Bollywood Retro: अमिताभ बच्चन ने एक बार इंटरव्यू में शेयर किया था कि दिल्ली के क्नॉट प्लेस में नूतन को देखने के चक्कर में वह अपने स्कूटर से गिरते-गिरते बचे थे. इस वक्त तक अमिताभ बच्चन ने फिल्मी दुनिया में कदम नहीं रखा था और वह दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई किया करते थे.
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Bollywood Retro: सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का हर कोई दीवाना है. उनकी एक झलक पाने के लिए फैन्स उतावले रहते हैं. मुंबई में उनके घर के बाहर आज भी हर वीकेंड भीड़ जुड़ती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने कॉलेज के दिनों में अमिताभ बच्चन भी एक एक्ट्रेस की झलक पाने के चक्कर में स्कूटर से गिरते-गिरते बचे थे.
अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने साल 2018 में फिल्मफेयर के साथ एक इंटरव्यू में इस घटना का खुलासा किया था. अमिताभ बच्चन ने बताया था कि वह उन दिनों दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ा करते थे. उन्होंने बताया था, ''मैंने एक बार नूतन (Nutan) को उनके पित कैप्टन रजनीश बहल के साथ दिल्ली में रोड क्रॉस करते हुए देखा था. क्नॉट प्लेस में नूतन रोड क्रॉस कर रही थीं और मैं स्कूटर पर था. उन्हें देखने के चक्कर में मैं उस स्कूटर से गिरते-गिरते बचा था.''
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पहली बार 'सौदागर' में एक साथ नजर आए थे अमिताभ-नूतन
इसी इंटरव्यू में अमिताभ बच्चन ने आगे कहा था कि नूतन को फिल्म में अपनी लीडिंग लेडी के रूप में पाना किसी चमत्कार से कम नहीं था. बता दें कि अमिताभ बच्चन और नूतन पहली बार 1973 में सुधेंदु रॉय की फिल्म 'सौदागर' (Saudagar) में एक साथ नजर आए थे. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने एक गुड़ बेचने वाले की भूमिका निभाई थी. फिल्म में नूतन के किरदार का नाम महजबीन था और अमिताभ बच्चन के किरदार का नाम मोती था.
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क्या थी 'सौदागर' की कहानी
इस फिल्म में त्रिलोक कपूर, पद्मा खन्ना, मुराद, लीला मिश्रा, देव किशन और जुगनू भी कलाकारों में शामिल थे. फिल्म में अमिताभ बच्चन गुड़ के लालच में नूतन से शादी करते हैं, जो सबसे अच्छा गुड़ बनाती हैं. लेकिन इसके बाद उन्हें पद्मा खन्ना से प्यार हो जाता है और वह नूतन को छोड़ उनसे शादी कर लेते हैं, लेकिन पद्मा खन्ना को गुड़ बनाना नहीं आता. अमिताभ का गुड़ बाजार में नहीं बिकता और उन्हें धीरे-धीरे नूतन को छोड़ने की अपनी गलती का अहसास होने लगता है.
ऑस्कर के लिए भारत की ऑफिशियल एंट्री बनी थी फिल्म
बता दें कि इस फिल्म 46वें अकादमी पुरस्कारों (ऑस्कर अवॉर्ड्स) में बेस्ट विदेशी भाषा फिल्म के लिए भारत की ऑफिशियल एंट्री के रूप में चुना गया था. हालांकि, यह फिल्म नॉमिनेशन हासिल नहीं कर पाई थी.