Bollywood comedians: इस मशहूर कॉमेडियन की मौत हुई थी फिल्म के सेट पर, आखिरी डायलॉग में कही बड़ी बात
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Bollywood comedians: इस मशहूर कॉमेडियन की मौत हुई थी फिल्म के सेट पर, आखिरी डायलॉग में कही बड़ी बात

Actors of Hindi cinema: हिंदी सिनेमा में आज कॉमेडियन नहीं दिखते क्योंकि हीरो ही कॉमेडी करते हैं. लेकिन कभी कॉमिक कलाकारों का जलवा था. ऐसे ही शानदार एक्टर थे गोप. सेट पर उनकी मौत हुई तो लोगों को लगा कि एक्टिंग कर रहे हैं.

Bollywood comedians: इस मशहूर कॉमेडियन की मौत हुई थी फिल्म के सेट पर, आखिरी डायलॉग में कही बड़ी बात

Popular comedy actors: मेरे पिया गए रंगून, वहां से किया है टेलीफून... इस बात का चांस कम है कि किसी सिनेमा प्रेमी ने यह गाना न सुना हो. 1949 में आई फिल्म पतंगा के इस अमर गीत को शमशाद बेगम और सी. रामचंद्र ने आवाज दी थी. लेकिन पर्दे पर दिख रहे कलाकार थे, निगार सुल्ताना और गोप. गोप 1935 से 1960 के दौर के मशहूर कॉमेडियन थे. फिल्मों के उस ब्लैक एंड व्हाइट दौर में गोप का चेहरा लोगों के दिलों में ऐसे रंग बिखेरता था कि निर्माता-निर्देशकों को उनका नाम पर्दे पर हीरो-हीरोइन के बराबर देना पड़ा. गोप अपने दौर के सबसे बेहतरीन और सबसे लोकप्रिय कॉमेडियन थे.

दिल का अमीर

गोप मोटे थे और उनकी कॉमिक टाइमिंग बढ़िया थी. उनकी शोहरत विदेश तक थी. गोप सिर्फ की पर्सनेलिटी में भी हास्य था. वह दरियादिल इंसान थे. खुद शराब नहीं पीते थे लेकिन दोस्तों के लिए उनके घर पर हमेशा बोतलें हुआ करती थी. उन्हें शौक था सिगरेट और पान का. पर्दे पर उस जमाने के एक और कॉमेडी एक्टर याकूब के साथ उनकी जोड़ी खूब पसंद की जाती थी. यह अमेरिकी फिल्मों के लॉरेल-हार्डी की तरह थी. पतंगा के अलावा गोप की अन्य चर्चित फिल्मों में बाजार, बेकसूर, सगाई, हिंदुस्तान हमारा है शामिल है. राज कपूर के साथ चोरी-चोरी और दिलीप कुमार के साथ तराना में उन्हें देखा जा सकता है.

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शादी और धर्म

गोप को एंग्लो-नेपाली अभिनेत्री लतिका से प्यार हुआ और दोनों ने 1949 में शादी कर ली. दोनों कई फिल्मों में साथ आए. लतिका से विवाह के बाद गोप ने ईसाई धर्म अपना लिया और पूरी दौलत पत्नी के नाम लिख दी. गोप सिंध के हैदराबाद (अब पाकिस्तान में) शहर में रहने वाले सिंधी परिवार से थे. पढ़ने में मन नहीं लगता था. स्टेज पर नाटक करते थे. एक बार वह मां का इलाज कराने उनके साथ मुंबई आए थे. यहीं एक फिल्म प्रोड्यूसर से मुलाकात हुई और वह फिल्मों में काम करने लगे. उन्होंने अपने करिअर में एक सौ चालीस से ज्यादा फिल्मों में काम किया.

आखिरी सीन

1957 में निर्देशक कुंदन कुमार फिल्म तीसरी गली की शूटिंग के दौरान वह एक सीन कर रहे थे. निर्देशक ने उन्हें डायलॉग दिया. गोप ने देखा और लौटा दिया. यह मृत्यु का सीन था. उन्होंने कैमरे के सामने डायलॉग बोला, ‘मैं ऊपर जा रहा हूं’ और गिर पड़े. सैट पर मौजूद लोगों को लगा कि वह ऐक्टिंग कर रहे हैं. सीन इतना रीयल बना था कि सबने ताली बजानी शुरू कर दी. फिर समझ आया कि गोप को दिल का दौरा पड़ा है. वह सचमुच सबको छोड़ कर ऊपर जा चुके हैं.

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