Pakistan Election: पाकिस्तान में कौन बनेगा प्रधानमंत्री? नवाज की उम्मीद, बिलावल को लेकर कयास तो इमरान का क्या होगा
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Pakistan Election: पाकिस्तान में कौन बनेगा प्रधानमंत्री? नवाज की उम्मीद, बिलावल को लेकर कयास तो इमरान का क्या होगा

Pakistan General Election News: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में गुरुवार (8 फरवरी) को होने वाला आम चुनाव तय करेगा कि अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा. पाकिस्तान में आम चुनाव की प्रकिया भले ही भारत की तरह हो, लेकिन पीएम के चेहरे (PM Face) को लेकर वहां बहुत उहापोह कायम है.

Pakistan Election: पाकिस्तान में कौन बनेगा प्रधानमंत्री? नवाज की उम्मीद, बिलावल को लेकर कयास तो इमरान का क्या होगा

Pakistan National Elections: पाकिस्तान में 8 फरवरी (गुरुवार) को होने वाले आम चुनाव पर दुनिया भर की निगाहें हैं. बैलेट पेपर पर वोटिंग और काउंटिग की जटिल प्रक्रियाओं के बाद देर रात तक पाकिस्तान में चुनावी नतीजे (Pakistan Election Result) घोषित कर दिए जाएंगे. उसके बाद गठबंधन और प्रधानमंत्री के नाम सामने आएंगे. आम चुनाव के प्रचार अभियान में उछाले गए मुद्दों के आधार पर पाकिस्तान में संभवित पीएम को लेकर सियासी कयासों का दौर परवान पर है.

चौथी बार प्रधानमंत्री बनेंगे नवाज शरीफ या लग जाएगा बिलावल भुट्टो का नंबर

पड़ोसी मुल्क के एक राजनीतिक दिग्गज, पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) के प्रमुख नवाज शरीफ की चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि, अपनी बेशुमार दौलत और पाकिस्तान में अपने काफी असर के बावजूद नवाज शरीफ को कई बार जेल जाना पड़ा है और देश तक छोड़ना पड़ा है. दूसरी ओर, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता बिलावल भुट्टो के जीतने पर वजीरे आला बनने को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं. 

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पूर्व पीएम इमरान खान का क्या होगा

इस बीच पूर्व पीएम इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI को लेकर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अब वह शायद ही मुल्क की बड़ी सियासी ताकत बन पाएं. आइए, जानते हैं कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद के लिए इन तीन प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवारों के बीच कैसी टक्कर हो रही है और किस क्षेत्र या प्रांत में किसका पलड़ा कितना भारी है? इसके साथ ही कथित सैन्य हस्तक्षेप के बीच हो रहे आम चुनाव के बाद पाकिस्तान में नतीजे के बाद इन नेताओं का मजबूत और कमजोर पक्ष क्या हो सकता है?

नवाज शरीफ: चार साल बाद लंदन से लौटे, चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद

पाकिस्तान में पंजाब के शेर कहे जाने वाले पीएमएल-एन के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ फिलहाल पीएम की कुर्सी की रेस में सबसे आगे दिख रहे हैं.  राजनीतिक दिग्गज नवाज शरीफ के चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद है. हालांकि, अपनी संपत्ति और देश में अपने प्रभाव के बाद भी शरीफ को कई बार जेल जाना पड़ा है. पाकिस्तान की राजनीति को जानने-समझने वाले का मानना है कि नवाज शरीफ का अगला प्रधानमंत्री बनना तय है. लंदन में चार साल का स्व-निर्वासित जीवन बिताकर शरीफ कुछ समय पहले ही पाकिस्तान लौटे हैं. पाकिस्तान आते ही उन्होंने ताबड़तोड़ रैलियां शुरू कर दी. फिलहाल पाकिस्तान में उनके भाई शाहबाज शरीफ गठबंधन सरकार में पीएम हैं.

भारत को लेकर नवाज शरीफ का रुख अमूमन नरम रहा है. शरीफ भारत के साथ संबंध बेहतर करने के पक्षधर माने जाते हैं. पाकिस्तान में अपनी चुनावी रैलियों में भी नवाज शरीफ भारत की तारीफ कर रहे हैं. उन्होंने अपने चुनावी घोषणा पत्र मेंभी  भारत को 'शांति का संदेश' देने का वादा किया है. हालांकि, उन्होंने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा लौटाने की शर्त भी रखी है. शरीफ ने भारत की प्रगति और वैश्विक उपलब्धियों को स्वीकार करते हुए नए राजनयिक संबंधों की वकालत भी की है.

बिलावल भुट्टो जरदारी: विरासत में मिली सियासत, किंग नहीं तो किंगमेकर ही सही

पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति रहे आसिफ अली जरदारी के बेटे बिलावल अली भुट्टो जरदारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख नेता हैं. साल 2007 में बेनजीर भुट्टो की सरेआम हत्या कर दी गई थी. राजनीतिक विरासत में पाने वाले बिलावल अली भुट्टो के नाना जुल्फिकार अली भुट्टो भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे थे. पिछली पीएमएलएन और पीपीपी की गठबंधन सरकार में बिलावल अली भुट्टो पाकिस्तान के विदेश मंत्री थे. बिलावल अली भुट्टो की पार्टी का सिंध में दबदबा है. वह लाहौर सीट से किस्मत आजमा रहे हैं. माना जाता है कि पाकिस्तान की राजनीति में पंजाब प्रांत का हमेशा ज्यादा प्रभाव रहा है.

बिलावल अली भुट्टो भी भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को बेहतर करने के पक्षधर माने जाते हैं. इससे पहले वे एक बार पाकिस्तान के शिव मंदिर में पूजा कर और एक बार भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित बयान देकर भी चर्चा में आ चुके हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में अगर गठबंधन की सरकार बनती है तो बिलावल की पार्टी किंगमेकर बन सकती है. 

इमरान खान: पाकिस्तान की सियासत में कब क्या हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता

पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. तोशाखाना मामले, सीक्रेट लेटर सार्वजनिक करने के मामले और गैर कानूनी तरीके से बुशरा बीबी से शादी करने के मामलों में इमरान खान को दोषी ठहराया जा चुका है. कोर्ट ने उन्हें कई साल जेल की सजा सुनाई है. जेल में बंद इमरान खान की पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी अथॉरिटीज द्वारा परेशान करने के आरोप लग रहे हैं. क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान को साल 2022 में प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था. अदालत ने उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी थी. 

इसके बाद भी इमरान खान पाकिस्तान में तीसरी बड़ी ताकत बने हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना के साथ तनावपूर्ण रिश्ते के बाद भी इमरान खान की पार्टी पीटीआई आम चुनाव में अहम असर डाल सकती है. पाकिस्तान की सियासत में कब क्या हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता. इस वजह से  पाकिस्तान की राजनीति के अहम खिलाड़ी और उनकी पार्टी को मिलते आम लोगों के समर्थन पर सबकी निगाह टिकी है.

भारत के प्रति इमरान खान का रुख भी सकारात्मक माना जाता रहा है. भारत की आर्थिक तरक्की और विदेश नीति की उन्होंने कई बार खुलकर तारीफ की है. कश्मीर मुद्दे पर भी उन्होंने नरम रुख अपनाते हुए भारत के साथ बातचीत की पेशकश की थी. साल 2019 में भी इमरान खान ने पीएम मोदी से शांति के लिए एक मौका देने की अपील की थी. पुलवामा हमले के बारे में खुफिया जानकारी मिलने पर कार्रवाई करने की तत्परता जाहिर की थी.

पाकिस्तान में कैसे होता है आम चुनाव, क्या है सरकार चुनने की पूरी प्रक्रिया

पाकिस्तान में भी भारत की तरह ही चुनावी प्रक्रिया पूरी की जाती है. भारत में होने वाले राज्यसभा चुनाव की तरह पाकिस्तान में अलग-अलग राज्यों के असेंबलियों के सदस्य पाकिस्तानी सीनेट का चयन करते हैं. निचले सदन के लिए सदस्यों को आम चुनावों के जरिए चुना जाता है. पाकिस्तान में कुल 342 सीटें हैं. इनमें से 272 सीटों पर सीधे चुनाव होता है. वहीं, 70 सदस्यों को खास तरह से चुना जाता है. कुल 342 में से 60 सीटें महिलाओं के लिए पहले से रिजर्व रहती हैं.

वहीं, देश के पारंपरिक और धार्मिक अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लिए 10 सीटें आरक्षित हैं. हालांकि इनका चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व नियम के तहत होता है. इसका मतलब है कि जो पार्टी जितनी सीटें जीतती है, उसी के ज्यादा सदस्य नोमिनेट होते हैं. 8 फरवरी को आम चुनाव में पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के 272 सांसद चुने जाएंगे. चुनाव नतीजे सामने आने के बाद जिस अकेले पार्टी या गठबंधन के पास बहुमत होगा. उसका नेता पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनेगा. 

पाकिस्तान में महज 18 लाख हिंदू वोटर्स, पुरुष और महिला मतदाताओं में भी भारी अंतर

पाकिस्तान की कुल आबादी लगभग 22 करोड़ है. इनमें से 12.67 करोड़ वोटर हैं. नेशनल असेंबली के लिए 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव में 90.67 हजार पोलिंग बूथ बनाए गए हैं.  6.85 करोड़ पुरुष और 5.84 करोड़ महिला मतदाता कुल 26 करोड़ बैलेट पेपर पर वोट के जरिए नई सरकार का चुनाव करेंगे. पाकिस्तान में कुल 36 लाख अल्पसंख्यक वोटर्स में आधे यानी 18 लाख हिंदू हैं. 2100 टन वजन वाले बैलेट पेपर को मतदान के तुरंत बाद पोलिंग बूथ पर ही चुनाव अधिकारी हाथों से गिनते हैं और देर रात तक नतीजे जारी कर देते हैं. 

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री कोई बने, भारत को नाराज करने का कभी नहीं लेगा रिस्क

पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव के नतीजों के बाद अगर कोई बिल्कुल चौंकाने वाला नतीजा सामने नहीं आया तो इन्हीं तीन प्रमुख नेताओं में से कोई एक अगला प्रधानमंत्री बन सकता है. ये तीनों नेता ही भारत के साथ अच्छे संबंधों की बात करते रहे हैं, चाहे उनके कारनामे कैसे भी रहे हों. हालांकि, पाकिस्तान के मामले में प्रधानमंत्री से ज्यादा वहां की सेना और आईएसआई भारत के साथ संबंधों के बारे में सरकारी नीतियां तय करती है. बहरहाल, कंगाली में बसर कर रहे मुल्क पाकिस्तान की सरकार या पाकिस्तान की सेना मौजूदा दौर में भारत को नाराज करने का कोई खतरा मोल नहीं ले सकती है. सर्जिकल स्ट्राइक को भूलना इतना आसान भी नहीं है. 

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