Explainer: क्या होता है गर्भ गृह? जहां पर विधि-विधान से की जाती है देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा
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Explainer: क्या होता है गर्भ गृह? जहां पर विधि-विधान से की जाती है देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा

Garbh Grah of Ayodhya Ram Mandir: अगले महीने अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मंदिर में गर्भ गृह आखिर होता क्या है. 

Explainer: क्या होता है गर्भ गृह? जहां पर विधि-विधान से की जाती है देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा

What is the Garbh Grah of Mandir: अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. उस दिन मंत्रोच्चारण और पूरे धार्मिक परंपराओं के साथ रामलला की प्रतिमा गर्भ गृह में प्रतिष्ठापित की जाएगी. ऐसा होने के साथ ही मंदिर में रोजाना पूजन- अर्चन और दर्शन का दौर शुरू हो जाएगा. काफी लोगों को शायद पता नहीं होगा कि मंदिर में गर्भ गृह क्या होता है और इसका मुख्य मंदिर से क्या नाता होता है. आज हम इस बारे में आपकी सारे सवालों के जवाब देने जा रहे हैं. 

कैसा होता है गर्भगृह?

सबसे पहले आपको बताते हैं कि गर्भ गृह क्या होता है. धार्मिक विद्वानों के मुताबिक यह मंदिर का वह स्थान होता है, जहां पर देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित की जाती है. इसे तमिल भाषा में करुवराई कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है गर्भगृह का अंदरूनी हिस्सा. 

आमतौर पर गर्भ गृह एक कम रोशनी वाला खिड़की रहित कमरा होता है. इसे पश्चिम दिशा में बनाया जाता है. इसे ऐसा रूप देने का मकसद श्रद्धालुओं के मन-मस्तिष्क को परमात्मा का ध्यान करने के लिए प्रोत्साहित करना होता है. 

समय के साथ बढ़ता चला गया आकार

सनातन धर्म के आचार्यों के अनुसार पहले गर्भ गृह छोटे होते हैं. उनका द्वार भी छोटा होता है और उसमें एक बार में 3-4 लोग ही दर्शन कर पाते थे. हालांकि वक्त के साथ गर्भ गृह के इन कमरों का आकार बढ़ता चला गया. कुछ प्राचीन मंदिरों में गर्भ गृह को मंदिर के मुख्य केंद्र के नीचे स्थापित किया जाता था. 

इन गर्भ गृहों में आप जब चाहे, जिस हालत में प्रवेश नहीं कर सकते. वहां पर जाने के लिए आपको कई नियमों का पालन करना पड़ता है. वहां नहा-धोकर साफ- सुथरे कपड़ों में ही दर्शन किया जा सकता है. अशुद्ध कपड़ों में गर्भ गृहों में प्रवेश करने से बचना चाहिए. वहां पर किसी भी प्रकार की प्रतिबंधित चीजें नहीं ले जानी चाहिए और मन- मस्तिष्क में गलत विचार नहीं लाने चाहिए. 

गर्भ गृह के केंद्र में होता है शिवलिंग

अब आप जान गए होंगे कि गर्भ ग्रह वास्तव में मंदिर के बड़े हाल में मौजूद एक छोटा कमरा होता है, जहां पर मुख्य देवता की प्रतिमा या वेदी होती है. वहां पर देवताओं की प्रतिमा रखने के लिए भी बाकायदा नियम हैं. शिवलिंग की स्थापना हमेशा गर्भ गृह के केंद्र में होती है. जबकि भगवान विष्णु की स्थापना आमतौर पर पिछली दीवार के सहारे की जाती है.

टूटेगा सोमनाथ मंदिर का रिकॉर्ड!

अब आपको अयोध्या के राम मंदिर में बन रहे गर्भ गृह के बारे में बताते हैं. यह गर्भ गृह करीब 161 फुट ऊंचा होगा. इसकी चौड़ाई 20 फुट और लंबाई 20 फुट होगी. इससे देश में सबसे बड़ा गर्भ गृह गुजरात के सोमनाथ मंदिर का था, जिसकी लंबाई-चौड़ाई 15 गुणा 15 फुट थी. अब अयोध्या के मंदिर का गर्भ गृह यह रिकॉर्ड तोड़ देगा. 

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