताने जा रहे हैं, जिसे एक सुपरस्टार ने संडे की वजह से ठुकरा दिया था. सुपरस्टार के ऑफर रिजेक्ट करने के बाद उस किरदार के लिए दूसरा एक्टर ढूंढा गया तो उसने भी मेकर्स के सामने दो शर्तें रख दीं. आइए, यहां जानते हैं आखिर वह कौन-सी फिल्म थी, जिसकी कास्टिंग के लिए मेकर्स को खूब हाथ-पैर मारने पड़े.
संडे की वजह से सुपरस्टार ने ठुकराई फिल्म!
एंटरटेनमेंट खबरों की मानें तो साल 1976 में रिलीज हुई फिल्म 'हेरा-फेरी' के लिए मेकर्स पहले अमिताभ बच्चन के साथ फिरोज खान को साइन करना चाहते थे. जी हां...मेकर्स ने जाकर फिरोज खान को हेरा-फेरी की कहानी भी सुनाई लेकिन स्टार ने फिल्म करने से मना कर दिया. और इसकी वजह रही संडे. कहा जाता है कि फिरोज खान अपने उसूलों के पक्के थे और वह संडे को शूटिंग नहीं करते थे. लेकिन 'हेरा-फेरी' के शेड्यूल में संडे भी शामिल था. ऐसे में एक्टर ने फिल्म करने से मना कर दिया.
इस एक्टर ने रखीं दो शर्तें
'हेरा फेरी' (1976) के मेकर्स फिरोज खान से निराशा मिलने के बाद नए एक्टर की तलाश में लग गए. फिर उन्हें विनोद खन्ना मिले. लेकिन कमाल की बात यह है कि हेरा फेरी करने से पहले विनोद खन्ना ने भी मेकर्स के सामने दो शर्तें रख दीं. एंटरटेनमेंट रिपोर्ट्स के मुताबिक, विनोद खन्ना की पहली शर्त थी कि उनका रोल अमिताभ बच्चन के एकदम बराबर होगा. और दूसरी शर्त थी कि वह अमिताभ बच्चन की फीस से एक लाख ज्यादा बतौर फीस लेंगे. हेरा फेरी के मेकर्स, विनोद खन्ना को हाथ से नहीं जाने देना चाहते थे, तो उन्होंने एक्टर की शर्तें कबूल कर ली.