जगन शक्ति द्वारा निर्देशित इस फिल्म में अक्षय कुमार के अलावा विद्या बालन, सोनाक्षी सिन्हा, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी, शरमन जोशी, नित्या मेनन, संजय कपूर और जीशान अयूब भी अहम भूमिकाओं में हैं.
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नई दिल्ली: बॉलीवुड के 'खिलाड़ी' अक्षय कुमार की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'मिशन मंगल' 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन सिनेमाघरों में रिलीज हो गई. इस फिल्म का लोगों को बहुत बेसब्री से इंतजार था. जगन शक्ति द्वारा निर्देशित इस फिल्म में अक्षय कुमार के अलावा विद्या बालन, सोनाक्षी सिन्हा, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी, शरमन जोशी, नित्या मेनन, संजय कपूर और जीशान अयूब भी अहम भूमिकाओं में हैं. इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुकी देश की अंतरिक्ष यात्रा की सफलता को इस फिल्म में बखूबी दिखाया गया है. स्वतंत्रता दिवस के दिन अक्षय कुमार एक ऐसी फिल्म हमारे बीच लेकर आए हैं, जिसे देखने के बाद आपके अंदर देश के प्रति जोश, जुनून, प्यार और सम्मान पहले से भी ज्यादा बढ़ जाएगी.
फिल्म में अक्षय कुमार इसरो के साइंटिस्ट और मिशन डायरेक्टर 'राकेश धवन', विद्या बालन इसरो की ही साइंटिस्ट और प्रॉजेक्ट डायरेक्टर 'तारा शिंदे', सोनाक्षी सिन्हा 'ऐका गांधी', तापसी पन्नू 'कृतिका अग्रवाल', नित्या मेनन 'वर्षा पिल्ले', शरमन जोशी 'परमेश्वर नायडू' और अनंत अय्यर 'एचजी दत्तात्रेय' की भूमिका में हैं. फिल्म की कहानी इसरो के मार्स प्रॉजेक्ट पर आधारित है, जब 24 सितंबर 2014 को इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) की कई महिला साइंटिस्टों ने मंगल गृह की कक्षा में सैटलाइट लॉन्च किया था. फिल्म की कहानी साल 2010 से शुरू होती जब तारा के साथ मिलकर राकेश एक जीएसएलवी सी-39 नामक मिशन के अंतर्गत एक रॉकेट लॉन्च करता है, लेकिन इसमें उसे सफलता नहीं नहीं मिलती और दुर्भाग्य से राकेश का यह मिशन फैल हो जाता है. इसके बाद राकेश को इसके बाद राकेश को मार्स प्रॉजेक्ट वाले विभाग में भेज दिया जाता है.
यहां एक बार फिर तारा के दिमाग में मिशन मंगल का आइडिया आता है. इस आइडिया को लेकर तारा और राकेश इसरो के हेड से मिलते हैं और उन्हें इस मिशन की पूरी बात बताते हैं, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है बजट का. फिर भी राकेश की जिद और कमिटमेंट के आगे इसरो के हेड विक्रम गोखले उसे ऐका गांधी, कृतिका अग्रवाल, वर्षा पिल्ले, परमेश्वर नायडू और एचजी दत्तात्रेय जैसे नौसिखिए साइंटिस्टों की टीम देते हैं. अब इस टीम के साथ राकेश कैसे मिशन मंगल को सफल बना पाता है, इसके लिए आपको खुद सिनेमाघर जाकर पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी.
फिल्म की डायरेक्शन की बात करें तो फिल्म के हर एंगल और हर फ्रेम को जगन शक्ति द्वारा बखूबी पेश किया गया है. कहानी कहीं से भी बिखरी हुई नजर नहीं आती है. फिल्म के कई सीन में आप भावुक तो हो ही जाएंगे. साथ ही साथ आपके अंदर भी जोश और जुनून भर जाएगा. हालांकि टेक्निकल मामले की बारें तो स्पेशल इफेक्ट्स में फिल्म थोड़ी कमजोर नजर आई. VFX इफेक्ट्स अगर थोड़ा दमदार होता तो स्पेस वाले दृश्य और भी बेहतरीन बनाए जा सकते थे. इसके बावजूद यह कहना कहीं से भी गलत नहीं होगा कि एक साइंस और सच्ची ऐतिहासिक घटना पर आधारित फिल्म के साथ जगन शक्ति अपना प्रभाव जमाने में कामयाब रहे हैं. यह फिल्म पूरे परिवार के साथ जाकर देखी जा सकती है.