US Iran Conflict: ईरान पर डायरेक्ट अटैक की हिम्मत करेगा अमेरिका? 3 जवानों की मौत के बाद बाइडेन की धमकी का क्या है मतलब
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US Iran Conflict: ईरान पर डायरेक्ट अटैक की हिम्मत करेगा अमेरिका? 3 जवानों की मौत के बाद बाइडेन की धमकी का क्या है मतलब

Jordan Drone Attack: जॉर्डन में अमेरिकी सैनिकों पर हुए हमले से बाइडेन आगबबूला हो गए हैं. बाइडेन ने हमले के जिम्मेदार लोगों को सबक सिखाने की धमकी दे दी है.

US Iran Conflict: ईरान पर डायरेक्ट अटैक की हिम्मत करेगा अमेरिका? 3 जवानों की मौत के बाद बाइडेन की धमकी का क्या है मतलब

Joe Biden Threat To Iran: जॉर्डन में एक ड्रोन हमले में अमेरिकी सेना (US Army) के 3 लोग मारे गए हैं, साथ ही कई लोग घायल भी हुए हैं. इसपर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने कड़ा रिएक्शन दिया है. बाइडेन ने कहा है कि हमले के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, गाजा में इजरायल-हमास युद्ध (Israel Hamas War) के बीच ईरान समर्थित मिलिशिया की तरफ से पश्चिम एशिया में अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ महीनों से जारी हमलों में पहली बार अमेरिकी नागरिक हताहत हुए हैं जिससे इलाके में इस तनाव के गहराने का खतरा बढ़ गया है. सवाल है कि अमेरिका बदला लेने के लिए क्या ईरान पर सीधा हमला करेगा?

अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने पर गुस्साए बाइडेन

बता दें कि खाड़ी देशों में तनाव बढ़ता ही जा रहा है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को एक बयान में कहा है कि जॉर्डन में एक ड्रोन हमले में अमेरिकी सर्विस के 3 लोग मारे गए हैं जबकि कई लोग जख्मी हुए हैं. बाइडेन ने इस हमले के लिए ईरान समर्थित विद्रोही गुटों को जिम्मेदार ठहराया है.

बाइडेन ने किया बदला लेने का ऐलान

प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि सभी जिम्मेदार लोगों को एक समय पर और चुने गए तरीके से जवाबदेह ठहराया जाएगा. हालांकि, जॉर्डन ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हमास के खिलाफ इजरायल से युद्ध शुरू होने के बाद से इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर हमले बढ़ गए हैं.

क्या ईरान पर डायरेक्ट हमला करेगा अमेरिका?

जो बाइडेन ने कहा कि मैं यह बताना चाहता हूं कि मध्य पूर्व में हमारे लिए एक कठिन दिन था. हमने अपने एक अड्डे पर हुए हमले में तीन बहादुर लोगों को खो दिया. मैं अपने तीनों शहीद सैनिकों के लिए मौन रख रहा हूं. हम इसका जवाब देंगे. बाइडेन के इस बयान से सवाल उठने लगा है कि क्या अमेरिका, ईरान के खिलाफ सीधी जंग के लिए मैदान में उतर जाएगा? क्या अमेरिका हमलों का जवाब ईरान पर सीधा हमला करके देगा?

सीधे हमले में क्या है रिस्क?

गौरतलब है कि अमेरिका, सीधे ईरान पर हमला करे इसकी संभावना बहुत कम है. क्योंकि मिडिल-ईस्ट पहले से ही जंग में उलझा हुआ है. ईरान के मुकाबले हमास और हिज्बुल्लाह तो बहुत छोटे हैं लेकिन इजराइल अभी तक उनसे पार नहीं पा पाया है. सीधे जंग में उतरने के बावजूद इजराइल सारे बंधकों को हमास के कब्जे नहीं छुड़ा पाया है. ईरान एक ताकतवर देश है. उसके साथ जंग में उतरे तो वो महीनों तक लंबी खिंच सकती है. इसके अलावा, इससे पूरे मिडिल-ईस्ट को खतरा हो सकता है. हालांकि, ये जरूर माना जा रहा है कि जैसे अमेरिका, ब्रिटेन ने हूती विद्रोहियों पर हमला किया था, कुछ वैसी ही कार्रवाई ईरान समर्थित लड़ाकों पर देखने को मिल सकती है.

क्या युद्ध के अलावा है कोई विकल्प?

दूसरी तरफ, इजरायल ने एकबार फिर से कहा है कि उसके पास युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं है. इसके साथ ही हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर फिर से बमबारी हुई है. इजरायली सेना ने दावा किया है कि उसने दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के सैन्य ठिकानों पर हमला किया. इस दौरान धायरा और आयता राख जैसी जगहों को निशाना बनाया गया.

इसके साथ ही IDF ने एक बयान में कहा कि वो किसी भी खतरे से इजरायल की सीमाओं की रक्षा करना जारी रखेगा. हिजबुल्लाह और इजराइली सैनिकों के बीच लगभग रोजाना झड़प हो रही हैं. पहले ये झड़प मुख्य रूप से सीमा से कुछ किलोमीटर के भीतर एक पट्टी तक सीमित थीं. लेकिन हाल के हफ्तों में ये युद्ध टारगेट किलिंग की रणनीति पर पहुंच गया है.

जान लें कि हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमलाकर वहां करीब 1200 लोगों की जान ले ली थी. जिसके जवाब में इजरायल भी गाजा को लगातार निशाना बना रहा है. इजरायल ने गाजा में हमास आतंकियों को मिटा देने की कसम खाई है. करीब 23 लाख लोग घरों से जाने पर मजबूर हो गए हैं. गाजा में भीषण मानवीय संकट देखने को मिल रहा है. अब तक इजरायल के हमलों में 23 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. इजरायल के बहुत से बंधक अभी भी हमास के कब्जे में हैं.

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