जानी-जानी एक्ट्रेस और डायरेक्टर नंदिता दास के डायरेक्शन में बनी बायोपिक मंटो का चयन कान फिल्म फेस्टिवल में हुआ है, पढ़ें पूरी खबर.
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नई दिल्ली: उर्दू लेखक सआदत हसन मंटो के जीवन पर बनी फिल्म ‘मंटो’ का चयन कान फिल्म महोत्सव के ‘सब सेक्शन अन सर्टन रिगार्ड’ श्रेणी में हुआ है.
इस फिल्म का निर्देशन भारत की जानी-जानी एक्ट्रेस और डायरेक्टर नंदिता दास ने किया है.आपको बता दें कि इसके पहले नंदिता दास साल 2008 में ‘फिराक’ भी डायरेक्ट कर चुकी हैं जिसे काफी सराहा गया है. दास ने अपने फैंस के साथ यह खबर ट्विटर पर शेयर की.
We are in Cannes!! #Manto is selected in the official section- Un Certain Regards. Exciting moment for the entire crew & cast. @Viacom18Movies @HP @ajlucio5 @vikbatra @mantagoyal @Nawazuddin_S @RasikaDugal @chintskap @SirPareshRawal @tahirbhasinfc @Javedakhtarjadu @gurdasmaan https://t.co/Rfva438Kpc
— Nandita Das (@nanditadas) April 12, 2018
उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि 'हम कान फिल्म महोत्सव में ! मंटो का चयन इसके आधिकारिक वर्ग-अन सर्टन रिगार्ड्स में किया गया है. यह खबर इस फिल्म के सभी सदस्यों को रोमांचित कर देने वाली है.” इस फ्रेंच फिल्म महोत्सव के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने भी इसकी घोषणा की है.
इस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने लेखक मंटो का किरदार निभाया है. खुद नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने इस खबर को ट्विटर पर शेयर किया और कहा कि “ और यह संभव है कि सआदत हसन मर जाए और मंटो जिंदा रहे. इसकी सूचना देते हुए खुशी हो रही है कि मंटो का चयन कान फिल्म महोत्सव , 2018 के ‘ अन सर्टन रिगार्ड सेक्शन’ में हुआ है.'
“And it is possible that Saadat Hasan dies, but MANTO remains alive”.
Glad to inform that ‘MANTO’ is selected for competition at #Cannes2018 in #UnCertainRegard section.
Congratulations @nanditadas and Team #Manto pic.twitter.com/LBKcSVb1vb— Nawazuddin Siddiqui (@Nawazuddin_S) April 12, 2018
यह फिल्म लेखक मंटो के 1946 से 1950 तक के जीवन पर केंद्रित है. लेखक भारत विभाजन पर लिखी गई अपनी कहानियों के लिए दुनिया भर में विख्यात हैं. उनका जन्म 11 मई, 1912 को हुआ था और वह बाद में पाकिस्तान चले गए. मंटो की मौत 55 साल की उम्र में 18 जनवरी, 1955 को हुई थी.