Gold Smuggling news: ITBP ने भारत-चीन सीमा (India China Border) पर तेंजिंग तार्गे और शेरिंग चांबा नाम के दो संदिग्धों से लद्धाख में अवैध सोने (gold seized at Ladakh) की बड़ी खेप बरामद की है.
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Indo Tibetan Border Police: इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) ने भारत-चीन सीमा (India China Border) पर तेंजिंग तार्गे और शेरिंग चांबा नाम के दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. दोनों सोने की एक बड़ी खेप की तस्करी (Gold smuggling) करने की कोशिश कर रहे थे. गिरफ्तार आरोपियों के पास से तस्करी के लिए उपयोग बनाए जाने वाले मोबाइल चाकू और अन्य उपकरण भी बरामद हुए हैं. शुरुआती पूछताछ में तस्करों ने ITBP के गश्ती दल को गुमराह करने की कोशिश की. लद्दाख में LAC के पास 108 किलो सोना पकड़ा गया है. ये ITBP के इतिहास की सबसे बड़ी जब्ती है जिसका चीन से कनेक्शन हो सकता है.
जयपुर, मुंबई और केरल समेत देश के तमाम हवाईअड्डों से आए दिन बड़ी तादात में गैरकानूनी सोना (illegal gold) पकड़े जाने की खबरें आए दिन आती रहती हैं. क्या कभी आपने सोचा है कि वह सोना कहां जाता है?
कस्टम द्वारा जब्त सोने का क्या होता है?
हीरे की मार्केटिंग करने वाले कहते हैं - 'हीरा है सदा के लिए'. इससे इतर भारतीय लोगों की दिलचस्पी गोल्ड/सोने में होती है. खासकर महिलाएं तो सोना खरीदना और उसके गहने पहनना चाहती हैं. सोना दशकों से नहीं सदियों से आम हो या खास, राजा हो या प्रजा सभी की पहली पसंद रहा है. कहा तो ये भी जाता है कि यहां तो शादियों-त्योहारों की जबरदस्त मांग के कारण भी सोने की तस्करी बढ़ जाती है.
चीन सीमा से सटे लद्दाख से जब्त हुए इस सोने (ladakh india china border gold seized smuggling) को कस्टम विभाग को सौंप दिया जाएगा. जिसके बाद ये आगे के प्रॉसेस में आएगा.
#ITBP Seizes 108 Gold Biscuits!
On 09-07-24, a team led by DC Sh. Deepak Bhatt from the 21 BN conducted a Long Range Patrol in Eastern Ladakh, seizing 108 gold biscuits (108 kg) near Sirigaple. 02 suspects were apprehended. Further investigations are ongoing with other agencies. pic.twitter.com/Ij2RK5hB1L
— ITBP (@ITBP_official) July 10, 2024
बीते दो सालों में भारत में जब्त हुए सोने की बात करें तो मुंबई, दिल्ली, चेन्नई समेत तमाम बड़े हवाई अड्डों पर हर माह बड़ी संख्या में अवैध सोना जब्त किया गया है. तमाम सख्ती और सुरक्षा इंतजामों के बावजूद सोने की तस्करी रुकी नहीं है. क्या कभी आपने सोचा है कि कस्टम और सेंट्रल एक्साइज़ डिपार्टमेंट द्वारा जब्त सोना आखिर कहां जाता है. उस सोने का क्या होता है. कैसे ये चमचमाती गोल्डन ‘मेटल’ दुनिया में सबसे ज्यादा स्मगलिंग का सामान बन जाती है, ऐसे तमाम सवालों का जवाब आइए आपको देते हैं.
'काला' सोना कैसे बनता है 'खरा/सच्चा' सोना?
जब्त किए गए/जब्ती किए गए सोने की बिक्री की नीति पर सरकार ने स्पष्ट दिशा निर्देश दे रखे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त मंत्रालय की निगरानी में ऐसे जब्त सोने की समीक्षा होती है. तमाम लीगल प्रोसिजर के बाद जब्त अवैध सोना यानी गैरकानूनी तरीके से तस्करी होने वाला सोना लीगल टेंडर बन जाता है.
Airport या जहां कहीं भी गैरकानूनी सोने (Illegal gold) की कोई खेप जब्त होती है, तो सीमा शुल्क यानी कस्टम विभाग के अफसर उसे संबंधित जगह जैसे एयरपोर्ट वगैरह के स्ट्रांग रूम में भेज देते हैं. जब तक जांच प्रकिया चलती है, सोना स्ट्रांग रूम में रहता है. इसके साथ ही जिससे सोना जब्त हुआ है उससे पूछताछ होती रहती है. पूछताछ में जो कुछ निकलता है उसके हिसाब से तस्कर जिसके लिए काम कर रहा हो या जिस किसी का नाम बताए उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है. ऐसी तमाम प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद जब्त हुआ सोना सरकारी दिशा निर्देशों के हवाले से आगे भेजा जाता है. इसके लिए कस्टम (सीमा शुल्क) के निपटान विभाग को एक आदेश पत्र जारी करता है.
अगला चरण
इसके बाद अगले चरण में तस्करी में जब्त हुए सोने को मुहरबंद कर स्ट्रांगरूम से आरबीआई (RBI) की टकसाल (मिन्ट) में भेज दिया जाता है. वहां सोने को पिघलाकर 999.95 शुद्धता वाले सोने की छड़ों में ढाल दिया जाता है.
'मिड डे' की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रॉसेस में कस्टम विभाग के अफसर बेहद सावधानी बरतते हैं. एक मिसाल की बात करें तो - अगर RBI की टकसाल में 10 Kg सोना भेजा जाना है, तो बैंक को पहले से सूचित करने वाला नोट जारी किया जाता है. सोना वहां पहुंच जाता है तो बैंक तुरंत ही ‘सुरक्षित प्राप्ति’ का नोट कस्टम विभाग को भेजता है.
नीलामी प्रक्रिया टकसाल में ढाली गईं सोने की छड़ों को नीलामी प्रक्रिया के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की बुलियन शाखा में भेजा जाता है. इस प्रक्रिया के बारे में अधिकारी ने बताया कि SBI टेंडर जारी करता है, जिसमें केवल अधिकृत बोलीकर्ताओं को ही अपनी बोली लगाने का अधिकार होता है. तमाम बोलीकर्ता अपनी बोलियां पेश करते हैं. जिसकी बोली सबसे अधिक होती है, वो पेमेंट करके सोने ले जाता है. सर्विस टैक्स को वसूलने के बाद एसबीआई बैंक बची हुई रकम कस्टम विभाग को भेज देता है.