रूस यूक्रेन युद्ध: क्या है व्लादिमीर पुतिन का मीर जिस पर अमेरिका ने किया स्ट्राइक?
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रूस यूक्रेन युद्ध: क्या है व्लादिमीर पुतिन का मीर जिस पर अमेरिका ने किया स्ट्राइक?

रूस-यूक्रेन युद्ध की दूसरी बरसी पर अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन ने रूस पर 500 से ज्यादा तरीके के प्रतिबंध लगा दिए हैं. इसके अलावा रूस पर पहले से लगाए गए कई प्रतिबंधों को भी आगे बढ़ा दिया है.

रूस यूक्रेन युद्ध: क्या है व्लादिमीर पुतिन का मीर जिस पर अमेरिका ने किया स्ट्राइक?

ब्रिटेन की संसद में पाकिस्तान को जमकर धोने वाली लड़की याना मीर की चर्चाओं के बीच एक और मीर दुनिया में सुर्खियां बटोर रहा है. हालांकि, यह मीर रूस से वास्ता रखता है, जिस पर अमेरिका ने फिर से स्ट्राइक किया है. इसके साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध की बरसी के दिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के कड़े फैसले से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर खतरा मंडराने लगा है. 

रूस यूक्रेन युद्ध की दूसरी बरसी पर कार्रवाई या एलेक्सी नवलनी की मौत का बदला

अमेरिका ने रूस पर और 500 तरीके के प्रतिबंध लगा दिए हैं. अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकारों के मुताबिक, रूस यूक्रेन युद्ध की दूसरी बरसी पर कार्रवाई से ज्यादा अमेरिका की सख्ती को रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की मौत का बदला लेने के लिए उठाया गया कदम बताया जा रहा है. आइए, जानते हैं कि अमेरिकी स्ट्राइक का निशाना बने व्लादिमीर पुतिन का मीर क्या है?

रूस की इकोनॉमी का सबसे अहम हिस्सा क्यों बन गया है मीर कार्ड पेमेंट सिस्टम

दुनिया भर की अर्थव्यवस्था में रूस का सबसे बड़ा योगदान है और मीर रूस की इकोनॉमी का सबसे अहम हिस्सा है. दरअसल, मीर रुस का स्थानीय पेमेंट कार्ड है. इसे रुस की सरकार द्वारा लांच  किया गया है. रुस में नेशनल पेमेंट कार्ड जुलाई 2014 में लांच  किया गया था. यानी मीर एक प्लास्टिक कार्ड है और रूस की भुगतान प्रणाली (पेमेंट सिस्टम) है. मीर 1 मई 2017 को अपनाए गए एक कानून के तहत रूस के सेंट्रल बैंक द्वारा स्थापित इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर के लिए एक रूसी कार्ड भुगतान प्रणाली है.

बेल्जियम की डिजिटल वॉलेट कंपनी ओपनवे ने विकसित किया था मीर पेमेंट सिस्टम 

मीर पेमेंट सिस्टम को बेल्जियम की डिजिटल भुगतान कंपनी ओपनवे द्वारा विकसित किया गया था. उसके बाद से यह पूरी तरह से रूसी राष्ट्रीय कार्ड भुगतान प्रणाली द्वारा संचालित है.बैंक ऑफ रूस के फास्टर पेमेंट्स सिस्टम (SBP), सीमा पार भुगतान के लिए रूसी फाइनेंशल मैसेंजिंग सिस्टम (SFMS) और बैंक ऑफ रूस के सर्विस ब्यूरो ऑफ फाइनेंसियल मैसेजिंग सिस्टम (SPFS) ने लेन-देन के लिए मीर कार्ड को अपनाने पर सहमति बनाई हुई है.

रूस में कारोबार करने वाली विदेशी कंपनियों के बीच भी लोकप्रिय है मीर कार्ड

पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण रूस के लोग इंटरनेशनल कार्ड का प्रयोग नहीं कर पा रहे थे. इसके बाद साल 2015 में नेशनल पेमेंट कार्ड सिस्टम ने तकनीक के द्वारा इस मीर कार्ड को एटीएम और कार्ड इंश्योरेंस जैसी कई सुविधाओं के तहत इसे संचालित करना शुरू किया था. मीर कार्ड शुरू में ज्यादातर रूस-आधारित कंपनियों, जैसे एअरोफ़्लोत और रूसी रेलवे द्वारा स्वीकार किए जाते थे, लेकिन यह धीरे-धीरे रूस में कारोबार करने वाली विदेशी कंपनियों के बीच भी लोकप्रिय हो गया. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद तुर्की के साथ ही 10 से ज्यादा देश रूस के साथ मीर कार्ड के जरिए कारोबार करते हैं.

भारत और रूस ने बीते साल रूपे कार्ड और मीर कार्ड से लेन-देन को किया था मंजूर

भारत और रूस ने बीते साल मई महीने में एक दूसरे के देश में रूपे (RuPay) और मीर कार्ड (Mir card) स्वीकार करने की संभावना तलाशने की शुरुआत की थी. मास्को पर पश्चिम देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भारतीय और रूसी नागरिकों को अपने-अपने देशों में भारतीय रुपये और रूसी रूबल में बिना किसी परेशानी के पेमेंट करने में मदद के लिए रास्ते बनाए गए थे. व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग (IRIGC-TEC) पर उच्च स्तरीय सरकारी आयोग की बैठक में दोनों देशों के बीच रूपे और मीर कार्डों की मंजूरी के लिए चर्चा के बाद सहमति भी बनी थी.

अमेरिका ने रूस के मीर कार्ड समेत इन अहम क्षेत्रों पर लगाए और बढ़ाए कड़े प्रतिबंध

अमेरिका ने रूस की भुगतान प्रणाली मीर, वित्तीय संस्थानों, सैन्य और औद्योगिक आधार, भविष्य के ऊर्जा उत्पादन और अन्य क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगाया है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने इसके बाद रूस के प्रमुख टैंकर समूह सोवकॉम्फ्लोट पर भी प्रतिबंध लगा दिया. इसके साथ ही रूसी तेल पर G-7 की मूल्य सीमा का उल्लंघन करने में शामिल होने का आरोप भी लगाया. इसके अलावा रूस के लिए काफी अहम माने जाते 14 कच्चे तेल टैंकरों पर भी बैन लगा दिया है. क्योंकि इन्हीं टैंकरों से रूस दूसरे देशों के लिए कच्चा तेल निर्यात करता है.

विदेश में आक्रामकता और देश में दमन पुतिन को महंगा पड़ेगा- बाइडेन की चेतावनी

दो साल से लगातार जारी रूस-यूक्रेन युद्ध का अंत कहीं नजर नहीं आ रहा है. इसकी दूसरी बरसी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि रूस पर हमारे  प्रतिबंधों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन विदेश में अपनी आक्रामकता और देश में विरोधियों पर दमन के लिए और भी ज्यादा कीमत चुकाएं. उन्होंने कहा कि पुतिन अब महससू करें कि जो यूक्रेन के साथ कर रहे हैं, उनके लिए वह कितना महंगा पड़ने वाला है. बाइडेन ने इससे पहले एलेक्सी नवलनी के परिवार से मिले थे और उन्हें ढांढस बंधाते हुए इंसाफ का भरोसा दिलाया था.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सख्त फैसले और प्रतिबंधों पर रूस का करारा जवाब 

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सख्त फैसले और प्रतिबंधों पर रूस ने भी करारा जवाब दिया है. अमेरिका में रूस के राजदूत अनातोली एंटोनोव ने कहा है कि क्या वाशिंगटन को ये एहसास नहीं है कि ये प्रतिबंध हमें नीचे नहीं गिराएंगे? दूसरी और रूस की ट्रेजरी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा है अमेरिका ने रूस के टैंकर समूह पर प्रतिबंध लगाया है जो कि सरासर नाइंसाफी है. टैंकर समूह सोवकॉम्फ्लोट को गलत तरीके से मूल्य सीमा उल्लंघन में फंसाया गया है.

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