Bollywood Comedians: सलमान से पहले यह सितारा था बॉलीवुड का ‘भाईजान’, सब कहते थे कॉमेडी का बाप
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Bollywood Comedians: सलमान से पहले यह सितारा था बॉलीवुड का ‘भाईजान’, सब कहते थे कॉमेडी का बाप

Actors of hindi cinema: महमूद के बगैर हिंदी फिल्मों की कॉमेडी का इतिहास नहीं लिखा जा सकता. उनकी शोहरत अपने दौर के बड़े से बड़े सितारे से ज्यादा थी. लेकिन उनकी दरियादिली भी उतनी ही मशहूर थी. लोग उन्हें नाम से नहीं ‘भाईजान’ कह कर बुलाते थे.

Bollywood Comedians: सलमान से पहले यह सितारा था बॉलीवुड का ‘भाईजान’, सब कहते थे कॉमेडी का बाप

Popular comedy actors: बॉलीवुड में आज सलमान खान को ‘भाईजान’ कहा जाता है. लेकिन सलमान से पहले हिंदी फिल्मों की दुनिया में कोई ‘भाईजान’ था, तो वह महमूद थे. शानदार ऐक्टर. बेजोड़ कॉमेडियन. 1960 और 1970 का फिल्मी दौर महमूद के बगैर अधूरा है. उन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में शुरुआत की और हिंदी की अमर फिल्म किस्मत (1942) में अशोक कुमार के बचपन का रोल निभाया, लेकिन बड़े होकर उन्हें कई फिल्मों में छोटे-छोटे रोल निभाने पड़े.

किस्मत का खेल

महमूद के पिता ममुताज अली स्टेज के बेहतरीन ऐक्टर थे लेकिन फिल्मों में नहीं चले और आखिरी दिनों में उनकी स्थिति भिखारियों जैसी हो गई. मुमताज नहीं चाहते थे कि उनका कोई बच्चा ऐक्टर बने. मगर महमूद फिल्मों में उतर आए. संघर्ष के दिनों में मजदूरी की, मीना कुमारी को टेबल टेनिस सिखाया और निर्माता पी.एल. संतोषी के ड्राइवर बने. संतोषी आज के निर्देशक राजकुमार संतोषी के पिता थे. लेकिन किस्मत पलटी राज कपूर और माला सिन्हा की फिल्म परवरिश (1958) से. शम्मी कपूर-माला सिन्हा की दिल तेरा दीवाना (1962) ने महमूद को स्टार बनाया. इसके बाद उन्होंने मुड़ कर नहीं देखा.

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सबके ‘भाईजान’

उनकी कॉमेडी रंग लाई और ऐसा समय आया कि वितरक तभी फिल्म खरीदते, जब पर्दे पर महमूद नाम दिखता. महमूद पर पूरे कुनबे के करीब 150 लोगों की जिम्मेदारी थी. सब उन्हें ‘भाईजान’ कहते. यहां से होते-होते वह इंडस्ट्री के ‘भाईजान’ बन गए. उनकी दरियादिली कम नहीं थी. उन्होंने इंडस्ट्री में सैकड़ों लोगों की मदद की. अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा, अरुणा ईरानी, राजेश खन्ना से लेकर आर.डी. बर्मन तक को उन्होंने सहारा दिया. अमिताभ शुरुआती दिनों में महमूद के घर में रहे. महमूद ने ही अपनी फिल्म बॉम्बे टू गोवा में अमिताभ को पहली बार लीड ऐक्टर बनाया.

किंग साइज लाइफ

महमूद ने फिल्मी दुनिया के अलावा सैकड़ों वृद्धाश्रमों, अनाथालयों, मस्जिदों, चर्चों और दरगाहों में जरूरतमंदों की मदद की. वह अक्सर खुद जाकर खाना बांटते थे. वह विदेश से लौटते तो लिफ्टमैन, वॉचमैन और पोस्टमैन के लिए भी गिफ्ट लाते. उन्होंने सैकड़ों लोगों को फिल्म बनाने के लिए तो कभी मुश्किल वक्त में पैसे दिए. लोगों ने उन्हें धोखे दिए. एक समय महमूद की फीस लीड हीरो से ज्यादा थी और शाही अंदाज में रहने वाले महमूद के पास 24 कारों का काफिला था. वह कॉमेडी के बादशाह थे. पड़ोसन, कुंवारा बाप, भूत बंगला, प्यार किए जा, मैं सुंदर हूं, धूल का फूल, बॉम्बे टू गोवा, एक कली मुस्काई और दिल तेरा दीवाना उनकी यादगार फिल्में हैं.

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डर गए हीरो

महमूद की लोकप्रियता का वह शिखर आया कि जब हीरो साथ काम करने से इंकार करने लगे क्योंकि जिस फिल्म में वह होते, किसी और की चर्चा नहीं होती. महमूद फिल्मों से दूर हो गए. बंगलूर में अपने फार्महाउस पर रहने लगे. पांच साल बाद वापसी की, परंतु स्वास्थ्य खराब हो चला था. उन्होंने आखिरी सांस अमेरिका में ली, लेकिन उनकी इच्छा के मुताबिक वतन लाकर ही दफनाया गया. अमिताभ ने उन्हें भुला दिया था, जैसी बातें खूब होती हैं. लेकिन ‘भाईजान’ की खबर मिलने के बाद जब तक उनका पार्थिव शरीर मुंबई पहुंच नहीं गया, तब तक अमिताभ ने पांच दिन कोई शूटिंग नहीं की थी.

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