पीठ, गर्दन, कूल्हों को मजबूती देता है ये आसन, दिमाग भी रहता है शांत, जानिए करने की आसान विधि
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पीठ, गर्दन, कूल्हों को मजबूती देता है ये आसन, दिमाग भी रहता है शांत, जानिए करने की आसान विधि

Benefits of Hastapadasana: योग की मदद से आप एक स्वस्थ जीवन पा सकते हैं. इस खबर में जानिए हस्तपादासन की विधि और जबरदस्त लाभ..

Benefits of Hastapadasana

Benefits of Hastapadasana: आज हम आपके लिए हस्त पदासन के फायदे लेकर आए हैं. ये आसन न सिर्फ आपके शरीर को हील करता है बल्कि नई जिंदगी भी देता है. हस्त पादासन के अभ्यास से पूरी पीठ पर खिंचाव आता है. ये सिर से लेकर पैर तक पूरे हिस्से पर प्रभाव डालता है. अगर आप तनाव और चिंदा से जूझ रहे हैं या फिर पीठ दर्द से परेशान हैं तो इसका नियमित अभ्यास करें, राहत मिलेगी. 

क्या है हस्त पादासन (what is Hastapadasana)
हस्त पादासन संस्कृत भाषा का शब्द है. 'हस्त' शब्द का अर्थ हाथों से है, जबकि 'पाद' शब्द का अर्थ पैरों से है. 'आसन' का अर्थ बैठने, लेटने या खड़े होने की स्थिति या मुद्रा से है. इसका शाब्दिक अर्थ होता है, हाथों और पैरों से किया जाने वाला आसन.

हस्त पादासन करने की विधि (method of doing Hastapadasana)

  • योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं.
  • अब दोनों हाथ हिप्स पर रख लें.
  • सांस को भीतर खींचते हुए घुटनों को मुलायम बनाएं.
  • अब कमर को मोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें.
  • हिप्स और टेलबोन को हल्का सा पीछे की ओर ले जाएं.
  • धीरे-धीरे हिप्स को ऊपर की ओर उठाएं.
  • इस दौरान दबाव ऊपरी जांघों पर आने लगेगा. 
  • हाथों को पैर के पंजे के बगल में जमीन पर रखें.
  • इस वक्त आपके पैर एक-दूसरे के समानांतर रहेंगे. 
  • साथ ही आपका सीना पैर के ऊपर छूता रहेगा.
  • सीने की हड्डियों और प्यूबिस के बीच चौड़ा स्पेस रहेगा.
  • इसके बाद जांघों को भीतर की तरफ दबाएं.
  • फिर शरीर को एड़ी के बल स्थिर बनाए रखें.
  • सिर को नीचे की तरफ झुकाएं और टांगों के बीच से झांककर देखते रहें. 
  • इसी स्थिति में 15-30 सेकेंड तक स्थिर बने रहें.
  • इसके बाद आराम से सामान्य अवस्था में आ जाएं.

हस्त पादासन के जरबदस्त फायदे (Amazing benefits of Hastapadasana)

  1. ये आसन पीठ, हिप्स, पिंडली और टखनों को अच्छा स्ट्रेच देता है.
  2. इसका अभ्यास दिमाग को शांत करता है और एंग्जाइटी से राहत देता है. 
  3. सिरदर्द और इंसोम्निया की समस्या होने पर भी ये आसन आराम देता है. 
  4. इसका नियमित अभ्यास पेट के भीतरी पाचन अंगों को मसाज देकर पाचन सुधारता है. 
  5. इसका नियमित अभ्यास करने से किडनी और लिवर सक्रिय रहते हैं.
  6. ये हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, नपुंसकता को ठीक करने में भी मददगार है.
  7. आखों की समस्याएं ,नाक ,कान ,गले की समस्याओं को खत्म करता है.

हस्त पादासन का अभ्यास करते वक्त रखें ये सावधानियां

  • खाली पेट ही इस आसन का अभ्यास करना चाहिए.
  • सुबह उठकर इसका अभ्यास फायदेमंद माना जाता है.

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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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