Israel Embassy Delhi: केमिकल ब्लास्ट क्या होता है? दिल्ली में इजरायल दूतावास के पास कुछ ऐसा ही हुआ
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Israel Embassy Delhi: केमिकल ब्लास्ट क्या होता है? दिल्ली में इजरायल दूतावास के पास कुछ ऐसा ही हुआ

जेहाद जारी रखेंगे, अल्लाह हू अकबर... ऐसी बातें उस लेटर में लिखी थीं, जो इजरायल दूतावास के पास से मिला है. इस विस्फोट को केमिकल ब्लास्ट माना जा रहा है. ऐसे में एजेंसियां विशेष सतर्कता बरत रही है. सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं. पता लगाने की कोशिश हो रही है किसने ऐसा किया?

Israel Embassy Delhi: केमिकल ब्लास्ट क्या होता है? दिल्ली में इजरायल दूतावास के पास कुछ ऐसा ही हुआ

Chemical Blast Israeli Embassy Delhi: राजधानी दिल्ली में इजरायली दूतावास के करीब पहले भी कम तीव्रता के ब्लास्ट हुए हैं लेकिन इस बार केस कुछ अलग है. जी हां, कल शाम एंबेसी से करीब 100 मीटर की दूरी पर जो धमाका हुआ है उसका अवशेष ही नहीं मिला है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस को शक है कि जो धमाका हुआ है उसे केमिकल ब्लास्ट के जरिए अंजाम दिया गया है. ऐसे में आपके मन में सवाल पैदा हो सकता है कि इसमें क्या होता है? आमतौर पर इस तरह के धमाकों में विस्फोटक उपकरण या IED पाई जाती है लेकिन कल जांच में पता चला कि इसे शायद केमिकल तरीके से अंजाम दिया गया. 2012 में एक ईरानी हमलावर ने एक 'मैग्नेटिक स्टिक डिवाइस' का इस्तेमाल करते हुए एक इजरायली राजनयिक की गाड़ी में धमाका किया था. 

क्या होता है केमिकल विस्फोट

इस तरह के ब्लास्ट के बाद एक्सप्लोसिव हवा में उड़ जाते हैं इसलिए किसी प्रकार के एक्सप्लोसिव के अवशेष फोरेंसिक टीम को नहीं मिले. पुलिस इस धमाके को इसलिए भी फर्ज़ी साबित नहीं कर रही क्योंकि पुलिस को स्पॉट से एक लेटर मिला है, जो कलरफुल था. इसमें इज़रायल एंबेसी के राजदूत को संबोधित करते हुए अंग्रेज़ी में बेहद भद्दी भाषा का इस्तेमाल किया गया है. 

तब बेरुत में हुआ था केमिकल ब्लास्ट

हां, अगस्त 2020 में लेबनान के बेरुत शहर में एक केमिकल ब्लास्ट हुआ था. उसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और काफी नुकसान हुआ था. 5000 लोग घायल हो गए थे. बेरुत पोर्ट आग में पूरी तरह झुलस गया था. सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हुए थे. बाद में पता चला कि धमाके में कुल 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ था. इसे पोर्ट पर एक गोदाम में छिपाकर रखा गया था. अमोनियम नाइट्रेट क्रिस्टल की तरह का सफेद सॉलिड होता है जो आमतौर पर खेती के लिए इस्तेमाल होने वाले उर्वरकों में नाइट्रोजन का सोर्स होता है.

हालांकि इसे फ्यूल ऑयल के साथ मिलाकर एक्सप्लोसिव भी तैयार किया जाता है, जिसका इस्तेमाल माइनिंग और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्रीज में होता है. आतंकी इसका इस्तेमाल कर बम भी बनाते रहे हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि अमोनियम नाइट्रेट को ठीक तरह से रखा जाए तो यह सेफ रहता है. हालांकि दिल्ली ब्लास्ट में यह साफ नहीं हो सका है कि क्या यह केमिकल ब्लास्ट ही था और अगर था तो इसमें किस चीज का इस्तेमाल हुआ. वैसे भी यह बेहद कम तीव्रता का धमाका था. 

फिंगरप्रिंट जुटा रही पुलिस 

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने लेटर को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है ताकि उससे फिंगरप्रिंट जुटाए जा सकें. फिलहाल पुलिस की कई टीमें पूरे इलाके का सीसीटीवी खंगालने में लगी हैं. 

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सूत्रों ने बताया है कि पुलिस को जो एक पेज का लेटर मिला है उसमें इजरायल को लेकर काफी गुस्सा जाहिर किया गया है. इसमें 'अल्लाह हू अकबर' लिखा है और एक संगठन का भी जिक्र है. इसमें लिखा है कि 'जेहाद जारी रखेंगे'. लेटर की भाषा से साफ है कि इस हरकत के पीछे जो भी लोग हैं उनका कनेक्शन गाजा में चल रही लड़ाई से है. 

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