Sapna Choudhary Life Story: मजबूरी से बड़ी होती है जिम्मेदारी और सपना ने अपनी हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. 14 साल की उम्र में पिता का साया सिर से उठने के बाद सपना ने अपने घर परिवार को अपने बलबूते अकेले संभाला और उनकी ये मेहनत देख किस्मत ने भी उनका पूरा साथ दिया.
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Sapna Choudhary Struggle in Hindi: सपना चौधरी आज ना केवल देश विदेश में बड़ा नाम बन चुका है बल्कि उन्हें निम्स यूनिवर्सिटी ने डॉक्टर की उपाधि भी दे दी है. यानि आज उन्हें डॉ. सपना चौधरी (Sapna Choudhary) कहें तो कुछ गलत ना होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज डॉक्टर बन चुकीं सपना ने महज 8वीं क्लास तक ही पढ़ाई की है. इसके पीछे वजह थी उनकी वो मजबूरी और जिम्मेदारी जो पिता के निधन के बाद उनके कंधों पर आ गई थी.
साल 2008..ये वो साल था जब सपना को कोई नहीं जानता था. सपना चौधरी एक अंजाना नाम था. उस वक्त ये हरियाणवी हसीना महज 14 साल की थीं. पिता बीमारी थे और लंबी बीमारी को झेलते झेलते चल बसे. उस वक्त सपना जहां दुख में थीं तो वहीं उनके कंधों पर परिवार को चलाने की जिम्मेदारी भी आ गई थी. घबराने की बजाय उस वक्त सपना ने फैसला लिया पढ़ाई छोड़ कुछ काम करने का. उस वक्त वो 8वीं क्लास में थी जिसके आधार पर उन्हें कहीं नौकरी भी नहीं मिल सकती थी लिहाजा सपना ने अपने शौक को अपना करियर बनाने की ठानी और वो डांस करने लगीं.
उस वक्त हरियाणा में रागनियों और स्टेज शो काफी होते थे जिनमें हरियाणवी गानों पर डांस किया जाता था. सपना को डांस करना अच्छा लगता था लिहाजा वो इन शोज से जुड़ गईं. वो स्टेज पर परफॉर्म करने लगीं. पहले ये बहुत ही छोटे पैमाने पर किया जाता था लेकिन सपना का नाम इस तरह फेमस हुआ कि इन प्रोग्राम मे खूब भीड़ जुटने लगी. सैकड़ों की जगह हजारों लोगों ने ले ली और बस देखते ही देखते सपना...सपना चौधरी बन गईं. फिर सपना म्यूजिक वीडियो के क्षेत्र में उतरीं और उनके गाने हिट होते गए. फिर आया ‘तेरी आंख्या का यो काजल...’ इस गाने ने सपना को हरियाणा, यूपी, राजस्थान, पंजाब से निकालकर पूरी दुनिया में फेमस कर दिया.
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