Election Year 2024: भारत, पाकिस्‍तान, बांग्लादेश, रूस और अमेरिका... साल 2024 में 78 देशों में चुनाव, 50 फीसदी दुनिया में नई सरकार
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Election Year 2024: भारत, पाकिस्‍तान, बांग्लादेश, रूस और अमेरिका... साल 2024 में 78 देशों में चुनाव, 50 फीसदी दुनिया में नई सरकार

Elections in 2024: साल 2024 लोकतंत्र के महापर्व यानी चुनावों का साल होने वाला है. दुनिया के 78 देशों में साल 2024 नई सरकार चुनने का साल होगा. इन देशों में होने वाले 83 से ज्यादा चुनाव में जनता अपने भविष्य का फैसला करने वाले नेताओं का चुनाव करेगी. 

Election Year 2024: भारत, पाकिस्‍तान, बांग्लादेश, रूस और अमेरिका... साल 2024 में 78 देशों में चुनाव, 50 फीसदी दुनिया में नई सरकार

Worldwide Upcoming Elections 2024: भारत में लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Elections 2024) के साथ ही पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश और पाकिस्तान भी आम चुनाव का सामना करने वाला है. दक्षिण एशिया के इन अहम देशों या वृहत्तर भारत के अलावा दुनिया के 78 देशों में साल 2024 लोकतंत्र का महापर्व यानी चुनावों का साल रहने वाला है. इन देशों में होने वाले 83 से ज्यादा नेशनल या विधानसभा चुनाव में जनता अपने तकदीर का फैसला करने के लिए वोटिंग का सहारा लेगी. दुनिया के एक मशहूर थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल ने अपनी स्टडी में दावा किया है कि साल 2024 के बाद दुनियाभर में अगले 24 साल तक एक साथ इतने ज्यादा चुनाव नहीं होंगे.

साल 2024  में लगभग हर महाद्वीप में चुनाव, 4.2 अरब आबादी पर असर

वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक का कहना है कि साल 2024 में दुनिया के 78 देशों के 4.2 अरब आबादी के लगभग दो अरब वोटर मतदान केंद्रों पर पहुंचकर अपनी नई सरकार का भविष्य तय करेंगे. इसके बाद शायद फिर साल 2048 में ऐसा संयोग बन सकता है कि दुनिया के इतने सारे देशों में एक साल के भीतर ही चुनाव देखने को मिले.इसलिए साल 2024 को लोकतंत्र के महापर्व यानी चुनावों का साल बताया जा रहा है. दुनिया के इतिहास में बड़ा चुनावी वर्ष 2024  लगभग हर महाद्वीप में चुनाव का गवाह बनेगा.

लीप ईयर 2024 में दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले सात देशों में चुनाव

दुनिया में सबसे बड़ी संख्या में एशियाई महाद्वीप के वोटर साल 2024 में मतदान करेंगे. वहीं, लीप ईयर 2024 में दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले सात देशों में चुनाव आयोजित होंगे. ब्राजील और तुर्की में इस साल आम चुनाव नहीं होंगे, लेकिन स्थानीय चुनाव होंगे और उनमें पूरा देश भाग लेगा. इसी तरह यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देश ब्लॉक की अगली संसद का चुनाव करेंगे. यह दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा चुनाव हो सकता है. साल 2024 कई मायनों में इसलिए भी अहम होगा कि एक तरफ अमेरिका और भारत जैसे बड़े लोकतंत्र आम चुनाव का सामना करेंगे, दूसरी तरफ कई एशियाई और अफ्रीकी देश भी निर्णायक चुनावों से गुजरेंगे. इन आम चुनावों के नतीजे महज उन देशों के स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति पर भी गहरा असर डालेंगे.

वैश्विक राजनीति में बड़ा बदलाव करवाएगा साल 2024  का चुनावी महाकुंभ 

मशहूर पत्रिका द इकॉनमिस्ट के मुताबिक, साल 2024 में चुनावों का सामना करने जा रहे कई देश जी20 और जी7 जैसे दुनिया के कुछ शक्तिशाली समूहों का हिस्सा हैं. इसका साफ संकेत है कि इन देशों के चुनाव नतीजों के भू-राजनीतिक प्रभाव अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य को प्रभावित करने वाले होंगे.  साल 2024 में दुनिया के कई देशों में होने वाले चुनावों का नतीजा स्थानीय राष्ट्रीय नेताओं के भविष्य तय करने के साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन और युद्ध की परिस्थितियों, शांति बहाली की कोशिश जैसे बड़े मुद्दों पर भी व्यापक असर डालेगा.

इसलिए, चुनावी महाकुंभ का साल 2024 वैश्विक राजनीति में बदलाव का भी साल साबित होने वाला है. फिलहाल दुनिया के 33 देशों में मतदान करना कानून बनाकर अनिवार्य किया गया है. वहीं, दुनिया के 18 देशों में मतदान न करने पर सजा का प्रावधान है. इसके पीछे दलील दी गई है कि चुनावी प्रक्रिया पूरा करवाने के लिए सरकार बड़े पैमाने पर जनता का पैसा खर्च करती है. इसलिए वोटरों का भी कर्तव्य है कि मतदान नहीं छोड़ें.

हैट्रिक लगाने उतरेंगे पीएम नरेंद्र मोदी, चुनौती देगा इंडिया गठबंधन 

साल 2024 में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहे जाने वाले हमारे देश भारत में लोकसभा चुनाव है. मार्च-अप्रैल, 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए देश में 60 करोड़ से ज्यादा वोटर नई सरकार चुनेंगे. केंद्र में 2014 के बाद दो कार्यकाल पूरा कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैट्रिक लगाने की कोशिश में हैं. वहीं, विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव में उन्हें चुनौती देने की तैयारी कर रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी साल भर में ही दूसरी बार यात्रा निकाल रहे हैं.

पड़ोसी और इस्लामिक मुल्कों में आम चुनाव का कैसा होगा असर

साल 2024 में सबसे पहले जनवरी में बांग्लादेश में आम चुनाव होंगे. यहां सत्तारुढ़ प्रधानमंत्री शेख हसीना और बेगम खालिदा जिया चुनावी जोर आजमाइश कर रही हैं.दुनिया के दो बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश पाकिस्तान और इंडोनेशिया में इसके बाद फरवरी महीने में एक सप्ताह के अंतर पर आम चुनाव होंगे. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में पीपीपी, पीएमएलएन और पीटीआई के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है. पाकिस्तान के शीर्ष चुनाव निकाय ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, और पूर्व केंद्रीय मंत्री हम्माद अजहर  के नामांकन पत्र खारिज कर दिए. वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि इंडोनेशिया में मौजूदा सरकार ही सत्ता में वापसी कर सकती है.

अमेरिका, यूके, रूस और यूक्रेन  में भी चुनाव, युद्ध और शांति बड़ा मसला

साल 2024 के नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव तय हैं. इस चुनाव के लिए जबरदस्त रस्साकशी जारी है. मौजूदा डेमोक्रेट राष्ट्रपति जो बाइडेन और  पूर्व राष्ट्रपति रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल सकता है. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही कांग्रेस के सभी सांसदों का भी चुनाव होगा. अमेरिकी विदेश नीति  को लेकर दुनिया भर की निगाहें इस चुनाव पर रहेंगी. यूके में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की अगुवाई में कंजर्वेटिव पार्टी के सामने सत्ता बचाने की चुनौती होगी. ब्रेक्जिट के बाद के आर्थिक हालात इस चुनाव में प्रमुख भूमिका निभाएंगे. वहीं, युद्ध में लगे रूस और यूक्रेन में भी साल 2024 में चुनाव देखने को मिलेगा. रूस में चुनाव महज औपचारिकता होंगे. रूस में फिर से व्लादिमीर पुतिन की सत्ता में वापसी तय मानी जा रही है. वहीं, यूक्रेन में भी जेलेंस्की के बदले जाने की संभावना न के बराबर है. 

यूरोप के कई देशों में सत्ता के लिए उठापटक, यूरोपीय यूनियन का भी चुनाव 

साल 2024 में ही यूरोप के कई देशों में सत्ता के लिए उठापटक देखने को मिलेगी. इस साल यूरोप में 10 से ज्यादा देशों में संसदीय और राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं. इनमें फिनलैंड, बेलारूस, पुर्तगाल, यूक्रेन, स्लोवाकिया, लिथुआनिया, आइसलैंड, बेल्जियम, यूरोपीय संसद, क्रोएशिया, ऑस्ट्रिया, जॉर्जिया, मोल्दोवा और रोमानिया शामिल हैं. ब्राजील और तुर्की में इस साल आम चुनाव नहीं, बल्कि स्थानीय चुनाव होंगे. इनमें पूरा देश भाग लेगा. वहीं, यूरोपीय यूनियन के 27 सदस्य देश ब्लॉक की अगली संसद का चुनाव करेंगे. इनमें फ्रांस, जर्मनी और स्वीडन जैसे देश शामिल हैं. अंतरराष्ट्रीय राजनीति के विशेषज्ञों का मानना है कि यूरोप में खंडित राजनीतिक जनादेश देखने को मिल सकता है. बहुत कम देशों में स्थिर बहुमत वाली सरकारें बनेंगी. इससे बहुदलीय गठबंधन सरकार की नौबत आ सकती है. वहीं, हर पांच साल पर होने वाले यूरोपीय चुनाव भी 6 से 9 जून तक होंगे.

दक्षिण अफ्रीका महाद्वीप में होंगे साल 2024 में सबसे ज्यादा चुनाव 

दक्षिण अफ्रीका में मई, 2024 में चुनाव होंगे. अफ्रीका के इस प्रमुख देश में सिरिल रामाफोसा राष्ट्रपति पद के लिए दोबारा चुनौती पेश करेंगे. बेरोज़गारी और असमानता जैसे मुद्दों पर उनकी सरकार की वापसी या बाहर होना तय होग. साल 2024 में इस महाद्वीप में सबसे अधिक चुनाव होंगे. साल 1994 में रंगभेद की समाप्ति के बाद साल 2024 के चुनाव को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दक्षिण अफ्रीका के इस महाद्वीप में अल्जीरिया, बोत्सवाना, चाड, कोमोरोस, घाना, मॉरिटानिया, मॉरीशस मोजाम्बिक, नामीबिया, रवांडा, सेनेगल, सोमालीलैंड, दक्षिण सूडान, ट्यूनीशिया और टोगो में भी चुनाव होने हैं.

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