Chhello show In Oscar: भारत की तरफ से 95वें ऑस्कर में भेजी जा रही गुजराती फिल्म छेल्लो शो के चयन ने कई लोगों को चौंकाया है. ये लोग द कश्मीर फाइल्स या आरआरआर की उम्मीद में थे. छेल्लो शो में ऐसा क्या है, जो इसे ऑस्कर में भेजा जा रहा है. जल्द ही यह सबको पता लग सकेगा. फिल्म देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज होने का तैयार है.
Trending Photos
Pan Nalin Films: ऑस्कर में भारत की एंट्री के रूप में गुजराती फिल्म छेल्लो शो को भेजे जाने पर कई लोग हैरान हैं. भारत में खास तौर पर दो फिल्मों की वकालत की जा रही थी. एक तो द कश्मीर फाइल्स और दूसरी आरआरआर. बहुतों को विश्वास था कि इन दो में से ही कोई फिल्म ऑस्कर में भारत की तरफ से जाएगी. मगर अचानक छेल्लो शो (द लास्ट शो) ने आकर चौंका दिया. निर्देशक पैन नलिन की यह फिल्म कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में तारीफें बटोर चुकी है. अंतरराष्ट्रीय सिनेमा की दुनिया में पैन नलिन सशक्त नाम हैं. जिन्होंने पैन नलिन की संसारा, वैली ऑफ फ्लावर्स और एंग्री इंडियन गॉडेसेस जैसी फिल्में देखी हैं, वह उनके सिनेमा की खूबसूरती को जानते हैं.
क्या है छेल्लो शो
छेल्लो शो का मतलब है आखिरी शो. फिल्म नौ साल के एक बच्चे, समय की कहानी है. जो गुजरात के एक रेल्वे स्टेशन पर चाय बेचने में अपने पिता की मदद करता है. रेलगाड़ियों में बैठी सवारियों को खुद जा-जाकर चाय बेचता है. लेकिन एक दिन जब पिता उसे परिवार के साथ फिल्म दिखाने ले जाते हैं, तो वह सिनेमा के जादू में बंध जाता है. वह स्कूल से भाग कर फिल्में देखने लगता है और पिता से पिटता भी है. जब उसके पास पैसे नहीं होते तो वह सिनेमाहॉल में प्रोजेक्टर चलाने वाले आदमी से दोस्ती कर लेता है. उसे अपनी मां का बनाया अपना स्कूल टिफिन देकर बदले में हर दिन प्रोजेक्टर रूम से फिल्में देखता है. मगर बाहर दुनिया बदल रही है और डिजिटल आ गया है. अतः प्रोजेक्टर वाला सिनेमाघर बंद जाता है. समय अपने दोस्तों के साथ मिलकर कबाड़ से एक प्रोजेक्टर तैयार करता है और सिनेमाघर में पड़े रील के डब्बों वाली फिल्में देखता है. मगर यहां बात सिर्फ इतनी नहीं है. घर-परिवार-रिश्ते और बदलती दुनिया के बीच समय की जिंदगी का क्या होता है, यही छेल्लो शो दिखाती है.
क्या है यह खुद की कहानी
पैन नलिन के पिता गुजरात के खिजादिया रेलवे जंक्शन पर चाय बेचते थे और नलिन बचपन में इस काम में उनकी मदद करते थे. एक तरह से छेल्लो शो उनकी जिंदगी से प्रेरित सिनेमा है. बचपन से पैन नलिन के दिमाग में सिनेमा छाया था और उन्होंने खुद ही फिल्में बनाना सीखा. बाद में फिल्में बनाने के लिए वह कम उम्र में ही घर छोड़कर चले गए. पैन नलिन की फिल्म अब ऑस्कर में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी. जब से फिल्म को ऑस्कर में भेजने की घोषणा हुई है, तब से लोग इसे ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर ढूंढ रहे हैं. मगर यह देश भर के सिनेमाघरों में अगले महीने, 14 अक्तूबर को रिलीज होने जा रही है.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर