महजबीं पहली बार 1939 में फिल्म निर्देशक विजय भट्ट की फिल्म 'लैदरफेस' में बेबी महज़बीं के रूप में नज़र आईं.
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नई दिल्ली: भारतीय सिनेमा की 'ट्रेजडी क्वीन' के नाम से मशहूर अभिनेत्री मीना कुमारी का आज यानी एक अगस्त को जन्मदिवस है. अपनी खूबसूरती ने सभी को अपना कायल बनाने वाली मीना कुमारी की याद में गूगल ने शानदार डूडल बनाया है. तीन दशकों तक बॉलीवुड पर राज करने वाली मीना कुमारी ने कई फिल्मों में ऐसा अभिनय किया कि उन्हें 'साहब बीवी और गुलाम' के गीत 'न जाओ सैयां छुड़ाके बैयां..' के लिए आज भी याद किया जाता है.
मीना कुमारी का जन्म मुंबई में 1 अगस्त, 1932 को हुआ था. उनका असली नाम महजबीं बानो था. मीना के पिता अली बख्स पारसी रंगमंच के कलाकार थे और उनकी मां थियेटर कलाकार थीं. मायानगरी के जानकार बताते हैं कि मीना कुमारी का बचपन बहुत ही तंगहाली में गुजरा था. उन्होंने जीवन के दर्द को जीया इसलिए उनकी फिल्मों में कोई भी दुख का दृश्य उनके अभिनय से जीवंत हो उठता था. मीना कुमारी ने ज्यादातर दुख भरी कहानियों पर आधारित फिल्मों में काम किया. इसलिए उन्हें हिंदी फिल्मों की ट्रेजिडी क्वीन कहा जाता है.
महजबीं पहली बार 1939 में फिल्म निर्देशक विजय भट्ट की फिल्म 'लैदरफेस' में बेबी महज़बीं के रूप में नज़र आईं. 1940 की फिल्म 'एक ही भूल' में विजय भट्ट ने इनका नाम बेबी महजबीं से बदल कर बेबी मीना कर दिया. 1946 में आई फिल्म बच्चों का खेल से बेबी मीना 13 वर्ष की आयु में मीना कुमारी बनीं.
बचपन में झेले इस दुख ने उनका ताउम्र पीछा नहीं छोड़ा. फिल्मों में उन्होंने काफी दौलत और शौहरत कमाई. अपनी खूबसूरती, अदाओं और बेहतरीन अभिनय से सभी को अपना दीवाना बना चुकीं मीना कुमारी की जिंदगी में दर्द आखिरी सांस तक रहा. वह जिंदगी भर अपने अकेलेपन से लड़ती रहीं.
ताउम्र रही प्यार की तलाश
मीना कुमारी को मशहूर फिल्मकार कमाल अमरोही में अपने प्रति प्यार की भावना नजर आई. उन्होंने कमाल से ही निकाह कर लिया. लेकिन उन्हें कमाल की दूसरी पत्नी का दर्जा मिला. लेकिन इसके बावजूद कमाल के साथ उन्होंने 10 साल बिताए. मगर धीरे-धीरे मीना कुमारी और कमाल के बीच दूरियां बढ़ने लगीं और फिर 1964 में मीना कुमारी कमाल से अलग हो गईं. बताते हैं कि धर्मेंद्र की वजह से कमाल और मीना कुमारी के रिश्तों में खटास आई.