Subhash Ghai Films: फिल्म कालीचरण के साथ सुभाष घई बतौर निर्देशक सफलता के जिस रथ पर सवार हुए, वह बीती सदी में कभी रुका ही नहीं. घई निर्देशक से भी बढ़ कर शो मैन कहलाए. लेकिन नई सदी में फिल्म यादें से उन्हें जो नाकामी मिली, उसने उनका पीछा नहीं छोड़ा.
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Hrithik Roshan Kareena Kapoor Film: एक समय राज कपूर के बाद निर्देशक सुभाष घई को फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बड़ा शो मैन माना जाता था. सुभाष घई ने अपने फिल्मी करियर में एक के बाद एक लगातार करीब दर्जन भर हिट फिल्में दी. लेकिन नई सदी उनके लिए बुरी खबर की तरह आई और 2001 में आई फिल्म यादें के साथ उनकी सफलता का सिलसिला ठहर गया. इस फिल्म से उनके करियर की जो ढलान शुरू हुई, वह आज तक नहीं थमी. न यादें और न उसके बाद बनाई सुभाष घई की कोई फिल्म दर्शकों के दिलों में शो मैन वाला जादू जगा पाई. जबकि इससे पहले उनके खाते में कालीचरण, विश्वनाथ, कर्ज, हीरो, विधाता, मेरी जंग, कर्मा, राम लखन, सौदागर, खलनायक, परदेस और ताल जैसी शानदार फिल्में थीं.
बदल गया कहानी का ट्रेक
यादें जेन ऑस्टेन के उपन्यास प्राइड एंड प्रीज्युडिस पर आधारित थी. यादें का बॉक्स ऑफिस नतीजा देखकर किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि सुभाष घई की फिल्म फ्लॉप भी हो सकती है. जैकी श्रॉफ, अमरीश पुरी, ऋतिक रोशन और करीना कपूर जैसी मल्टीस्टारर फिल्म होने के कारण लोग 2001 में इस फिल्म की रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. लेकिन जब फिल्म रिलीज हुई तो निराशा हाथ लगी. फिल्म फ्लॉप होने की सबसे बड़ा कारण कहानी का मूल आइडिये से भटकाव था. फिल्म बननी शुरू हुई थी तो कहा गया कि यह पिता और उसके अपनी तीन बेटियों से रिश्ते की कहानी है. लेकिन मेकिंग के दौरान ट्रेक बदल गया. फिल्म ऋतिक रोशन-करीना कपूर की लव स्टोरी बन गई क्योंकि साल भर पहले 2000 में कहो ना... प्यार है से ऋतिक देश के युवाओं की धड़कन बन गए थे.
बन गई फॉर्मूला फिल्म
ऋतिक को मिली सफलता के बाद सुभाष घई ने फिल्म में ऋतिक का रोल बढ़ा दिया था. बाप-बेटी के रिश्तों से हटकर यह फिल्म अमीर लड़के ऋतिक और उससे कम पैसों वाली करीना कपूर की कहानी बन गई. करीना की ऋतिक के साथ यह पहली फिल्म थी. उनकी एक्टिंग किसी को पसंद नही आई. कहा गया कि वह ओवर एक्टिंग करती हैं. फिल्म का म्यूजिक ठीक ठाक था, कुछ अलग तरह का. लेकिन कई लोगों ने इसे नापसंद किया.
कुछ और बातें
करीना कपूर का रोल पहले अमीषा पटेल, प्रियंका चोपड़ा और प्रीति झांगियानी को ऑफर किया गया था. लेकिन सभी ने किसी न किसी कारण से मना कर दिया. यादें में रति अग्निहोत्री वाला रोल पहले श्रीदेवी को ऑफर हुआ था, लेकिन वह यह फिल्म नहीं कर पाई. ऋतिक रोशन भी पहली चॉइस नहीं थे, लेकिन कहो ना प्यार है से मिली लोकप्रियता के बाद उन्हें साइन किया गया. यादें नाम से 1985 में भी एक फिल्म बन चुकी थी, जिसमें करण शाह, नीलम और अनुपम खेर की मुख्य भूमिकाएं थी. कहो ना प्यार है की अपार सफलता के बाद ऋतिक रोशन की यह दूसरी बड़ी फिल्म थी. लेकिन बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह असफल रही.
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