ऋषि कपूर साल 1970 में पिता राज कपूर की फिल्म 'मेरा नाम जोकर' में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट नजर आए थे. इसके बाद 1973 में उन्होंने फिल्म 'बॉबी' से बतौर हीरो बॉलीवुड डेब्यू किया था.
'लव आजकल' में ऋषि कपूर का डायलॉग, 'जाने से पहले एक आखिरी बार मिलना क्यों जरूरी होता है.'
'जब तक है जान' फिल्म में ऋषि कपूर के इस डायलॉग ने जमकर तालियां बटोरीं. 'हर इश्क का एक वक्त होता है, वो हमारा वक्त नहीं था, पर इसका ये मतलब नहीं कि वो इश्क नहीं था.'
2013 में रिलीज हुई फिल्म 'औरंगजेब' में ऋषि कपूर का बेमिसाल रोल देखने को मिला था. इस फिल्म में जैकी श्रॉफ, अर्जुन कपूर जैसे दमदार एक्टर भी नजर आए थे, फिल्म में ऋषि कपूर का डायलॉग, 'बादशाहत भाई चारे को नहीं देखती.' काफी हिट रहा.
ऋषि कपूर की फिल्म 'प्रेम रोग' बंपर हिट साबित हुई, फिल्म में ऋषि कपूर का डायलॉग, 'प्रेम तो वो रोग है जो आसानी से लगता नहीं, और जब लग जाता है तो कभी मिटता नहीं,' इसके अलावा इसी फिल्म के डायलॉग, 'रीति-रिवाज इंसानों की सहूलियत के लिए बनाए जाते हैं, इंसान रीति रिवाज के लिए नहीं' पर काफी तालियां बजी थीं.
'खाली फीस भरने से पापा होने की ड्यूटी पूरी नहीं होती, पापा की ड्यूटी होती है बच्चों की खुशियां.'
ऋषि कपूर की फिल्म 'दीवाना' आज भी दिल जीत जाती है, इस फिल्म का उनका डायलॉग, 'मैं मरकर भी न मर सका, और न जी कर जी सकता हूं,'
'सुबह का भूला अगर शाम को घर लौटे तो उसे भूला नहीं कहते.. पर शाम का भूला अगर सुबह लौटे से उसे दूध का धुला भी तो नहीं कहते,'
ऋषि कपूर फिल्म 'मुल्क' में तापसी पन्नू के साथ नजर आए थीं. इस फिल्म में ऋषि कपूर का दमदार रोल देखने को मिला था, फिल्म में ऋषि कपूर के कई डायलॉग पर तालियां बजीं लेकिन, 'गले लगाकर सवाल पूछेगा, कलेजा निकाल कर हाथ में रख दूंगा, उंगली उठाकर पूछेगा तो याद रखिएगा मेरी जवाबदारी आप से नहीं.. अपने ईमान से है, अपने मुल्क से है.'
'दुनिया के सितम याद, न अपनी ही वफा याद, अब कुछ भी नहीं मुझको मोहब्त के सिवा याद.' इसी फिल्म का ऋषि कपूर का एक और डायल़ग, 'नवाजिश, कर्म, शुक्रिया, मेहरबानी, मुझे बक्श दिया आपने जिंदगानी.'
आमिर खान और काजोल की फिल्म 'फना' में ऋषि कपूर का डायलॉग 'शराब पीने दे मस्जिद में बैठकर गालिब, या वो जगह दिखा दे जहां खुदा न हो' बेहद हिट रहा.
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