Amla Navami 2024: पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक आंवले में भगवान विष्णु का वास होता है. माना जाता है कि इसमें बेल और तुलसी दोनों का गुण एक साथ होता है तो इस कारण अगर कोई आंवले के पेड़ की पूजा करता है तो वह शिव और विष्णु दोनों भगवान की पूजा एक साथ कर लेता है. ऐसे में जानते हैं कि इस दिन पूजा का विधान क्या है.
आंवला नवमी के दिन महिलाएं सुबह उठकर स्नान करें और पास के किसी भी आंवले के पेड़ के पास पहुंचकर उसके जड़ के पास सफाई करें.
साफ सफाई के बाद आंवले के पेड़ के नीचे पूरब की ओर मुंह करके खड़ा हो जाएं और पेड़ पर दूध अर्पित करें.
इसके बाद आंवले के पेड़ की पूजा करें और इसके बाद चारों ओर घूम कर परिक्रमा करें. इस दौरान कच्चा धागा पेड़ में लपेटते रहें.
सबसे अंत में पेड़ की आरती उतारें और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना कर वहां एक दिया जला कर छोड़ घर की ओर प्रस्थान कर जाएं.
घर पहुंचकर यथा संभव गरिबों को दान दे सकते हैं. दान के तौर पर अनाज, पैसे और गर्म कपड़े भी दान कर सकते हैं.
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