Bollywood Comedians : किसी दौर में हीरो से ज्यादा फीस लेने वाले कॉमेडियन महमूद की आज पुण्यतिथि है. वह एक्टर के साथ प्रोड्यूर-डायरेक्टर भी थे और सिनेमा पर उनकी गहरी पकड़ थी. एक मुश्किल सीन पर जब अमिताभ बच्चन ने उनसे सलाह मांगी, तो कुछ ऐसा मिला जवाब.
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Mehmood And Amitabh Bachchan: हिंदी सिनेमा के लेजेंड ऐक्टर महमूद की आज यानी 23 जुलाई को पुण्यतिथि है. अठारह साल पहले उन्होंने अमेरिका में अंतिम सांस ली थी. अपने दौर में ‘इंडस्ट्री के भाईजान’ कहने वाले महमूद सुपर स्टार थे और उन्होंने राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा की इनके स्ट्रगल के दौर में बहुत मदद की थी. खास तौर पर सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के करिअर में उनका बड़ा योगदान है. खुद अमिताभ ने कई जगह यह स्वीकार किया है कि इंडस्ट्री में महमूद एक तरह से उनके गॉडफादर थे. संघर्ष के दिनों में उन्होंने अमिताभ को अपने घर में रखा. सात हिंदुस्तानी, रेशमा और शेरा, रास्ते का पत्थर, बंसी और बिरजू तथा बंधे हाथ जैसी फिल्में फ्लॉप होने पर जब अमिताभ मुंबई से बोरिया-बिस्तर बांध रहे थे तो महमूद ने उन्हें अपनी फिल्म बॉम्बे टू गोवा का हीरो बनाया. हीरो बनने के गुर सिखाए. ऐक्टिंग और डांस की बारीकियां बताई. बॉम्बे टू गोवा में जब डांस करने के नाम पर अमिताभ को बुखार हो गया तब महमूद ने सैट पर चालाकी की और डांस मास्टर से कहा कि अमिताभ डांस में जो भी करें, सब ताली बजा कर उनका हौसला बढ़ाएं. खराब डांस के बावजूद अमिताभ के लिए तालियां बजी. बाद में तो अमिताभ ऐसे मंजे कि उनके डांस का खास स्टाइल बन गया. जिसकी आज के ऐक्टर नकल उतारते हैं.
बात है क्लाइमेक्स की
खैर, महमूद पर अमिताभ को इतना विश्वास था कि वह अपनी मुश्किलें उनसे बांटा करते थे. महमूद भी चुटिकियों में समस्या हल कर देते थे. यह वाकया है निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म आनंद (1971) का. राजेश खन्ना का सितारा बुलंदियों पर था. उनके अंदाज का कोई जवाब नहीं था. वह आनंद के हीरो थे. क्लाइमेक्स सीन शूट होना था, जिसमें आनंद (राजेश खन्ना) मर जाता है और डॉ.भास्कर चटर्जी बने अमिताभ उससे नाराज भी हैं, दुखी भी हैं. इसी स्थिति में वह आनंद से बात करते हैं और टेप चल पड़ता है, जिससे आती आनंद की आवाज हैरत पैदा करती है. इन हालात में अमिताभ चीख-चीख कर आनंद से बात करने के लिए कहते हैं. एक साथ कई भावनाओं वाले इस दृश्य को लेकर अमिताभ परेशान थे कि इतना जटिल सीन कैसे निभा पाएंगे.
ऐसे समझाई थी राजेश खन्ना की हैसियत
तब अमिताभ ने महमूद से मदद मांगी कि कैसे यह दृश्य किया जाए. खुद अमिताभ ने अपने एक ब्लॉग में यह बात लिखी है. उन दिनों अमिताभ महमूद के ही घर में रहा करते थे. अमिताभ के अनुसार इस मुश्किल सीन के लिए अभिनेता-निर्देशक महमूद ने उन्हें सिर्फ एक सलाह दी. कहा, ‘तुम सिर्फ एक बात सोचो कि राजेश खन्ना मर गया है. इसके बाद बाकी सब कुछ अपने आप ही हो जाएगा.’ यही हुआ. सीन यादगार बना. हालांकि अमिताभ मानते हैं कि राजेश खन्ना के मरने की बात कह कर महमूद ने उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से इस सुपरस्टार के कद की ऊंचाई समझाई थी. वैसे, राजेश खन्ना के साथ महमूद के रिश्ते हमेशा अच्छे थे. मगर यह बात भी जगप्रसिद्ध है कि फिल्म जनता हवलदार (1979) की शूटिंग के दौरान महमूद ने राजेश खन्ना को इस बात पर थप्पड़ मार दिया था कि वह सैट पर देर से आते थे. महमूद फिल्म के डायरेक्टर थे. महमूद से मिले इस सबक के बाद राजेश खन्ना कम से कम जनता हवलदार के सैट पर फिर देर से नहीं पहुंचे.
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