डिमेंशिया एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या है जो सोचने, याददाश्त और समझने की क्षमता को कमजोर कर देती है. आइए जानें इन आदतों के बारे में, जो हानिरहित लगती हैं, लेकिन आपके दिमाग को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
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डिमेंशिया एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या है जो सोचने, याददाश्त और समझने की क्षमता को कमजोर कर देती है. हालांकि उम्र बढ़ने के साथ इसका खतरा बढ़ जाता है, लेकिन कुछ ऐसी आदतें हैं, जो हमें रोजाना अनजाने में करते हैं, जो डिमेंशिया के जोखिम को बढ़ा सकती हैं.
आइए जानें इन 6 आदतों के बारे में, जो हानिरहित लगती हैं, लेकिन आपके दिमाग को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
हिलना-डुलना न करना
पूरे दिन बैठे रहना न सिर्फ आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि दिमाग के लिए भी खतरनाक है. नियमित शारीरिक गतिविधि दिमाग के लिए जरूरी खून के फ्लो को बढ़ाती है और नए न्यूरॉन्स के निर्माण को बढ़ावा देती है, जिससे डिमेंशिया का खतरा कम होता हैय हर रोज कम से कम 30 मिनट मध्यम-तीव्रता वाला व्यायाम, जैसे तेज चलना, तैराकी या साइकिलिंग करें.
नींद की कमी
नींद के दौरान हमारा दिमाग टॉक्सिंस को साफ करता है और खुद को ठीक करता है. पर्याप्त नींद न लेने से ये टॉक्सिंस जमा हो जाते हैं, जिससे ब्रेन सेल्स को नुकसान पहुंचता है और डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है. हर रात 7-8 घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद लें.
तनाव का मैनेज न करना
ज्यादा तनाव दिमाग के लिए हानिकारक है और डिमेंशिया के विकास के खतरे को बढ़ा सकता है. योग, ध्यान या अन्य विश्राम तकनीकों का अभ्यास करके अपने तनाव के स्तर को कम करें.
दिमाग को चुनौती न देना
रोजाना दिमाग को हल्का रखना अच्छा लगता है, लेकिन अगर आप हमेशा दिमाग को आराम देते रहेंगे तो यह धीमा पड़ने लगता है. नए कौशल सीखें, पहेलियां सुलझाएं, या अन्य दिमागी कसरत करें. दिमाग को चुनौती देना न सिर्फ डिमेंशिया का जोखिम कम करता है, बल्कि आपकी याददाश्त और सोचने की क्षमता को भी बेहतर बनाता है.
अनहेल्दी डाइट
फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड और चीनी का अधिक सेवन दिमाग की सेहत के लिए हानिकारक है. इन चीजों में पोषक तत्वों की कमी होती है और सूजन को बढ़ावा देते हैं, जो ब्रेन सेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है. फल, सब्जियां, साबुत अनाज और मछली जैसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें.
धूम्रपान और शराब का सेवन
धूम्रपान और शराब का सेवन ब्लड सेल्स को नुकसान पहुंचाता है और खून के फ्लो को कम करता है, जिससे दिमाग तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है. इससे डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है. धूम्रपान और शराब का सेवन पूरी तरह से छोड़ दें या बेहद कम कर दें.