India-China Standoff: LAC पर कब से चल रहा था गतिरोध, चीन कहां अड़ा था, भारत की आपत्ति क्या है?
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India-China Standoff: LAC पर कब से चल रहा था गतिरोध, चीन कहां अड़ा था, भारत की आपत्ति क्या है?

China-India LAC Conflict: पीएम मोदी 22 और 23 अक्टूबर को रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मौजूद रहेंगे, जहां उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हो सकती है. दोनों नेताओं की संभावित मुलाकात से पहले यह कदम उठाया गया है. लेकिन दोनों देशों के संबंध आखिर इतने कैसे बिगड़े. चलिए आपको बताते हैं. 

India-China Standoff: LAC पर कब से चल रहा था गतिरोध, चीन कहां अड़ा था, भारत की आपत्ति क्या है?

India-China Standoff: भारत और चीन के बीच चार साल से चला आ रहा एलएसी विवाद अब समाधान की ओर बढ़ता दिख रहा है. दोनों देशों के बीच 3,440 किमी की सीमा है, जिस पर लंबे वक्त से विवाद चल रहा था. लेकिन सोमवार को विदेश मंत्री विक्रम मिस्त्री ने बताया कि दोनों देश के बीच विवादित लद्दाख सीमा पर पेट्रोलिंग करने को लेकर सहमति बन गई है. साथ ही दोनों देश अपनी सेनाएं भी पीछे हटाएंगे. 

पीएम मोदी 22 और 23 अक्टूबर को रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मौजूद रहेंगे, जहां उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हो सकती है. दोनों नेताओं की संभावित मुलाकात से पहले यह कदम उठाया गया है. लेकिन दोनों देशों के संबंध आखिर इतने कैसे बिगड़े. चलिए आपको बताते हैं. 

2020 में चरम पर पहुंचा तनाव

साल था 2020 और महीना था मई का. भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा था. दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं. अगले ही महीने यानी जून में गलवान घाटी में चीन के सैनिकों ने नापाक हरकत की और भारतीय पक्ष पर हमला बोल दिया. जवाब में भारतीय सेना ने करारा पलटवार करते हुए चीन को गहरा जख्म दिया. इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. हालांकि चीन ने मरने वाले सैनिकों की संख्या 4 बताई थी. यह दशकों में दोनों ही देशों के सैनिकों के बीच सबसे हिंसक झड़प थी. 

अब ये झड़प हुई क्यों थी वो भी जान लीजिए. दरअसल भारत लगातार गलवान घाटी में सड़क बना रहा था, जो अहम एयरबेस को जोड़ रही थी. इसके अलावा बॉर्डर के पास इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर भी काम चल रहा था. इस पर चीन ने आपत्ति जताई. चीन ने इस सड़क को खतरा माना क्योंकि वह इस क्षेत्र पर अपना दावा मानता है. इसी कारण से दोनों ही देशों के बीच तनाव बढ़ गया और सेनाएं आमने-सामने आ गईं. बाद में गलवान हिंसा के बाद दोनों देशों के रिश्ते सबसे बुरे दौर में पहुंच गए.

गलवान हिंसा के बाद भी दोनों देशों के सैनिकों की कई बार झड़प हुई. 

  • जनवरी 2021 में नाकू ला पास पर दोनों देशों के सैनिकों की झड़प हुई, जिसमें दोनों ही पक्ष के सैनिक घायल हो गए. 

  • सितंबर 2021 में पैंगोंग लेक के पास गोली चलने की खबर आई, जो 1996 के नो फायर आर्म्स अग्रीमेंट का उल्लंघन था. 

  • इसके बाद दिसंबर 2022 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन के सैनिक भिड़ गए, जिसमें मामूली चोटें आईं. 

कितने दौर की चली बातचीत?

इसके बाद किसी समझौते तक पहुंचने के लिए कई हफ्तों तक दोनों पक्षों की बातचीत चली. दोनों ही पक्षों के बीच अब तक मामले को सुलझाने के लिए कॉर्प्स कमांडर लेवल की 21 राउंड की बैठकें हो चुकी हैं. इसमें एलएसी पर तनाव घटना, सेना को पीछे लेने पर बातचीत हुई. 

भारत और चीन के बीच हुए हालिया समझौते में क्या है?

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि भारतीय और चीनी वार्ताकार पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त के लिए एक समझौते पर पहुंचे हैं. समझा जाता है कि यह समझौता देपसांग और डेमचोक इलाकों में गश्त से जुड़ा है. इसके अलावा दोनों ही देश अपनी-अपनी सेनाएं भी पीछे हटाएंगे. 

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