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नई दिल्ली: गर्मी का मौसम आया नहीं कि बस हर वक्त ठंडी चीजें खाने का मन करता है, जैसे- ठंडा पानी, आइसक्रीम, जूस, कोल्ड ड्रिंक आदि. बच्चों को गर्मी के मौसम का बेसब्री से इंतजार इसलिए रहता है क्योंकि इस दौरान उनकी छुट्टियां होती हैं और उन्हें घूमने-फिरने और मस्ती करने का मौका मिलता है. लेकिन चूंकि गर्मी में हीट (Heat) और ह्यूमिडिटी (Humidity) बढ़ने की वजह से तापमान अधिक हो जाता है, इस कारण बीमारियों का भी खतरा (Diseases Risk) अधिक रहता है. ऐसी कई बीमारियां हैं जो गर्मी के मौसम में ही ज्यादा होती हैं. इसलिए बेहद जरूरी है कि आप खुद को और अपने परिवार के सदस्यों को इन बीमारियों से बचाकर रखें.
1. हीट स्ट्रोक या लू लगना- हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) को मेडिकल टर्म में हाइपरथर्मिया कहते हैं और यह गर्मी के मौसम में होने वाली सबसे कॉमन बीमारी है. लंबे समय तक बाहर धूप में या गर्म तापमान में रहने की वजह से यह बीमारी होती है. हीट स्ट्रोक होने पर मरीज में सिर में दर्द, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना या बेहोशी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. इसे लू लगना भी कहते हैं. इससे बचने के लिए खाली पेट घर से बाहर बिलकुल न निकलें और गर्मी में पानी पीते रहें. हीट स्ट्रोक से बचने के लिए सिर, चेहरे और आंखों को कवर करके रखें.
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2. फूड पॉयजनिंग- गर्मियों में होने वाली एक और कॉमन समस्या फूड पॉयजनिंग (Food Poisoning) है. इस मौसम में बैक्टीरिया, वायरस और फंगस की भी ग्रोथ अधिक होती है. गर्मी और ह्यूमिड वातावरण में ये रोगाणु तेजी से फैलते हैं और भोजन को दूषित कर देते हैं. इसी दूषित भोजन को खाने से फूड पॉयजनिंग हो सकती है और पेट से जुड़ी कई और दिक्कतें भी. इससे बचने के लिए बासी और पुराना खाना न खाएं. हमेशा घर का बना ताजा खाना खाएं. बाहर की चीजें खाने से भी परहेज करें.
3. स्किन पर चकत्ते या घमौरी होना- जैसे-जैसे गर्मी बढ़ने लगती है स्किन पर चकत्ते (Rashes) या घमौरी (Heat Rashes) होने का खतरा भी बढ़ जाता है. इसका कारण ये है कि गर्मी में पसीना अधिक निकलता है लेकिन अगर टाइट कपड़ों की वजह से पसीना, शरीर से बाहर न निकल पाए और पसीने की ग्रंथि में ही फंसा रहे तो उस जगह पर लाल-लाल चकत्ते, दाने या घमौरी हो जाती है जिसमें बहुत अधिक खुजली होती है. इससे बचने के लिए गर्मियों में हल्के रंग के, ढीले-ढाले कॉटन कपड़े ही पहनने चाहिए.
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4. टायफाइड का खतरा- टायफाइड (Typhoid) दूषित पानी से होने वाली बीमारी है और आमतौर पर जब संक्रमित बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करता है तब टायफाइड की समस्या होती है. इसमें तेज बुखार, भूख न लगना, पेट में तेज दर्द होना, कमजोरी महसूस होना जैसे लक्षण नजर आते हैं. गर्मी के मौसम में टायफाइड का खतरा भी अधिक रहता है और इससे बचने के लिए बाहर का दूषित खाना न खाएं. टायफाइड से बचने के लिए वैक्सीन भी ले सकते हैं.
5. मीजल्स और चिकनपॉक्स- गर्मी के मौसम में मीजल्स (Measles) यानी खसरा और चिकनपॉक्स (Chickenpox) जैसी बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है. मीजल्स और चिकनपॉक्स दोनों ही वायरस से होने वाली बीमारी है. मीजल्स से बचने के लिए वयस्कों के साथ ही नवजात शिशुओं को भी MMR का टीका लगाया जाता है. चिकनपॉक्स से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है. इसके लिए अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं, सैनिटाइज करें, बीमारी से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)