National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी मुख्य आरोपी हैं. यह मामला एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के टेकओवर से जुड़ा है.
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AJL National Herald Case News: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस पार्टी को करारा झटका लगा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले साल एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 750 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अटैच की थी. अब प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) की एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने ईडी की कार्रवाई को सही ठहराया है. एजेएल का मालिकाना हक कांग्रेस के पास था जिसे बाद में यंग इंडियन नाम की कंपनी ने खरीद लिया था. यंग इंडियन का कंट्रोल पार्टी के पूर्व अध्यक्षों- सोनिया गांधी और राहुल गांधी के हाथ में है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस कंपनी के सीईओ हैं. कंपनी में केवल दो ही शेयरहोल्डर हैं- सोनिया और राहुल. PMLA अथॉरिटी के फैसले के बाद अटैच की गई संपत्तियों पर ईडी का कब्जा हो जाएगा. इन संपत्तियों में दिल्ली की नेशनल हेराल्ड इमारत भी है जिसकी कीमत करोड़ों में है. इसके अलावा देश के प्रमुख शहरों की प्राइम लोकेशंस पर AJL की संपत्तियां हैं. अपने ऑर्डर में PMLA अथॉरिटी ने कहा कि ईडी ने जो कुछ अटैच किया, वह अपराध से हासिल किया गया और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है.
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोनिया और राहुल मुख्य आरोपी हैं. नेशनल हेराल्ड उस अखबार का नाम है जिसकी स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने की थी. वह इस अखबार के संपादक भी रहे. यह अखबार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नाम की कंपनी के तहत चलता था. बाद के सालों में अखबार की माली हालत बिगड़ती चली गई. 2008 में अखबार बंद हो गया. उस समय AJL पर कांग्रेस का 90.21 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो कथित तौर पर नहीं चुकाया गया.
2012 में बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया और राहुल के खिलाफ शिकायत की. स्वामी ने आरोप लगाया कि सोनिया और राहुल ने कांग्रेस पार्टी के फंड का इस्तेमाल करते हुए एजेएल का टेकओवर किया. इसके लिए, 2010 में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नाम की नॉन-प्रॉफिट फर्म खड़ी गई. सोनिया और राहुल इसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में हैं. दोनों की कंपनी में 38-38% हिस्सेदारी है. बाकी का 24% मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा के पास है.
स्वामी ने आरोप लगाया कि यंग इंडियन ने सिर्फ 50 लाख रुपये में AJL को खरीद लिया. AJL के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर यंग इंडियन के नाम कर दिए गए. बदले में उसे कांग्रेस का कर्ज चुकाना था. इस तरह यंग इंडिया में 99% हिस्सेदारी यंग इंडिया की हो गई. स्वामी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बाकी का 89.5 लाख रुपये का कर्ज राइट-ऑफ कर दिया.
एजेएल के पास 750 करोड़ रुपये की संपत्तियां थीं. इनमें ITO (दिल्ली) स्थित नेशनल हेराल्ड का दफ्तर, लखनऊ के कैसरबाग में नेहरू भवन, मुंबई का हेराल्ड हाउस जैसी इमारतें शामिल थीं. ईडी ने जांच में पाया कि ये सारी प्रॉपर्टी अवैध तरीके से हासिल की गई थी. पिछले साल नवंबर में ईडी ने उन्हें अटैच कर दिया.
एक बयान में ईडी ने कहा था कि 'एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के पास भारत के कई शहरों में फैली अचल संपत्तियों के रूप में 661.7 करोड़ रुपये की अपराध आय है. यंग इंडियन के पास एजेएल के इक्विटी शेयरों में निवेश के रूप में 90.2 करोड़ रुपये की अपराध आय है.'
ईडी ने इस मामले में राहुल और सोनिया के साथ-साथ खरगे व अन्य से भी पूछताछ की है. सोनिया और राहुल के अलावा पांच अन्य आरोपी इस मामले में जमानत पर बाहर हैं. कांग्रेस ने पिछले साल ईडी की कार्रवाई को 'झूठे केस में बदले की शर्मनाक राजनीति' करार दिया था. ईडी का कहना था कि वह दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के निर्देश पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है.