Blasts Near Qasim Sulemani Grave: ईरान के करमान शहर में कमांडर कासिम सुलेमानी की चौथी बरसी पर उसकी कब्र के पास सिलसिलेवार दो बम धमाकों में 73 लोगों की मौत हो गई. धमाके में हुए हैं. सरकार ने इसे आतंकवादी हमला बताते हुए अलर्ट के आदेश दिए हैं. इसके बाद ईरान की सेना ने मोर्चा संभाला है.
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Who Was Qasim Sulemani: मिडिल ईस्ट के ईरान में बुधवार को सिलसिलेवार दो बम धमाके में 73 लोगों की मौत के बाद सनसनी फैल गई है. ईरान की सरकारी अल अरबिया के मुताबिक करमान शहर के कब्रिस्तान में कमांडर कासिम सुलेमानी (Qasim Sulemani Grave) को दफनाया गया है. सुलेमानी की चौथी बरसी मनाने के दौरान ड्रोन हमले से हुए धमाके में मरने वालों की गिनती में इजाफा हो सकता है. अब तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. ईरान सरकार ने इसे आतंकवादी हमला बताया है और अलर्ट जारी किया है. इसके बाद सेना सक्रिय हो गई है.
दक्षिणी ईरान के करमान शहर के साहेब अल-जमान मस्जिद के पास दो धमाके
स्थानीय मीडिया ने बताया कि दक्षिणी ईरान के करमान शहर के साहेब अल-जमान मस्जिद के पास एक बड़ा धमाका हुआ. कुछ देर बाद पास में ही दूसरा धमाका हुआ. धमाके के बारे में विस्तार से जानकारी सामने नहीं आई है. धमाके के बाद हुई भगदड़ में भी कई लोगों की जान गई है. जानकारी के मुताबिक कमांडर कासिम सुलेमानी को करमान शहर में साहेब अल-ज़मान मस्जिद के पास एक कब्रिस्तान में दफनाया गया है. आइए, जानते हैं कि कासिम सुलेमानी कौन था? साथ ही उसकी मौत की चौथी बरसी पर हुए जानलेवा धमाके में क्यों दबे-छुपे अमेरिका का नाम लिया जा रहा है.
ईरान, हमास और हिजबुल्लाह की आंखों का तारा क्यों कहा जाता था कासिम सुलेमानी
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के विदेशी अभियानों के प्रमुख कमांडर कासिम सुलेमानी अमेरिका के लिए बड़ा सिरदर्द बताया जाता था. तीन जनवरी 2020 को बगदाद एयरपोर्ट पर अमेरिकी हवाई हमले में ईरान की कुर्द फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की जान चली गई थी. अमेरिका ने सीधे तौर पर इस ड्रोन हमले की जिम्मेदारी ली थी. ईरान की आंखों का तारा माना जाने वाला कमांडर कासिम सुलेमानी पूरे क्षेत्र में ईरानी नीति के सर्वेसर्वा बताया जाता था. कासिम सुलेमानी खास तौर पर कुर्द फोर्स के सिक्रेट मिशनों और हमास और हिजबुल्लाह सहित सहयोगी संगठनों, सरकारों और सशस्त्र समूहों को रकम, रसद, हथियार, खुफिया मदद और मार्गदर्शन मुहैया कराने का काम भी देखता था. कासिम सुलेमानी की मौत के चार साल पूरे होने पर बुधवार को उसकी कब्र के पास आयोजित एक सम्मान समारोह में बड़ी संख्या में ईरानी लोग इकट्ठा हुए थे.
अमेरिका के लिए क्यों सबसे बड़ा सिरदर्द था ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी
कासिम सुलेमानी की मौत को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सबसे बड़ी जीत बताया था. ट्रंप ने कासिम सुलेमानी को दुनिया का आतंकी नंबर एक तक कहा था. अमेरिका के लिए सिरदर्द कासिम सुलेमानी को ईरान में सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खुमैनी के बाद सबसे पावरफुल लोगों में गिना जाता था. ईरान में नेशनल हीरो माने जाने वाले कमांडर कासिम सुलेमानी ने 2020 में मारे जाने से पहले सऊदी अरब और इराक के अलावा कुछ और देशों में भी सीक्रेट ऑपरेशंस को अंजाम दिए थे. साल 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को न्यूक्लियर ट्रीटी तोड़ने पर तबाही की धमकी दी थी. इसके बाद कासिम सुलेमानी ने ललकारते हुए कहा था कि जंग ट्रंप ने शुरू की है, इसे खत्म हम करेंगे.
अमेरिका और इजरायल को सुलेमानी के कत्ल का कसूरवार बताता है ईरान
दूसरी ओर अमेरिका का लंबे समय से कहना है कि ईरान ने एटमी पावर हासिल करने में लगा है. इससे अमेरिका के करीबी दोस्त अरब देशों और इजरायल के साथ ही उसके हितों को भी काफी नुकसान हो सकता है. इनमें से कुछ देशों में अमेरिका के मिलिट्री बेस भी हैं. इसलिए अमेरिका और ईरान में दुश्मनी है. कासिम सुलेमानी की मौत के बाद साल 2020 में ईरान ने बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर हमले किए थे. ईरान ने दावा किया था कि इस हमले में अमेरिका के 80 सैनिक मारे गए थे. तब खुमैनी ने पश्चिम एशिया से सभी अमेरिकी सैनिकों को खदेड़ने की धमकी दी थी. ईरान का दावा था कि सीरिया से चुपचाप इराक की राजधानी बगदाद पहुंचे सुलेमानी के बारे में इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद ने अमेरिका को जानकारी दी थी.