आपके किचन में रखीं ये 5 चीजें 'अमृत' से कम नहीं, खाने से लिवर से लेकर हार्ट तक अंग-अंग हो जाते हैं दुरुस्त
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आपके किचन में रखीं ये 5 चीजें 'अमृत' से कम नहीं, खाने से लिवर से लेकर हार्ट तक अंग-अंग हो जाते हैं दुरुस्त

Ayurveda For Health: भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाले कई मसाले व फूड्स असल में जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल वर्षों से बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेद में किया जा रहा है. इनमें से कुछ फूड्स को अमृत की तरह भी माना जाता है.

आपके किचन में रखीं ये 5 चीजें 'अमृत' से कम नहीं, खाने से लिवर से लेकर हार्ट तक अंग-अंग हो जाते हैं दुरुस्त

आयुर्वेद दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है. इसके अनुसार, भोजन दवा की तरह होता है. इससे ना केवल भूख शांत होती है बल्कि शरीर को एक्टिव रहने और सही तरह से फंक्शन करने के लिए पोषण मिलता है.

आयुर्वेद में बड़ी से बड़ी बीमारियों को ठीक करने के लिए जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है. दिलचस्प बात यह है कि इसमें से कई हर्ब आपके किचन में भी मौजूद हैं. हालांकि आमतौर पर ज्यादातर लोग इनके गुणों और फायदों को नहीं जानते हैं लेकिन आयुर्वेद विशेषज्ञ इन्हें अमृत की तरह परिभाषित करते हैं. क्योंकि इसके सेवन से न सिर्फ रोगों से बचाव होता है बल्कि उम्र भी लंबी होती है. यहां हम आपको ऐसे ही 5 चीजों के बारे में इस लेख में बता रहे हैं.

आंवला (Amla)

आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है और शरीर के नेचुरल डिटॉक्सीफिकेशन प्रोसेस में मददगार होता है. इसके अलावा आंवला खाने से आंखे स्वस्थ रहती हैं और त्वचा पर उम्र बढ़ने के प्रभाव कम नजर आते हैं. एनसीबीआई में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, आयुर्वेद में आंवला को श्वसन, हृदय और गठिया रोगों के उपचार के साथ-साथ मधुमेह में भी फायदेमंद बताया गया है.

घी (Ghee)

आयुर्वेद में घी को एक महत्वपूर्ण औषधीय भोजन माना जाता है. यह पाचन में सुधार करता है, साथ ही पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है और वात असंतुलन को कम करता है.

हल्दी (Haldi)

हल्दी अपने एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जानी जाती है. इसके नियमित सेवन से पाचन में सुधार, इम्यूनिटी बूस्ट और बॉडी नेचुरल तरीके से डिटॉक्स होती है.

शहद (Honey)

शहद को आयुर्वेद में नेचुरल अमृत माना जाता है. यह ऊर्जा प्रदान करता है, खांसी और जुकाम जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं को कम करता है. साथ ही घाव को जल्दी भरने में मदद करता है.

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गिलोय (Giloy)

गिलोय को इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली विशेषताओं के लिए जाना जाता है. यह बुखार को कम करता है, साथ ही खून से टॉक्सिन को साफ करने में कारगर होता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

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