Why BJP Want Separate North Bengal: बंगाल में जबसे बीजेपी अध्यक्ष और सांसद डॉ. सुकांत मजूमदार ने बताया है कि उन्होंने पीएम मोदी से मिलकर उत्तर बंगाल को उत्तर पूर्व भारत में शामिल करने का प्रस्ताव सौंपा है, तबसे बंगाल में राजनीतिक माहौल गरमा गया है, आइए जानते हैं आखिर बीजेपी बंगाल के आठ जिलों को नॉर्थ-ईस्ट में क्यों शामिल कराना चाहती है, आखिर उसकी क्या है मंशा, उससे किसको मिलेगा फायदा, जानें पूरी इनसाइड स्टोरी.
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Separate North Bengal: पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार के एक बयान के बाद बंगाल में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है. मजूमदार का कहना है कि हमने पीएम मोदी से बात की है, और नॉर्थ बंगाल को नॉर्थ-ईस्ट में शामिल कराने का प्रस्ताव सौंपा है. ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी के नेता पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. मजूमदार और भाजपा की आलोचना करते हुए बताया है कि ये लोग "बंगाल विरोधी" हैं. आइए सबसे पहले जानते हैं कि आखिर सुकांत मजूमदार का बयान क्या है.
नॉर्थ बंगाल को नॉर्थ-ईस्ट में शामिल कराने की मांग
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार का एक वीडियो बंगाल में खूब वायरल हो रहा है. जिसमें वह कहते हुए दिख रहे हैं "मैंने आज पीएम से मुलाकात की और उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर भारत में शामिल करने का प्रस्ताव पेश किया है. अब पीएम को इस पर फैसला लेना है. लेकिन अगर उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर भारत में शामिल किया जाता है, तो इस क्षेत्र को केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा." भाजपा नेता ने आगे कहा कि इस तरह के कदम से क्षेत्र का बेहतर विकास सुनिश्चित होगा और उन्हें यकीन है कि राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं होगी.
नॉर्थ बंगाल को नॉर्थ-ईस्ट में क्यों शामिल कराना चाहती है भाजपा?
यह कोई पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने नॉर्थ बंगाल को बंगाल से अलग होने की बात कही है, इसके पहले भी इस तरह की मांग उठ चुकी है, इससे पहले अलग राज्य ही बनाने की मांग उठी थी. हाल के दिनों में भाजपा नेताओं और सांसदों ने पश्चिम बंगाल से अलग उत्तर बंगाल को अलग राज्य बनाने की मांग उठाई है. आइए जानते हैं इसके पीछे क्या है बीजेपी की मंशा.
बंगाल में बीजेपी टीएमसी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन उत्तर बंगाल में भाजपा का वर्चस्व बहुत तगड़ा है, बीजेपी का उत्तर बंगाल में किस तरह पकड़ है आप 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम से देख सकते हैं, जिसमें बीजेपी को उत्तर की सात लोकसभा सीटों में से पाँच पर जीत हासिल हुई, जबकि 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने उत्तर बंगाल की सात में से छह सीटों पर जीत हासिल की थी. यानी उत्तर बंगाल बीजेपी के करीब है.
नॉर्थ बंगाल केंद्र शासित राज्य बनाने की मांग
बीजेपी सांसद जॉन बारला ने पहले ही मांग की थी कि उत्तर बंगाल के आठ जिलों में से सात को मिलाकर राज्य से एक नया केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए.
नॉर्थ बंगाल को किस आधार पर बीजेपी करना चाहती है अलग
बीजेपी का कोई भी नेता जब नॉर्थ बंगाल को अलग करने की मांग करता है तो दो आधार जरूर देता है, नंबर एक कि इन जिलों में विकास नहीं हुआ है. दूसरा इन जिलों में भाजपा का दबदबा है, इसलिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार इन जिलों में ध्यान नहीं देती.
भाजपा बंगाल विरोधी है: टीएमसी नेता
उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर का हिस्साा बनाने के बयान के बाद ही राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया. टीएमसी ने मजमूदार के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, "सुकांत मजूमदार ने पीएम मोदी के साथ बैठक की थी. हालांकि, वह उत्तर बंगाल के विकास, उत्तर पूर्व परिषद आदि के बारे में बात कर रहे हैं, लोगों को भ्रमित करने और मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. सुकांत मजूमदार और उनके सहयोगी पूरी तरह से बंगाल विरोधी हैं. सुकांत मजूमदार और उनके समूह द्वारा उकसाए गए भाजपा ने बंगाल को वंचित कर दिया है. उनका विकास से कोई लेना-देना नहीं है.
आखिरी बूंद तक लड़ेंगे: टीएमसी प्रवक्ता रिजु दत्ता
इसी बीच टीएमसी प्रवक्ता रिजु दत्ता ने एक्स पर "बंगाल विरोधी, बंगाली विरोधी के कैप्शन के साथ एक पोस्ट शेयर किया. जिसमें उन्होंने लिखा कि भाजपा फिर से अपनी पुरानी चाल चल रही है. रेडक्लिफ के वंशजों को मैं स्पष्ट कर दूं. बंगाल का विभाजन पहले भी हो चुका है, जिससे लाखों लोगों को बहुत पीड़ा हुई, जिन्होंने अपना सब कुछ खो दिया. हम ऐसा दोबारा नहीं होने देंगे. हम बंगाल की संप्रभुता, अखंडता और सीमा की रक्षा के लिए अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे! बंगाल का फिर कभी विभाजन नहीं होगा.