AIIMS Smart Lab: दिल्ली के एम्स में AI बेस्ड स्मार्ट लैब शुरू, लंबी लाइन से छुटकारा, वेटिंग टाइम में भी कमी
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AIIMS Smart Lab: दिल्ली के एम्स में AI बेस्ड स्मार्ट लैब शुरू, लंबी लाइन से छुटकारा, वेटिंग टाइम में भी कमी

AI Based Smart Lab: दुनिया के तमाम फील्ड में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है, मेडिकल साइंस भी इससे अछूता नहीं है, दिल्ली के एम्स ने एक सराहनीय पहल की है.

AIIMS Smart Lab: दिल्ली के एम्स में AI बेस्ड स्मार्ट लैब शुरू, लंबी लाइन से छुटकारा, वेटिंग टाइम में भी कमी

AI-Assisted Laboratory in AIIMS Delhi: जरा सोचिए कि आप अपने परिवार के सदस्य का इलाज कराने अस्पताल ले गए हों और वहां सैंपल देने के लिए पेशेंट को एक जगह से दूसरी जगह दौड़ लगानी पड़े. फिर टेस्ट रिपोर्ट हासिल करने के लिए भी लंबी लाइन में समय बर्बाद करना पड़े. ऐसे में आप जरूर सोचेंगे कि काश यहां कभी आना ही नही पड़ता, लेकिन अब देश के नामी हॉस्पिटल ने इस परेशानी को दूर करने का जिम्मा उठाया है, जो दूसरे मेडिकल संस्थानों के लिए नजीर साबित हो सकता है.

एम्स में स्मार्ट लैब शुरू
दिल्ली के एम्स अस्पताल ने भारत की पहली स्मार्ट लैब लॉन्च की है, ये हॉस्पिटल के ओपीडी ब्लॉक में स्थित है. इसके जरिए एक छत के नीचे सारे टेस्ट किए जा सकेंगे. सबसे अच्छे बात ये है कि लेबोरेटरी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करती है जिससे टेस्टिंग की स्पीड और एक्युरेसी बेहतर हो जाती है.

 

एक दिन में होंगे इतने टेस्ट
एम्स के स्मार्ट लैब में  हेमेटोलॉजी (Hematology), बायोकैमिस्ट्री (Biochemistry), कोगुलेशन (Coagulation), सीरोलॉजी (Serology), एंडोक्रिनोलॉजी (Endocrinology)और कई तरह के इम्यूनोएसे (Immunoassay) समेत 1000 टेस्ट किए जा सकेंगे.

पेपरलेस फैसिलिटी
एम्स दिल्ली के लेबोरेटरी मेडिसिन के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. सुदीप कुमार दत्त (Dr. Sudip Kumar Datta) 'आकाशवाणी' को बताया कि एम्स में स्मार्ट लैब की मदद से 90 फीसदी सैंपल के रिपोर्ट उसी दिन मिल जाएंगे. यह पहल तकनीकी विकास में सबसे आगे है, जो पूरी तरह से पेपरलेस फैसिलिटी के रूप में काम कर रही है. यानी आप मोबाइल में ही रिपोर्ट हासिल कर सकेंगे.

मरीजों को क्या-क्या फायदे होंगे?

1. ब्लड सैंपल कैंपस के 3 अलग-अगल सेंटर्स से कलेक्ट किए जा सकेंगे, जिसमें पेशेंट को 1 किलोमीटर या इससे कम दूरी तय करनी होगी.

2. अलग-अलग टेस्ट के लिए बार-बार सैंपल लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसकी वजह से इंजेक्शन की चुभन को कम किया जा सकेगा.

3. सैंपल की मात्रा भी कम होगी, इससे खून की बर्बादी कम होगी. सिर्फ 10 से 12 मिलीलीटर ब्लड काफी होगा.

4. टेस्ट रिजल्ट के लिए आपको ज्यादा इधर-उधर दौड़ने की जरूरत नहीं होगी, कई रिपोर्ट्स मोबाइल में ही मिल जाएंगे.

5. मरीज और उनके रिश्तेदार की परेशानी पहले से कहीं कम हो जाएगी, क्योंकि आप लंबी लाइन से बच जाएंगे.

6. टेस्ट रिजल्ट हासिल करने में जो वेटिंग टाइम ज्यादा लगता था, उसे कम किया जा सकेगा.

7. लैब की इफिशिएंसी 43 फीसदी से ज्यादा बढ जाएगी.

8. पहले एक फिक्सड टाइम में सैंपल कलेक्ट होता था, लेकिन अब ये सुविधा 24X7 होगी.

 

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