मशहूर संगीतकार, गीतकार सलिल चौधरी (Salil Chowdhury) की आज (5 सितंबर) पुण्यतिथि है.
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मुंबई: आज 50 से 70 के दशक के मशहूर संगीतकार, गीतकार सलिल चौधरी (Salil Chowdhury) की पुण्यतिथि है. आज की पीढ़ी उन्हें नहीं जानती, लेकिन सिनेमा लवर्स जो भी पुरानी फिल्मों और म्यूजिक के शौकीन हैं, वो भी जब भी गहराई में जाएंगे, उनके गाने उनकी याद दिला देंगे. सलिल चौधरी वामपंथी थे और इप्टा के सदस्य थे, चूंकि वो बंगाली थे और उस वक्त बॉलीवुड में बंगाली लॉबी काफी हावी थी, तो सलिल चौधरी भी बंगालियों और वामपंथी कैडर के लोगों की अलग से मदद किया करते थे. यहां तक कि किशोर कुमार, अशोक कुमार के गांगुली परिवार की गिनती भी बंगालियों में होती थी, सो किशोर कुमार भी उनसे जिद करके कोई भी बात मनवा लेते थे.
किशोर चाहते थे कि वो लता मंगेशकर की आवाज में गाएं
ऐसा ही एक दिलचस्प वाकया है, जब किशोर कुमार ने सलिल चौधरी से एक अनोखी जिद की, जो शायद उससे पहले या उससे बाद में किसी भी गायक ने किसी भी संगीतकार से नहीं की होगी. किशोर चाहते थे कि वो लता मंगेशकर की आवाज में गाएं, आप सोचेंगे कि कोई पुरुष गायक किसी महिला गायक की जगह लेने को कहेगा, तो कोई म्यूजिक डायरेक्टर क्यों इजाजत देगा? लेकिन किशोर कुमार ने संगीतकार सलिल चौधरी को इसके लिए मना ही लिया.
फिल्म ‘हाफ टिकट’ में लड़की के वेश में थे किशोर कुमार
दरअसल, मामला ये था कि 1962 में किशोर कुमार एक ऐसी फिल्म में काम कर रहे थे, जिसमें वो एक्टिंग भी कर रहे थे और गाने भी उन्हें गाने थे. इस फिल्म का नाम था ‘हाफ टिकट’. इस फिल्म में उनके साथ प्राण भी थे, तो गाने के बोल थे 'आंख सीधी लगी...' इस गाने के हीरो थे प्राण, जिनकी आवाज रिकॉर्ड करनी थी किशोर कुमार को और इस गाने में हीरोइन के तौर पर थे किशोर कुमार, जो एक कॉमिक सीक्वेंस में एक लड़की के वेश में थे, उनकी आवाज को गाने में रिकॉर्ड करना था लता मंगेशकर को.
मजबूरन सलिल चौधरी भी किशोर कुमार के आगे झुक गए
किशोर कुमार, सलिल चौधरी से जिद पकड़ गए कि उनके लड़की वाले रोल के लिए भी आवाज वही रिकॉर्ड करेंगे. मतलब उस गाने में चाहे लड़के की आवाज हो या लड़की की, वो दोनों ही रिकॉर्ड करना चाहते थे. सलिल चौधरी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि लता मंगेशकर को मना कर सकें. इधर वो इस बात से सहमत हो चुके थे कि किशोर ही आवाज निकालेंगे तो ज्यादा नेचुरल लगेगी. किस्मत की बात कि उस दिन लता मंगेशकर कहीं फंस गईं और उन्हें देर हो गई. ऐसे में किशोर कुमार ने जिद पकड़ ली कि गाना तो अभी रिकॉर्ड होगा, मजबूरन सलिल चौधरी भी उनके आगे झुक गए.
फिर जो गाना तैयार हुआ, उसमें लता मंगेशकर की जगह भी किशोर कुमार की ही आवाज है. आप इस गाने को यहां देख सकते हैं और देखकर पाएंगे कि लता इस अंदाज में शायद ही गा पातीं...
वैसे असमी और बंगाली सिनेमा में म्यूजिक दे रहे सलिल चौधरी को कभी हृषिकेश मुखर्जी ने मुंबई आने का मौका दिया था और उन्हें विमल रॉय से मिलवाया था. विमल रॉय ने न केवल उनको ‘दो बीघा जमीन’ लिखने का मौका दिया था, बल्कि म्यूजिक डायरेक्टर बनने का भी.
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