जैजिम शर्मा (Jazim Sharma) ने गुरुपर्व (Gurpurb) के मौके पर 'सतनाम दा चकर फरया' (शबद) किया रिलीज
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नई दिल्ली: संगीत उद्योग के उभरते सितारे जैजिम शर्मा (Jazim Sharma) एक आस्था और भक्तिमय अंदाज के साथ फिर से अपने फैंस को सप्राइज कर रहे हैं. जैजिम शर्मा (Jazim Sharma) ने गुरुपर्व (Gurpurb) के मौके पर 'सतनाम दा चकर फरया' (शबद) रिलीज किया है. यह भक्तिमय म्यूजिक ट्रैक गुरु नानक देव जी की जयंती (गुरपरब) पर रिलीज हुआ है.
गुरपरब सिख धर्म के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है और इस खुशी के त्योहार को मनाने के लिए, जैजिम शर्मा भक्ति गीत शबद को लॉन्च कर रहे हैं, क्योंकि वह हमारे जीवन के हर पल में विश्वास करते हैं, हमारी आध्यात्मिकता सभी को बांधती है और एकजुट करती है और हमें सहन करने की शक्ति देती है यही शबद हमारा मुश्किल और खुशी के समय निभाते हैं.
इस आध्यात्मिक संगीत को जैजिम शर्मा ने प्रमुख रूप से रागी भाई सतविंदर सिंह और भाई हरविंदर सिंह के साथ गाया है, जिसे भाई गुरदास ने लिखा है और रुद्रांश शर्मा द्वारा निर्देशित किया गया है. रूपी सचदेवा गीत के इसके क्रिएटिव प्रोड्यूसर हैं और सारी शूटिंग चामकौर साहब (पंजाब) और गुरु नानक दवारा (अमेरिका) में ही की गई है. जैजिम शर्मा कहते हैं, 'मैं इस दिव्य ट्रैक में सभी रचनात्मक जानकारी के लिए रूपी सचदेवा जी का बहुत आभारी हूं', इस दिव्य ट्रैक को लॉन्च करने का उद्देश्य विश्वास, उदारता और दया लिए प्रेरित करने की इच्छा है. जैसे कि आज हमारी पूरी दुनिया उथल-पुथल में है, ऐसे में यह विश्वास और आस्था ही है जो हमें जोड़ता है और हमें चलते रहने का एक कारण देता है.'
आपको बता दें कि 30 नवंबर को, दुनिया भर में सिख धर्म के संस्थापक और प्रथम सिख गुरु, गुरु नानक देव जी की जयंती (गुरुपुरब) मनाया जाएगा. गुरु नानक देव जी एक विनम्र और धर्मपरायण परिवार से ताल्लुक रखने वाले गुरु थे, माना जाता है कि उन्हें दिव्य ज्ञान था और उन्होंने अपने वचनों से इस ज्ञान को लोगों तक फैलाया. 16 साल की उम्र तक वह संस्कृत, फारसी और हिंदी में निपुण थे. एक प्रेरक लेखक और कथाकार, गुरु नानक देव जी ने दुनिया भर में आध्यात्मिक यात्राओं पर 30 साल बिताए. एक ईश्वर के संदेश को साझा करने के लिए एक दिव्य मिशन पर हजारों मील की पैदल यात्रा की. हिंदू और इस्लामिक दोनों तरह के विचारों के साथ उनका दर्शन व्यापक रूप से अपनाया गया. वह सभी समुदायों और धार्मिक समूहों के लोगों के लिए एक प्रिय आध्यात्मिक मार्गदर्शक बन गए.