LAC Dispute With China: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद पर अच्छी खबर सामने आई है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत और चीन के वार्ताकार पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के मुद्दे पर पिछले कुछ सप्ताह से संपर्क में हैं.
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LAC Dispute With China: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद पर अच्छी खबर सामने आई है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत और चीन के वार्ताकार पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के मुद्दे पर पिछले कुछ सप्ताह से संपर्क में हैं. भारतीय और चीनी सैन्य वार्ताकार एक समझौते पर पहुंच गए हैं.
#WATCH | Delhi: On agreement on patrolling at LAC, Foreign Secretary Vikram Misri says, "...As a result of the discussions that have taken place over the last several weeks an agreement has been arrived at on patroling arrangements along the line of actual control in the… pic.twitter.com/J7L9LEi5zv
— ANI (@ANI) October 21, 2024
पूर्वी लद्दाख में गश्त समझौता
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि भारतीय और चीनी वार्ताकारों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त के लिए एक समझौते पर पहुंचने में सफलता प्राप्त की है. इस समझौते के तहत, दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनीतिक संवाद को आगे बढ़ाने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया है. विदेश सचिव ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय और चीनी वार्ताकार लगातार संपर्क में थे, ताकि अन्य लंबित मुद्दों का समाधान किया जा सके.
देपसांग और डेमचोक पर बनी बात
विशेष रूप से, यह समझौता देपसांग और डेमचोक इलाकों में गश्त से संबंधित है, जहां पिछले कुछ समय से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा था. यह कदम न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार की भी संभावनाएं लेकर आएगा.
शी जिनपिंग से बात कर सकते हैं पीएम मोदी
यह महत्वपूर्ण घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूसी शहर कजान की यात्रा से एक दिन पहले की गई है. इस संदर्भ में, उम्मीद की जा रही है कि मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक होगी. हालांकि, अभी तक इस बैठक के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है. यह घटनाक्रम भारत और चीन के बीच सकारात्मक संवाद की एक नई शुरुआत की ओर इशारा करता है. जो दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और स्थिरता को बढ़ाने में सहायक हो सकता है.