जन्मदिन पर जानिए प्रेम चोपड़ा के बारे में, उनकी फैमिली के बारे में और उनके संघर्ष के बारे में तमाम दिलचस्प बातें.
वो एक आईसीएस (जो अब आईएएस होता है) ऑफिसर के बेटे थे, रणवीर लाल और रूपरानी चोपड़ा उनके माता पिता थे. प्रेम कुल 5 भाई थे, और एक छोटी बहन. बंटवारे के चलते उनका परिवार लाहौर से शिमला चला आया था, जहां वो पले बढ़े. वहीं से कॉलेज में उनको एक्टिंग का शौक लग गया, पापा तो आईएएस या डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन उनको एक्टिंग का कीड़ा काट गया. पिता ने समझाया कि इस फील्ड में काफी अनिश्चितता है. पर वो नहीं माने, तब पिता ने कहा कि तुम कोई और नौकरी के साथ एक्टिंग कर सकते हो. तो वो मुंबई आ गए, टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में उनकी नौकरी भी लग गई.
वहां उनको बंगाल, बिहार, उड़ीसा में अखबार की सर्कुलेशन का काम देखना था, इसमें उन इन प्रदेशों के अलग अलग शहरों में जाना होता था, जिससे 20 दिन तो टूअर के ही हो गए. ऐसे में प्रेम चोपड़ा ने एक जुगाड़ लगाई, वो उन शहरों के एजेंट्स को रेलवे स्टेशन पर ही मिल लिया करते, जिससे उनकी व्यस्तता 20 दिन से 12 दिन रह गई. बाकी बचे हुए दिनों में उनके पास एक ही काम था, अपना पोर्टफोलियो लेकर स्टूडियोज के चक्कर काटना और रोल देने की गुजारिश करना.
मौका मिला एक लोकल ट्रेन में, एक पंजाबी मूवीज का प्रोडयूसर उनके साथ सफर कर रहा था, उसने खुद ही पूछा कि फिल्मों में काम करोगे? प्रोड़यूसर का नाम था जगजीत सेठी और उनको उस वक्त के पंजाबी स्टार जबीन जलील के साथ ये हिंदू-मुस्लिम लव स्टोरी में एक रोल मिल गया, फिल्म का नाम था- ‘चौधरी करनैल सिंह’. मूवी हिट चली गई और एक नेशनल अवॉर्ड भी मिल गया. 3 साल में बनी इस मूवी में उनको 2500 रुपए मिले थे.
कुछ पंजाबी फिल्में मिलीं, फिर कुछ हिंदी भी मिल गईं. 'वो कौन थी', 'शहीद', 'तीसरी मंजिल', 'सगाई', 'मेरा साया' जैसी तमाम फिल्में वो करते रहे लेकिन नौकरी नहीं छोड़ी. लेकिन ‘उपकार’ के रोल के बाद उनकी झोली फिल्मों से इतनी भर गई कि उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला ले ही लिया. इसी बीच उनके लिए लेखक निर्देशक लेख टंडन एक रिश्ता लेकर आए, राजकपूर की साली उमा का, जो प्रेमनाथ औऱ राजेन्द्र नाथ की बहन थी. इस तरह से प्रेम चोपड़ा राज कपूर के भी रिश्तेदार हो गए और प्रेमनाथ, राजेन्द्र नाथ के भी. बाद में अपनी तीन बेटियों के लिए भी फिल्मी चेहरे ही ढूंढे. वैसे भी उनका अपने भाइयों के साथ कुछ प्रॉपर्टी को लेकर विवाद हो गया था.
प्रेम चोपड़ा के दो दामाद को तो आप बखूबी जानते हैं. एक हैं शरमन जोशी और दूसरे हैं विकास भल्ला. शऱमन जोशी उनकी बड़ी बेटी प्रेरणा के पति हैं. जबकि विकास भल्ला सिंगर हैं, एक्टर हैं, उनको आपने एलबम या फिल्मों में देखा ही होगा, वह प्रेम चोपड़ा की बेटी पुनीता के पति हैं. उनके तीसरे दामाद हैं राहुल नंदा, जो फिल्म पब्लिसिटी डिजाइनर हैं. अगली बार कोई मूवी देखें तो बतौर पब्लिसिटी डिजाइनर नंबरिंग में उनके नाम पर भी ध्यान दें. विकास की पत्नी हैं प्रेम चोप़ड़ा की बेटी रकिता. वैसे आपको बता दें कि प्रेम चोपड़ा जैसे बेहतरीन अभिनेता, जिनके हिस्से में 400 फिल्में हैं, जिनमें से तमाम जुबली मना चुकी हैं, जिनको देश की कई पीढ़िया जानती हैं, उनको फिल्म फेयर अवॉर्ड केवल एक बार मिला. 1976 में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का, फिल्म ‘दो अनजाने के लिए’.
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