COVID-19: पूरी दुनिया पर भारी पड़े चीन की 'कारस्तानी' से भरे वे दो हफ्ते, अमेरिकी डॉक्यूमेंट्स में नए सनसनीखेज आरोप
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COVID-19: पूरी दुनिया पर भारी पड़े चीन की 'कारस्तानी' से भरे वे दो हफ्ते, अमेरिकी डॉक्यूमेंट्स में नए सनसनीखेज आरोप

China COVID-19 details: दुनिया के सामने आए नए अमेरिकी दस्तावेजों से पता चलता है कि चीन ने महामारी बनने से कई हफ्ते पहले ही कोविड-19 की जानकारी छिपा ली थी. इन अहम दस्तावेजों में कहा गया है कि अगर चीन ने समय पर कोविड-19 के बारे में बताया होता तो दुनिया में कम हाहाकार मचता.

COVID-19: पूरी दुनिया पर भारी पड़े चीन की 'कारस्तानी' से भरे वे दो हफ्ते, अमेरिकी डॉक्यूमेंट्स में नए सनसनीखेज आरोप

US Documents On China: दुनिया के सामने अभी भी कोविड-19 महामारी (Covid-19) की उत्पत्ति के बारे में पूरी जानकारी नहीं है. अब तक की जांच के बावजूद यह पहेली बनी हुई है कि कोविड-19 किसी संक्रमित जानवर या लैब लीक से उभरा है या नहीं, लेकिन इस फैक्ट से किसी को इनकार नहीं है कि चीन में पैदा वायरस से ही दुनिया भर में कोविड-19 फैला और इससे बड़े पैमाने पर जान-माल की तबाही हुई. 

अब अमेरिका दस्तावेजों से सामने आया है कि चीन ने दुनिया को कोविड-19 के बारे में बताने में जानबूझकर देरी की. अमेरिका के हाउस एनर्जी एंड कॉमर्स कमेटी में यूएस हाउस रिपब्लिकन द्वारा कोविड-19 की नई टाइमलाइन की डिटेल्स के लिए सौंपे गए दस्तावेजों में इस बारे में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. 

कोविड-19 की नई टाइमलाइन की डिटेल्स में हुआ सनसनीखेज खुलासा

अमेरिका कांग्रेस की जांच करने वाली टीम के मुताबिक चीन के रिसर्चर्स ने 28 दिसंबर, 2019 को ही कोविड-19 का कारण बनने वाले वायरस की मैपिंग कर ली थी. इसके बावजूद उन्होंने कम से कम दो हफ्ते के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को इसकी जानकारी दी. तेजी से संक्रमित करने वाले इस वायरस के खतरे को लेकर WHO ने पहले सिर्फ चिंता जताई और बाद में इसे ग्लोबल महामारी घोषित करना पड़ा.

नए साल के जश्न को भी नहीं रोका, चीन ने साजिशन फैलने दिया खतरनाक वायरस

रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सामने आए अमेरिकी दस्तावेजों के नतीजे से पता चलता है कि चीन को कोरोना वायरस के पैदा होने के शुरुआती दिनों के दौरान ही महामारी के बारे में पता था. तब यह चीन के कुछ हिस्सों तक ही सीमित था. कुछ दिनों बाद, लोग नए साल का जश्न मनाने के लिए चीन भर में फैले और संक्रमित हुए. इसके साथ ही महामारी फैलाने वाला कोरोना वायरस दुनिया भर में चला गया. दुनिया भर के लोगों की हेल्थ के लिए इक्कीसवीं सदी में अब तक का सबसे भयानक खतरा बन गया.

दुनिया भर की हेल्थ कम्यूनिटी के लिए मददगार हो सकते थे वे एक्स्ट्रा दो सप्ताह

यूएस के डॉक्यूमेंट्स में कहा गया है कि दुनिया भर की हेल्थ और मेडिकल कम्यूनिटी के लिए अतिरिक्त दो सप्ताह कोविड-19 से होने वाले खतरे का पता लगाने में मदद करने में महत्वपूर्ण हो सकते थे. इससे समय रहते कोविड-19 महामारी से लड़ने और उससे जीतने की रणनीति बनाने में काफी अहम कार्रवाई की जा सकती थी. रहस्यमय बीमारी फैलने के शुरुआती दिनों में दुनिया भर के वैज्ञानिक उस बीमारी को समझने की होड़ में थे. बाद में इसे कोविड-19 नाम दिया गया.  इस महामारी ने दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले ली, लाखों लोगों को संक्रमित कर दिया और वैश्विक अर्थव्यवस्था को उथल-पुथल वाले हाल में धकेल दिया. 

यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ को भी चीनी रिसर्चर ने नहीं दी सिक्वेंस की डिटेल्स

वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग में एक चीनी शोधकर्ता ने 28 दिसंबर, 2019 को अमेरिकी सरकार द्वारा संचालित डेटाबेस में कोविड वायरस की संरचना का लगभग पूरा सिक्वेंस (अनुक्रम) प्रस्तुत किया. इस सिक्वेंस को कभी पब्लिश नहीं किया गया. 16 जनवरी, 2020 को इसे डेटाबेस से हटा दिया गया. क्योंकि इससे पहले यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने अपने प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चीनी शोधकर्ता से अधिक तकनीकी विवरण मांगा और उसने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद 12 जनवरी, 2020 को NIH ने एक दूसरे स्रोत से SARS-CoV-2 सिक्वेंस प्राप्त किया और प्रकाशित किया. 

कोविड-19 को लेकर जनवरी 2020 तक चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को किया गुमराह

अमेरिकी सरकार के अनुसार, इससे पहले चीन ने 11 जनवरी, 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ कोविड वायरस का सिक्वेंस साझा किया. जब चीनी वैज्ञानिक ने कोविड सिक्वेंस प्रस्तुत किया, तब भी वुहान में अधिकारी वायरल इस प्रकोप को "अज्ञात वजहों से हुए" निमोनिया बता रहे थे. चीनियों ने वुहान में हुआनन सीफूड होलसेल मार्केट को भी बंद नहीं किया था. यह कोविड-19 के कहर ​​​​वाले सबसे शुरुआती जगहों में से एक था.

जिस चीनी वैज्ञानिक ने अमेरिकी डेटाबेस में वायरस सिक्वेंस पेश किया था, वह बीजिंग स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ पैथोजन बायोलॉजी में एक रिसर्चर था. यह चीनी चिकित्सा विज्ञान अकादमी का स्टेट फंडेड हिस्सा है.

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