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इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका खारिज कर दी, जिसमें उत्तर प्रदेश में अनेक स्थानों पर लगी हाथी की मूर्तियों को ढकने के चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती दी गयी थी।
न्यायमूर्ति अमर शरण और न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता यह निर्थक याचिका दाखिल करने में दिग्भ्रमित हुआ है। चुनाव आयोग ने इस महीने की शुरूआत में राज्य में चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती और बसपा के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियों को ढकने का आदेश दिया था।
कानपुर विश्वविद्यालय के स्नातक के छात्र धीरज प्रताप सिंह ने जनहित याचिका दाखिल की थी। फिलहाल इलाहाबाद में रह रहे धीरज ने कहा कि उसका कोई राजनीतिक मकसद नहीं है। धीरज ने कहा था कि चुनाव आयोग का आदेश उसकी धार्मिक आस्थाओं को आघात पहुंचाने वाला है और पूरी चुनावी अवधि में मूर्तियों को ढकने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। पीठ का मानना था कि राज्य सरकार द्वारा मूर्तियों को लगाया जाना पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष गतिविधि है।
पीठ ने कहा कि इस तरह का संकेत देने वाली कोई सामग्री नहीं है कि जनता का कोई वर्ग लखनऊ, नोएडा और गौतम बुद्ध नगर में पार्कों में मूर्तियों को धार्मिक प्रतीक के रूप में देख रहा है।
(एजेंसी)