नया हिट-एंड-रन कानून पुराने से कैसे अलग है, क्यों हो रहा विरोध? जानें पूरी ABCD
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नया हिट-एंड-रन कानून पुराने से कैसे अलग है, क्यों हो रहा विरोध? जानें पूरी ABCD

Hit and Run Law: ट्रक ड्राइवरों ने नए हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. ट्रक ड्राइवरों ने नए हिट-एंड-रन कानून को कठोर बताया है.

नया हिट-एंड-रन कानून पुराने से कैसे अलग है, क्यों हो रहा विरोध? जानें पूरी ABCD

Hit and Run Law: देश के कई हिस्सों में नए साल की शुरुआत भारी ट्रैफिक जाम के साथ हुई. घंटों ट्रैफिक जाम फंसे लोगों ने सोशल मीडिया पर दर्द बयां करते हुए कई पोस्ट किए. ट्रैफिक जाम में काफी देर तक कई एंबुलेंस भी फंसी रहीं. जाम की समस्या ऐसी थी कि लोगों को बीच रास्ते से वापस लौटना पड़ा. जाम की समस्या के पीछे भारतीय ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल बताई जा रही है. रक ड्राइवरों की हड़ताल नए हिट-एंड-रन कानून के विरोध में हैं. आइये समझने की कोशिश करते हैं आखिर नए कानून में ऐसा क्या है जिसका ट्रक ड्राइवर विरोध कर रहे हैं.

ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल

ट्रक ड्राइवरों और ट्रक एसोसिएशन ने नए हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. ट्रक ड्राइवरों ने नए हिट-एंड-रन कानून को कठोर बताया है. ट्रक चालक नए कानून का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनका दावा है कि इसमें बड़े वाहनों पर आसानी से दोष साबित किया जा सकता है.

नया हिट-एंड-रन कानून क्या है?

नया हिट-एंड-रन कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 104 है, जो 'लापरवाही से मौत का कारण' के लिए दंडात्मक कार्रवाई स्थापित करती है. टैंकर चालक भारतीय न्याय संहिता के उस प्रावधान का विरोध कर रहे हैं, जिसके तहत लापरवाही से गाड़ी चलाने पर गंभीर सड़क दुर्घटना होने और पुलिस या प्रशासन के किसी अधिकारी को सूचित किए बिना मौके से भागने वाले चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है.

आईपीसी के अनुसार हिट-एंड-रन कानून क्या है?

हिट-एंड-रन की घटनाओं को कवर करने वाला कानून भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 ए के तहत वर्णित है. मौजूदा कानून में आईपीसी की धारा 304 (ए) "जो कोई भी जल्दबाजी या लापरवाही से किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आता है, उसे दो साल तक की कैद या जुर्माने से दंडित किया जाएगा. या कारावास और जुर्माना दोनों की सजा सुनाई जा सकती है. 

क्या बदल गया?

  • खंड 106(1) में सजा 2 साल से बढाकर 5 साल की गई है. 
  • खंड 106(2) में ‘हिट एंड रन’ मामलों में 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है.
  • हिट एंड रन मलमले में जो प्रावधान बढ़ाया गया है 10 साल तक, ये सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जरवेशन के तहत लिखा गया है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने सड़क पर लापरवाही से वाहन चलाने वालों (हादसे में किसी की मौत पर) पर सख्त कार्रवाई के लिए कहा है.

सब-सेक्शन 106(1) और 106(2) क्या है? 

BNS के सब-सेक्शन 106 (1) और सब-सेक्शन 106 (2) से यह स्पष्ट होता है कि यदि व्यक्ति घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को लापरवाही से गाड़ी चलाने से मौत की घटना की रिपोर्ट करता है, तो उस पर सब-सेक्शन 106 (2) की जगह सब-सेक्शन 106 (1) के तहत आरोप लगाया जाएगा. जिसमें 5 साल तक की सजा है, जबकि सब-सेक्शन 106(2) के तहत 10 साल के सजा का प्रावधान है. धारा 106 (1) अभी भी एक जमानती अपराध है और धारा 106 (2) को गैर-जमानती बनाया गया है.

महाराष्ट्र में व्यापक विरोध

महाराष्ट्र के नासिक जिले में सोमवार को टैंकर चालकों ने काम बंद कर दिया और एक हजार से अधिक टैंकर पनेवाडी गांव में खड़े कर दिए. पनेवाडी गांव एक ईंधन डिपो है, जहां ये टैंकर खड़े किए गए. नंदगांव तालुका के पनेवाड़ी गांव में भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल के ईंधन डिपो हैं साथ ही यहां एलपीजी गैस भरने का भी स्टेशन हैं. इन डिपो से ईंधन राज्य के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया जाता है. 

1,200 टैंकरों ने काम बंद कर दिया

नासिक जिला पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भूषण भोसले ने कहा, 'अगर आंदोलन बंद नहीं किया गया तो नासिक जिले के कई ईंधन स्टेशन बंद हो जाएंगे क्योंकि वे डीलरों को अपने टैंकर भरने नहीं दे रहे हैं. द्वार बंद कर दिए गए हैं और एक भी टैंकर को ईंधन नहीं ले जाने दिया जा रहा है.' उन्होंने कहा कि कम से कम 1,200 टैंकरों ने काम बंद कर दिया है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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