Madhubala and Dilip Kumar Mughal E Azam: कभी घूंघट उठाकर झांकती दो हसीन आंखे..कभी दुपट्टे से ढका वो हुस्न जिसके कायल उस दौर में कई थे और आज भी इस खूबसूरती के चर्चे हर किसी की जुबां पर रहते हैं. कहने वाले तो कहते हैं कि मधुबाला (Madhubala) का हुस्न मानो तराशा हुआ हीरा था जिसके साथ कोई कैमरा, कोई फिल्म और कोई तस्वीर न्याय कर ही नहीं सकी. मधुबाला की आखिरी फिल्म थी मुगल ए आजम (Mughal E Azam) जो कई मायनों में खास रही. मधुबाला की तरह ही उनकी इस फिल्म का जिक्र भी अरसों तक होगा. इसी फिल्म की कई दिलचस्प बातें हैं जिनमें से एक जुड़ी है उस सीन से जिसे हिंदी सिनेमा का मोस्ट इरॉटिक सीन कहा गया.
ना चुंबन, ना आलिंगन...फिर कैसे?
यूं तो मुगल ए आजम में दिलीप कुमार और मधुबाला के बीच कई रोमांटिक सीन फिल्माए गए थे और हर एक दृश्य में दोनों की केमिस्ट्री लाजवाब थी पर एक सीन ऐसा था जिसमें एक पंख ने वो जादू कर दिया जो कोई ना कर सका. एक दूजे की निगाहों में निगाहें, होठों पर बस मुस्कान, कभी शर्म से झुकतीं पलकें तो कभी कांपते लब और हाथ में पंख लेकर अनारकली के होठों पर फिराते सलीम...बस इतना ही भर था इस सीन में. लेकिन फिर भी इसमे वो बात थी जो चुंबन और आलिंगन में भी ना हो.
हिंदी सिनेमा के मशहूर फिल्ममेकर सुभाष घई ने इसे लेकर कहा था-
‘के आसिफ ने इसे बेहद संवेदनशीलता से फिल्माया जिसका असर किसी चुंबन के सीन से भी अधिक था’
महेश भट्ट ने इस सीन के बारे में कहा था-
‘ये भारतीय सिनेमा का मोस्ट इरॉटिक सीन था’
हैरानी की बात ये थी कि पर्दे पर इनका रोमांस उस वक्त इस कदर टूटकर दिख रहा था जब मधुबाला और दिलीप कुमार दोनों एक दूसरे से बात तक हीं करते थे. भले ही एक वक्त में दोनों एक दूसरे की जान रहे. लेकिन वक्त के सितम इनके रिश्ते पर भी पड़े.
8 सालों तक चली शूटिंग
ये भी एक दिलचस्प तथ्य ही रहा कि इस फिल्म की शूटिंग तब 8 सालों तक चली. फिल्म साइन करने के दौरान मधुबाला महज 20 साल की थी लेकिन जब उन्होंने आखिरी सीन की शूटिंग की उस वक्त वो 28 साल की हो चुकी थीं. ये बात और थी कि इन 8 सालों ने उन्हें वो सब कुछ दिया जो एक हिंदी सिनेमा की अभिनेत्री की दिली चाहत होती है.